शुगर में पैर दर्द, जलन और क्रैंप- लक्षण, ट्रीटमेंट और घरेलू इलाज | Sugar Me Pairo Dard, Jalan Aur Sujan ka Karan

डायबिटीज अपने आप में कोई समस्या नहीं है जब तक कि इसके कोई लक्षण दिखाई न दें। लेकिन यह एक मेटाबॉलिज्म  सिचुएशन है जिसे कंट्रोल न करने पर कुछ परेशानियां हो सकती हैं।

डायबिटीज की वजह से घावों का धीमा भरना, हार्ट और किडनी की समस्याएं, लैक्टिक एसिडोसिस और डायबिटिक न्यूरोपैथी जैसी समस्याएं होती हैं। इसके अलावा, डायबिटीज के पीड़ितों में पैरों की समस्याएं जैसे डायबिटिक फुट, पैर में दर्द और क्रैंप्स भी नॉर्मल है।

ऐसी सभी सिचुएशन का मेन कारण नर्वस (तंत्रिका) डैमेज है।

ब्लड में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ लेवल अक्सर पैरों की नसों के ब्लड फ्लो में ऑक्सीजन को रोकता है जिस कारण पैरों में तेज दर्द और क्रैंप होता है।

जब डायबिटीज के पीड़ित डायबिटिक फुट में क्रैंप के लक्षण को नजरअंदाज करते हैं तो इससे नर्वस (तंत्रिका) डैमेज हो सकता है।

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डायबिटीज पैर दर्द क्या है?

डायबिटीज और पैर दर्द का गहरा संबंध है। शुगर के पीड़ितों  को तलवों(सोल्स), पिंडलियों(कॉल्फ) और जांघों(थाईज) में हल्के दर्द के रूप में डायबिटीज का दर्द महसूस हो सकता है। कभी-कभी डायबिटिक फुट दर्द लोअर लिंब(निचले अंग) में सुई चुभने जैसा फील होता है।

दर्द के कारण शुगर के पीड़ितों के लिए सोना और चलना मुश्किल हो जाता है। यह नर्वस (तंत्रिका) सेंसटीविटी में बदलाव के कारण होता है। डायबिटिक फुट का दर्द घावों और डायबिटीज संबंधी अल्सर  बनने या लोअर लिंब(निचले अंगों) में नसों के दबने के कारण होता है।

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डायबिटिक फुट के दर्द का कारण

डायबिटीज और पैर दर्द एक ऐसी समय है जो ना चाहते हुए भी कुछ कारणों से यह हो जाता है। ये सभी कारण शरीर में शुगर प्रॉसेस करने के तरीके से जुड़े होते हैं।

डायबिटीज को कंट्रोल करने का गलत तरीका पैर में दर्द का मुख्य कारण है। जब ब्लड शुगर लेवल अधिक होता है तो नर्वस (तंत्रिका) तक ब्लड पहुंचाने वाली छोटे आकार की कैपिलरिज (केशिकाएं)  डैमेज हो जाती हैं।

इस तरह की डैमेज पैर(लेग) और पैरों(फीट) पर होती है। डैमेज हुई नसें डायबिटिक फुट के दर्द का कारण बनती हैं।

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लेकिन इसके और भी कारण हो सकते हैं। डायबिटीज के पीड़ितों में पैर का दर्द विभिन्न फैक्टर्स के कारण होता है जैसे-

factors affecting Diabetes foot pain

नर्वस (तंत्रिका) डैमेज  

उच्च ब्लड शुगर आपकी उन नसों को नुकसान पहुंचा सकता है जो आपके पैरों और ब्रेन (मस्तिष्क) के बीच संदेश भेजती हैं। इससे आपके पैरों की सेंसटिविटी कम हो सकती है इसलिए हो सकता है कि आपको पता ही न चले कि पैरों में चोट लगी है या नहीं। ये छिपी हुई चोटें बाद में डायबिटीज के पीड़ितों में पैरों दर्द का कारण बन सकती हैं।

ख़राब ब्लड फ्लो

ब्लड वेसल्स (वाहिकाएं) उन रास्तों की तरह होती हैं जो आपके पैरों तक भोजन और ऑक्सीजन पहुंचाती हैं। जब शुगर ज्यादा होती है तो ये रास्ते संकरे हो सकते हैं जिससे आपके पैरों को मिलने वाली जरूरी चीजों का मिलना धीमा हो जाता है। इससे आपके पैरों में दर्द हो सकता है जो बहुत धीरे-धीरे ठीक होता है।

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सूजन(इन्फ्लेमेशन)

डायबिटीज आपके शरीर के प्रोटेक्शन सिस्टम को बहुत ज्यादा मेहनत करने पर मजबूर कर सकता है। इससे ब्लड वेसल्स(वाहिकाओं) और नसों में सूजन हो सकती है जिससे दर्द होता है।

मांसपेशियों में परेशानी

आपके पैरों की मांसपेशियों को चलने के लिए फ्यूल(ऊर्जा) की जरूरत होती है। लेकिन जब शुगर बहुत अधिक हो जाती है तो आपकी मांसपेशियों को वह फ्यूल नहीं मिल पाता जिसकी उन्हें ज़रूरत होती है। इससे आपकी मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं और हिलने-डुलने पर दर्द हो सकता है।

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कमजोर इम्यूनिटी

हाई-शुगर से आपके शरीर का सेफ्टी सिस्टम कमजोर हो जाता है। इससे इंफेक्शन से लड़ना कठिन हो जाता है। आपके पैरों में इंफेक्शन के कारण दर्द हो सकता है।

ब्लड वेसल्स की डैमेज

हाई-शुगर आपके पैरों में ब्लड ले जाने वाली वेसल्स (वाहिकाओं) को नुकसान पहुंचा सकती है। इससे ऐसी सिचुएशन पैदा हो सकती है जहां चलने या हिलने-डुलने पर आपके पैरों में क्रैंप और दर्द हो सकता है।

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डायबिटीज पैर दर्द के रिस्क फैक्टर्स

foot pain risk factors

समरी

डायबिटीज के पीड़ित जो शराब पीते हैं उनमें विटामिन की कमी, इंफेक्शन, ऑटोइम्यून बीमारी और रेपिटिटिव मोशन की समस्या होती है। उनमें डायबिटिक फुट में क्रैंप होने का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए डायबिटीज के पीड़ितों को शराब पीने से बचना चाहिए और इंफेक्शन के लिए अपने पैरों की जांच करानी चाहिए।

डायबिटीज से पीड़ित लगभग आधी आबादी न्यूरोपैथी का अनुभव करती है। यह उन लोगों में आम है जिन्हें अपने ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने में दिक्कत होती है। डायबिटीज न्यूरोपैथी का सामान्य कारण जो डायबिटिक फुट दर्द का कारण बनता है अकंट्रोल ब्लड शुगर लेवल है। इसके अलावा दूसरे फैक्टर्स जो डायबिटीज पैर दर्द का कारण बन सकते हैं-

  • विटामिन की कमी
  • शराब
  • रिपेटिटिव मोशन (पुनरावृत्त गति)
  • ऑटो-इम्यून डिजीज (स्व – प्रतिरक्षित) रोग
  • इंफेक्शन

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डायबिटिक फुट(लेग) दर्द के लक्षण

Diabetic foot symptoms

टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण पैर दर्द और मोशन को भी प्रभावित करता है। न्यूरोपैथी के कारण डायबिटिक फुट का दर्द धीरे-धीरे पैरों में सुन्नता या झुनझुनी के साथ शुरू होता है। जलन और तेज दर्द होना आम बात है। सिंड्रोम बढ़ने पर डायबिटिक फुट दर्द के और दूसरे लक्षण हैं-

  • त्वचा, नाखून और बालों में बदलाव
  • मांसपेशियों में कमजोरी
  • ब्लड प्रेशर में बदलाव
  • घावों(चोट) का धीरे-धीरे ठीक होना
  • पैरालिसिस (पक्षाघात)
  • गैस्ट्रिक  समस्याएं
  • शार्प, शूटिंग और बर्निंग 

 जो कोई भी टाइप 2 डायबिटीज पैर दर्द से पीड़ित है वह इन लक्षणों को अलग-अलग डिग्री में अनुभव करता है। डायबिटिक पैर दर्द के लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं।

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डायबिटिक फुट दर्द में कॉम्प्लिकेशन (जटिलताएँ)

डायबिटिक फुट पेन  कई प्रकार की कॉम्प्लिकेशन ला सकता है जो दैनिक जीवन और ओवरऑल हेल्थ को प्रभावित करती हैं। ये कॉम्प्लिकेशन डायबिटीज के कारण पैरों में ब्लड वेसल्स (वाहिकाओं), नर्वस (तंत्रिका) और इम्युनिटी को प्रभावित करती हैं।

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इंफेक्शन और स्लो हीलिंग

डैमेजग् हुई नसों के कारण चोट या इंफेक्शन महसूस करना मुश्किल हो सकता है। यहां तक कि मामूली घाव भी सीरियस इंफेक्शन में बदल सकते हैं क्योंकि उन पर ध्यान नहीं दिया जाता या तुरंत इलाज नहीं किया जाता। डायबिटीज शरीर की नैचुरल ट्रीटमेंट प्रक्रिया को भी धीमा कर देता है जिससे इन इंफेक्शन का सही होना बहुत कठिन हो जाता है।

अल्सर और गैंग्रीन

पुराना इंफेक्शन अल्सर होने का कारण बन सकता है – खुले घाव जो सही से ठीक नहीं होते हैं। ये छाले गहरे हो सकते हैं और त्वचा के नीचे के टिश्यू तक पहुंच सकते हैं। कुछ मामलों में जब ब्लड फ्लो काफी सीरियस तरीके से रुक जाता है तो गैंग्रीन (टिश्यू डेथ) हो सकती है। जिसको फैलने से रोकने के लिए सर्जिकल ट्रीटमेंट की जरूरत होती है।

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एम्पुटेशन (रिमूवल)

नर्वस (तंत्रिका) डैमेज, खराब ब्लड फ्लो और कमजोर इम्युनिटी के कारण सीरियस इंफेक्शन और ठीक न होने वाले अल्सर का खतरा बढ़ जाता है।

हाई लेवल होने पर किसी व्यक्ति की जान बचाने और इंफेक्शन को बढ़ने से रोकने के लिए पैर की उंगलियों यहां तक कि पैरों को काटने (हटाने) की जरूरत हो सकती है।

लिमिटेड मोबिलिटी

लगातार पैर दर्द के कारण स्वतंत्र रूप से घूमना काफी चैलेंजिंग हो सकता है। कम मोबिलिटी के कारण सेडेंट्री लाइफस्टाइल हो सकती है जिससे डायबिटीज मैनेजमेंट और ओवरऑल हेल्थ खराब हो जाता है।

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क्वालिटी लाइफ पर प्रभाव

क्रोनिक पैर दर्द डेली एक्टिविटी जैसे नींद और इमोशनल वेल-बीइंग को प्रभावित करता है। दर्द के कारण क्वालिटी लाइफ में कमी आ सकती है, मेंटल हेल्थ और ओवरऑल हैप्पीनेस पर असर पड़ सकता है।

समरी

डायबिटिक फुट पेन  केवल डिसकंफर्ट के बारे में नहीं है – यह सीरियस कॉम्प्लिकेशन के एक ग्रुप से जुड़ा हुआ है जो हेल्थ, मोबिलिटी, इमोशनल वेल बीइंग और यहां तक कि फाइनेंशियल स्टेबिलिटी पर भी  प्रभाव डाल सकता है। ब्लड शुगर कंट्रोल, रेगुलर पैरों की देखभाल सहित जरूरी डायबिटीज मैनेजमेंट इन कॉम्प्लिकेशन को रोकने और क्वालिटी लाइफ बनाए रखने के लिए जरूरी है।

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डायबिटिक लेग पेन के लिए ट्रीटमेंट

डायबिटिक फुट पेन के अलग-अलग स्टेज होते हैं और हर स्टेज का इलाज अलग-अलग तरीके से किया जाता है। फर्स्ट स्टेप मॉनिटरिंग करना और उसे बदतर होने से बचाने के लिए उसका समाधान करना है। डायबिटीज के पीड़ितों के लिए पैर दर्द के किसी भी रूप को नजरंदाज करना गलत है भले ही ये लक्षण उनकी डेली रूटीन को डिस्टर्ब न करें। बार-बार क्रैंप और ज्यादा दर्द डायबिटिक न्यूरोपैथी के संकेत हैं।

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डायबिटिक फुट पेन के सभी स्टेज के हिसाब से यहां अलग-अलग ट्रीटमेंट विकल्प दिए गए हैं जिन पर कोई विचार कर सकता है-

एक्सरसाइज के साथ डायबिटीज नर्वस लेग पेन का मैनेजमेंट 

एक्सरसाइज हेल्दी रहने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आपको डायबिटीज है तो रेगुलर एक्सरसाइज आपके ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने में मदद कर सकता है। यह डायबिटीज के कारण होने वाली कॉम्प्लिकेशन को रोकने में भी मदद करता है। एक्सरसाइज न्यूरोपैथी को रिवर्स नही कर सकता लेकिन डायबिटीज नर्वस पेन को कम कर सकता है और आपको शारीरिक रूप से एक्टिव रखता है। यहां डायबिटीज पीड़ितों के लिए पैर दर्द से निपटने के लिए कुछ एक्सरसाइज की लिस्ट दी गई है-

लो-इंपैक्ट वाले एक्सरसाइज- इसमें स्विमिंग, योग, साइकिल चलाना और पैदल चलना शामिल हैं जो आपकी मांसपेशियों पर ज्यादा दबाव नहीं डालते हैं। इस तरह के एक्सरसाइज आपके शरीर को मोशन में रखते हैं ताकि आपके दर्द वाले पैर की मूवमेंट रुक न जाए। ये एक्सरसाइज आपकी मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों को सहारा देते हैं।

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स्ट्रेंथ ट्रेनिंग

इसमें ऐसे एक्सरसाइज शामिल हैं जिनमें वर्कआउट करते समय कुछ बाहरी रेजिस्टेंस होता है। इस तरह का रेजिस्टेंस मांसपेशियों की टॉलरेंस पावर और मेंटल हेल्थ में सुधार करने में मदद करता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है। डायबिटीज पीड़ित के पैर की क्रैंप को कम करने और पैर की मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज किया जा सकता है।

बैलेंस और स्टेबिलिटी का काम

डायबिटीज न्यूरोपैथी के कारण आपके पैरों में डैमेजग् नर्वस (तंत्रिका) फंक्शन और सेंसेशन से डायबिटीज के पीड़ितों में गिरने का खतरा बढ़ जाता है। इस लिए आपको अपनी मांसपेशियों और उनके न्यूरॉन्स को एक साथ काम करने के लिए ट्रेन करने की जरूरत है। वन-लेग एक्सरसाइज, प्लैंक्स, बर्ड-डॉग जैसे एक्सरसाइज बैलेंस और स्टेबिलिटी के लिए किए जाते हैं।

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मन और शरीर के लिए एक्सरसाइज

नर्वस (तंत्रिका) सिस्टम को ऐसे एक्सरसाइज की जरूरत होती है जो मन और शरीर को शांत करें। योग, ताई ची और मेडिटेशन डायबिटिक फुट पेन न्यूरोपैथी और नर्वस (तंत्रिका) सिस्टम संबंधी सभी समस्या को मैनेज करने में मदद करते हैं। ऐसे एक्सरसाइज दर्द मैनेजमेंट में भी सहायक होते हैं। योग से स्ट्रेस लेवल, ब्लडप्रेशर और सूजन को कम किया जा सकता है और शरीर में बेहतर ब्लड फ्लो को बढ़ावा देता है। इसलिए डायबिटिक न्यूरोपैथी वाले लोग जो योग का अभ्यास करते हैं वे डायबिटिक फुट क्रैंप को मैनेज कर सकते हैं।

डायबिटीज के पीड़ितों को डायबिटिक फुट पेन और क्रैंप के इलाज के लिए दिन में कम से कम 30 मिनट तक एक्सरसाइज करना चाहिए।

समरी

एक्सरसाइज आपको फिट और हेल्दी रखने का एक शानदार तरीका है। यह डायबिटीज के पीड़ितों के लिए भी सही है। एक्सरसाइज डायबिटीज पीड़ितों को उनके ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने, शरीर में बेहतर ब्लड फ्लो को बढ़ावा देने, मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है। यह डायबिटिक न्यूरोपैथी के कारण होने वाली सूजन और पैरों के दर्द को कम करने में भी मदद करता है।

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दवाओं की वजह से होने वाले पैर दर्द का मैनेजमेंट 

डायबिटीज पीड़ितों में पैरों में दर्द और क्रैंप का कारण डायबिटिक न्यूरोपैथी है। अगर आपको ऐसे असहनीय दर्द का अनुभव हो तो आपको जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत है। इससे आपको तुरंत राहत पाने में मदद मिलेगी। ओवर-द-काउंटर दवाओं के इस्तेमाल से पैर दर्द का इलाज करें।

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डायबिटिक फुट की क्रैंप के इलाज के लिए निर्धारित दवाएं हैं-

  • डुलोक्सेटीन (सिम्बल्टा)
  • प्रीगैबलिन (लिरिका)
  • एमिट्रिप्टिलाइन (एलाविल)
  • वैल्प्रोइक एसिड (डेपाकेन)
  • वेनलाफैक्सिन (एफ़ेक्सोर)

कुछ दवाएं जैसे ट्रामाडोल और टेपेंटाडोल और दर्द रोकने वाले स्प्रे भी हैं जो दर्द के इलाज में मदद करते हैं।

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पैर की क्रैंप को कम करने के लिए डाइट सप्लीमेंट

बाजार में ऐसे डाइट सप्लीमेंट हैं जो डायबिटिक फुट पेन और पैर की क्रैंप को कम करने में मदद करते हैं। सप्लीमेंट से जरूरी न्यूट्रिशन मिलते हैं जो नर्वस (तंत्रिका) टिश्यू की रिपेयर के लिए जिम्मेदार होते हैं और आगे की डैमेज को रोकते हैं। डायबिटिक न्यूरोपैथी के इलाज के लिए कुछ ट्रस्टेड सप्लीमेंट हैं-

विटामिन डी

विटामिन डी एक जरूरी न्यूट्रिशन है जो हड्डियों के फायदे के लिए जिम्मेदार है। यह हेल्दी नर्वस (तंत्रिका) फंक्शन में भी मदद करता है और सूजन को कम करता है। दूध और कुछ दूसरे फूड मटेरियल के अलावा सूर्य की रोशनी विटामिन डी का सबसे अच्छा सोर्स हैं। विटामिन डी के लिए डाइट सप्लीमेंट भी बाज़ार में उपलब्ध है जो विटामिन डी की कमी का इलाज करने में मदद करता है।

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विटामिन बी-12

विटामिन बी-12 हेल्दी नर्वस (तंत्रिका) फंक्शन को बढ़ावा देने और नर्वस डैमेज को रोकने के लिए जिम्मेदार है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों को नर्वस डैमेज होने का ज्यादा खतरा होता है इसलिए नर्वस फंक्शन को बेहतर करने के लिए विटामिन बी-12 की डोज लेनी चाहिए। मेटफोर्मिन टैबलेट एक नॉर्मल एंटी-डायबिटीज दवा है जो किसी व्यक्ति में विटामिन बी-12 की कमी कर सकती है। इसलिए डायबिटीज से पीड़ित लोगों को विटामिन बी-12 की डोज लेनी चाहिए। मांस और मछली में भी विटामिन बी-12 मौजूद होता है। मांसाहारी लोगों के लिए ये विटामिन बी-12 का सबसे अच्छा सोर्स हैं।

एसिटाइल-एल-कार्निटाइन

यह मानव शरीर में पहले से मौजूद नैचुरल केमिकल की कॉपी है। यह शरीर में हेल्दी सेल्स के बनने में मदद करता है। पेरीफेरल डायबिटिक न्यूरोपैथी से पीड़ित लोग दर्द को कम करने के लिए एसिटाइल-एल-कार्निटाइन सप्लीमेंट लेते हैं। इस डाइट सप्लीमेंट के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं जैसे उल्टी और मतली। यह ब्लड को पतला करने वाली दवाओं के साथ भी रिएक्शन कर सकता है।

इसलिए पैर दर्द से आराम पाने के लिए इस सप्लीमेंट को लेने से पहले अपने डॉक्टर से सुझाव लें।

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अल्फ़ा-लिपोइक एसिड (ALA)

यह एक एंटीऑक्सीडेंट है जो ओरल सप्लीमेंट के रूप में उपलब्ध है। यह डायबिटिक नर्वस पेन को खत्म करने और नर्वस डैमेज को रोकने में मदद करता है। अल्फ़ा-लिपोइक एसिड एक सप्लीमेंट है जो ब्रोकोली और गाजर में नेचुरली मौजूद होता है।

समरी

ओवरऑल हेल्थ और डायबिटीज के कारण होने वाले पैरों के दर्द को दूर करने के लिए हेल्दी डाइट जरूरी है। न्यूट्रिशन की  कमी को पूरा करने के लिए डाइट सप्लीमेंट हैं। ये सप्लीमेंट आपके शरीर को जरूरी न्यूट्रिशन देते हैं जो डायबिटीज के कारण पैर के क्रैंप को कम करने में मदद करते हैं।

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डायबिटीज पैर दर्द के घरेलू इलाज-

डायबिटिक फुट पेन की दवा या सप्लीमेंट के अलावा डायबिटिक पैर दर्द के इलाज के लिए और भी बहुत कुछ मौजूद है। दवाएं और सप्लीमेंट कुछ समय के लिए डायबिटीज के कारण होने वाली सूजन और पैर दर्द को कम कर सकते हैं। अगर इन्हें लंबे समय तक लिया जाए तो इनके कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इसलिए घरेलू इलाज डायबिटिक पैर दर्द और क्रैंप का बिना किसी साइड इफेक्ट के इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका है। डायबिटिक पैर दर्द के कुछ घरेलू इलाज नीचे बताये गए हैं-

  • अपने पैरों को गर्म पानी से धूलें
  • अपने ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने के लिए ट्रेड मिल का इस्तेमाल करें
  • सैर के लिए जाएं
  • अपने पैरों को असुविधा से बचाने के लिए बेड क्रेडल का इस्तेमाल करें
  • काफ (पिंडलियों) पर सरसों के तेल से मालिश करें और अपने पंजों को ऊपर की ओर खींचें
  • बेड पर जाने से पहले स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें
  • एक्यूपंक्चर टेक्निक
  • लो-इंपैक्ट एक्सरसाइज जो पैर की परेशानी को टारगेट करते हैं और उसका इलाज करते हैं
  • पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम से भरपूर डाइट लें।
  • सपोर्टिव और आरामदायक जूते पहनें
  • पैरों में बेहतर ब्लड फ्लो को बढ़ावा देने के लिए ज्यादा लिक्विड पिएं

डायबिटिक पैर दर्द का घरेलू इलाज सही है और पैर दर्द के इलाज का एक आसान तरीका भी है। आप इन उपायों को दिन में किसी भी समय बिना किसी साइड इफेक्ट के डर के कर सकते हैं। आप डायबिटिक पैर दर्द के घरेलू ट्रीटमेंट का पालन करते समय डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएँ लेना जारी रख सकते हैं।

समरी

दवाएं डायबिटीज और इससे जुड़ी समस्याओं को मैनेज करने में मदद करती हैं।  कुछ घरेलू उपाय  के साथ मिलकर दवाएं और बेहतर काम कर सकती हैं। डायबिटिक पीड़ित अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने और डायबिटिक पैर दर्द के इलाज के लिए घरेलू ट्रीटमेंट अपना सकते हैं। मांसपेशियों के दर्द को कम करने के लिए कुछ घरेलू ट्रीटमेंट प्रभावी हैं और आपको डेली एक्टिविटी में मदद करते हैं।

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क्या आप डायबिटिक पैर दर्द को ठीक कर सकते हैं?

डायबिटिक पैर दर्द की डायरेक्ट रिवर्सबिलिटी नहीं है और ये कई फैक्टर्स पर डिपेंड करती है। कंप्लीट रिवर्सल काफी चैलेंजिंग हो सकता है बढ़िया मैनेजमेंट से दर्द और इससे जुड़ी समस्याओं में सुधार किया जा सकता है।

नर्वस रिजनरेशन- कुछ स्ट्डीज से पता चलता है कि हाई-ब्लड शुगर से डैमेज हुई नसें अच्छी तरह से कंट्रोल्ड  डायबिटीज के कारण फिर से रिजनरेट हो सकती हैं। लेकिन यह प्रॉसेस धीमा है और इससे फुल रिकवरी नहीं हो सकती है।

उदाहरण के लिए 2006 में “डायबिटीज़ केयर” पत्रिका में प्रकाशित एक रिसर्च से पता चला है कि ब्लड शुगर कंट्रोल में सुधार से कुछ पीड़ितों में नर्वस फंक्शन में सुधार हो सकता है।

अर्ली इंटरवेंशन – अर्ली डिटेक्शन और प्रोटेक्टिव मैनेजमेंट एक अहम भूमिका निभाते हैं। “जर्नल ऑफ डायबिटीज इन्वेस्टिगेशन” (2018) रिसर्च नर्वस डैमेज को बढ़ने से रोकने के लिए अर्ली इंटरवेंशन के महत्व पर प्रकाश डालता है।

यदि नर्वस डैमेज को जल्दी पकड़ लिया जाता है तो लाइफस्टाइल में बदलाव और दवाओं के इस्तेमाल से इसे खराब होने से रोका जा सकता है।

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ब्लड फ्लो को सही करना – ख़राब ब्लड फ्लो को ठीक करना जरूरी है। सर्कुलेशन रिसर्च (2017) में प्रकाशित रिसर्च से पता चलता है कि एक्सरसाइज और दवाओं से ब्लड फ्लो में सुधार किया जा सकता है और कुछ ब्लड वेसल्स फंक्शन को रि-स्टोर और दर्द को कम किया जा सकता है।

हॉलिस्टिक अप्रोच- पेन मैनेजमेंट टेक्निक, फिजियोथेरेपी और साइकोलॉजिकल हेल्प जैसे तमाम तरीकों से व्यक्ति के लाइफ क्वालिटी को बढ़ाया जा सकता है।

पेन रिसर्च और मैनेजमेंट (2019) में एक स्टडी में डायबिटिक न्यूरोपैथी के फिजिकल और इमोशनल एस्पेक्ट्स दोनों पर बात करने के लिए एक मल्टी-डिसिप्लिनरी अप्रोच के महत्व पर जोर देता है।

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पीड़ित में वेरिबिलिटी– जेनेटिक, डायबिटीज ड्यूरेशन, नर्वस डैमेज और ओवरऑल हेल्थ जैसे फैक्टर के कारण व्यक्तियों में वेरिबिलिटी (परिवर्तनशीलता) अलग होती है। इसलिए जो एक व्यक्ति के लिए काम करता है वह दूसरे के लिए उतना सही ढंग से काम नहीं कर सकता है।

समरी

डायबिटिक पैर दर्द को पूरी तरह से ठीक करना चैलेंजिंग हो सकता है लेकिन सभी फैक्टर्स को मिलाने से सुधार संभव है। साइंटिफिक स्ट्डीज में ब्लड शुगर कंट्रोल, अर्ली इंटरवेंशन, ब्लड फ्लो, नर्वस (तंत्रिका) फंक्शन और ओवरऑल वेल बीइंग को बढ़ाने के लिए हॉलिस्टिक अप्रोच अपनाने के महत्व पर बात करते हैं। इंडिविजुअल नीड और सिचुएशन के हिसाब से मैनेजमेंट प्लान तैयार करने के लिए हेल्थ केयर स्पेशलिस्ट के साथ मिलकर काम करना जरूरी है।

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कनक्लूजन (निष्कर्ष)

डायबिटीज टाइप-1 और टाइप-2 दोनों ही हेल्थ समस्याओं का कारण बनते हैं। डायबिटिक न्यूरोपैथी उनमें से एक है। हाई-ब्लड शुगर लेवल के कारण डायबिटीज पीड़ितों में नर्वस डैमेज होता है। इससे पैरों की नसों को नुकसान पहुंचता है और बहुत ही ज्यादा दर्द होता है। बार-बार पैर में होने वाले क्रैंप और दर्द डायबिटीज के पीड़ितों के लिए डेली लाइफ को कठिन बना देते हैं। एक्सरसाइज और दवाएं कुछ राहत दे सकती हैं लेकिन डायबिटीज मैनेजमेंट डायबिटिक न्यूरोपैथी और पैर के क्रैंप को रोक सकता है।

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सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न – Frequently Asked Questions

डायबिटीज पीड़ितों  को क्रैंप क्यों होती है?

डायबिटीज पीड़ितों  को नर्वस (तंत्रिका) डैमेज के कारण क्रैंप जैसा फील हो सकता है जिससे मांसपेशियों के संकेत कमजोर हो सकते हैं। किडनी फंक्शन में बदलाव के कारण इलेक्ट्रोलाइट गड़बड़ हो सकता है। 

डायबिटीज पीड़ितों में पैर में क्रैंप का क्या कारण है?

डायबिटीज पीड़ितों में पैर की क्रैंप नर्वस (तंत्रिका) डैमेज, इंबैलेंस इलेक्ट्रोलाइट्स (जैसे पोटेशियम और मैग्नीशियम) और मांसपेशियों को प्रभावित करने वाले ब्लड फ्लो में कमी के कारण होता है।

क्या पैर में क्रैंप डायबिटीज का लक्षण है?

हां, पैर में क्रैंप डायबिटीज का एक लक्षण हो सकता है जो अक्सर नर्वस (तंत्रिका) डैमेज और मिनिरल्स इंबैलेंस के कारण होता है।

क्या डायबिटीज के कारण मांसपेशियों में क्रैंप हो सकती है?

हां, डायबिटीज के कारण इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस, नर्वस डैमेज और खराब ब्लड सर्कुलेशन के कारण मांसपेशियों में क्रैंप हो सकती है जो मांसपेशियों के फंक्शन को प्रभावित करती है।

डायबिटीज के कारण पैरों के दर्द को कैसे कम करें?

डायबिटीज के कारण पैरों के दर्द को कम करने के लिए ब्लड शुगर कंट्रोल, एक्सरसाइज, अच्छा सर्कुलेशन बनाए रखने और बैलेंस्ड डाइट को फॉलो करने पर ध्यान दें।

यह जानने के लिए कि आपकी सिचुएशन को मैनेज करने का सबसे आसान तरीका क्या है आप ब्रीद वेल-बीइंग के हेल्थ कोच से बात कर सकते हैं। ये आपको एक इंडिविजुअल प्लान सजेस्ट करेंगें जो आपकी सिचुएशन को समझ कर उसे सुधारने में मदद करेगी (बिना दवा के)।

डायबिटीज में पैर दर्द क्यों?

डायबिटीज में पैर का दर्द नर्वस (तंत्रिका) डैमेज, लो-ब्लड फ्लो, सूजन और हाई-ब्लड शुगर की वजह से होने वाली मांसपेशियों की समस्याओं के कारण होता है।

 

डायबिटीज में पैर दर्द से कैसे राहत पाएं?

ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करना, रेगुलर एक्सरसाइज, पैरों की जरूरी देखभाल और दवाएं डायबिटिक पैर दर्द को कम करने में मदद कर सकती हैं। आप पर्सनल सलाह के लिए डॉक्टर से सुझाव ले सकते हैं।

क्या डायबिटीज के कारण पैर में दर्द होता है?

हां, डायबिटीज के कारण नर्वस (तंत्रिका) डैमेज, खराब ब्लड फ्लो, हाई-ब्लड शुगर लेवल और सूजन की वजह से पैरों में दर्द हो सकता है।

डायबिटीज पीड़ितों में पैर दर्द का कारण क्या है?

डायबिटीज के कारण पैर में दर्द पेरीफेरल न्यूरोपैथी के कारण होता है। यह वह सिचुएशन है जो तब उत्पन्न होती है जब नसें डैमेज हो जाती हैं। 

जब शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है तो नर्वस (तंत्रिकाओं) में ऑक्सीजन का फ्लो कम हो जाता है। इस कारण पैरों के टिश्यू डेड हो जाते हैं और दर्द होता है।

क्या डायबिटीज का दर्द रिवर्सबल है?

डायबिटिक न्यूरोपैथी कई तरह की होती है और उनमें से ज्यादातर को रिवर्स नहीं किया जा सकता है।

लेकिन आप डायबिटीज से जुड़ी नर्वस के दर्द के लिए कुछ दवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप स्ट्रिक्ट डायबिटीज कंट्रोल और वेट(वजन) मैनेजमेंट को फॉलो करके न्यूरोपैथी और और इससे जुड़े डायबिटिक दर्द में थोड़ा सुधार ला सकते हैं। ज्यादातर डायबिटीज पीड़ितों में लगातार लक्षण बने रहते हैं। कभी-कभी उन्हें नर्वस दर्द से जुड़ी विकलांगता तक हो सकती है।

पैर में दर्द होने पर मुझे डॉक्टर से कब सुझाव लेना चाहिए?

सभी प्रकार के पैर दर्द डायबिटिक फुट पेन नहीं हैं। इसलिए आपको पैर दर्द का कारण जानने की जरूरत है। कुछ समय आराम करने के बाद भी लगातार पैर दर्द होने पर और आपके ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल से अधिक होने पर अपने डॉक्टर से बातचीत करें। बार-बार क्रैंप और पैरों में तेज दर्द डायबिटिक न्यूरोपैथी के संकेत हैं। डायबिटिक न्यूरोपैथी से जुड़े रिस्क और कॉम्प्लिकेशन को कम करने के लिए आपको टाइप 2 डायबिटीज के हल्के लक्षण वाले पैर दर्द के बारे में भी अपने डॉक्टर से बात करना चाहिए।

क्या वैरिकाज़ वेन (नस) न्यूरोपैथी होने का कारण है?

बहुत से लोग जो वैरिकोज़ वेन से पीड़ित हैं पूछते हैं “क्या वैरिकोज़ वेंस न्यूरोपैथी का कारण बनती हैं”? 

वैरिकाज़ वेंस गहरे रंग की नसें होती हैं जो मुड़ने वाली रस्सी जैसी दिखती हैं। वे तब बनते हैं जब नसों के अंदर के वाल्व कमजोर हो जाते हैं। नर्वस डैमेज के कारण न्यूरोपैथी डायबिटीज होता है। वैरिकाज़ वेंस पेरीफेरल न्यूरोपैथी की तरह सेंसेशन में बदलाव का कारण नहीं बनती हैं।

क्या डायबिटिक पैर दर्द और पैर के क्रैंप के लिए सर्जिकल मेडिसिन ट्रीटमेंट की जरूरत है?

डायबिटीज के कारण मांसपेशियों में क्रैंप होता है। कुछ दवाओं और घरेलू ट्रीटमेंटों से इनका इलाज संभव है। पैर दर्द को रोकने के लिए डायबिटीज पीड़ितों को अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना चाहिए। वैसे पैर दर्द के लिए सर्जिकल ट्रीटमेंट की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन डायबिटिक फुट के सीरियस इंफेक्शन के मामले में पैर का अलग होना जरूरी है।

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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