रक्त शर्करा या ग्लूकोज हमारे रक्त का एक महत्वपूर्ण घटक है जो आपके शरीर को ऊर्जा देता है। जब ब्लड शुगर की मात्रा सामान्य सीमा से अधिक हो जाती है, तो उस अवस्था को मधुमेह कहा जाता है। यह समय के साथ व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। मधुमेह मूल रूप से दिल के दौरे, गुर्दे की विफलता, आंखों की बीमारियों, सुनने में परेशानी और कई अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं के जोखिम को बढ़ाता है। इसलिए डायबिटीज़ ब्लड टेस्ट द्वारा अपने ब्लड शुगर लेवल को ट्रैक करना बहुत महत्वपूर्ण है। भारत में औसतन शुगर जाँच में लगने वाली राशि के बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को पढ़ें।
विभिन्न प्रकार के मधुमेह का पता लगाएं
आमतौर पर मधुमेह के लक्षण दिखने में समय लगता है। यदि शुरुआत में ही मधुमेह का पता न चले तो यह कई स्वास्थ्य जटिलताओं को जन्म दे सकता है। इसलिए, कई डॉक्टर, हेल्थकेयर से जुड़े लोग और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग नियमित रूप से अपना शुगर टेस्ट करवाना पसंद करते हैं। यह न केवल उन्हें अपने मधुमेह और इसके प्रकार को पहचानने में मदद करता है बल्कि मधुमेह प्रबंधन या उसको मैनेज करने में भी मदद करता है।
मधुमेह मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं:
- टाइप-2 मधुमेह
- टाइप-1 मधुमेह
- गर्भावधि मधुमेह
प्रत्येक प्रकार के मधुमेह का पता लगाने के लिए विभिन्न प्रकार के परीक्षण या जाँच की जाती है। हालांकि, फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज और रेंडम ब्लड शुगर जाँच सामान्य प्रकार के मधुमेह परीक्षण हैं। साथ ही, जो कोई भी अपने रक्त शर्करा के स्तर को जानना चाहता है, वह मधुमेह परीक्षण के लिए जा सकता है। हालांकि, यदि आप अधिक वजन वाले, उच्च रक्तचाप, 45 वर्ष से अधिक उम्र के हैं या मधुमेह का पारिवारिक इतिहास है, तो आपको मधुमेह होने का खतरा बढ़ जाता है।
ग्लूकोज स्तर की सामान्य सीमा/स्तर
एक स्वस्थ व्यक्ति, जिसे मधुमेह नहीं है, उसकी सामान्य फास्टिंग (भोजन पूर्व) ग्लूकोज रेंज 72-99 मिलीग्राम / डीएल है, जबकि भोजन के 2 घंटे के बाद उनकी ग्लूकोज रेंज 140 मिलीग्राम / डीएल तक हो सकती है।
टाइप -1 या टाइप -2 मधुमेह व्यक्तियों में, फास्टिंग रक्त शर्करा की सामान्य सीमा 100 मिलीग्राम / डीएल तक होती है। हालांकि, भोजन के 2 घंटे बाद यह 180 मिलीग्राम/डीएल तक हो सकती है।
मूत्र ग्लूकोज स्तर की सामान्य सीमा 14 मिलीग्राम / डीएल होती है और यदि आपकी जाँच में इसका स्तर इस सीमा से अधिक ही तो आप एक मधुमेह रोगी हैं।
रक्त शर्करा स्तर (Blood Glucose Range) | ||
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अवस्था/ स्थिति (Condition) | फास्टिंग (भोजन पूर्व ) रक्त शर्करा सामान्य स्तर (Fasting Values Ref Range) | भोजन उपरांत रक्त शर्करा सामान्य स्तर (Post Meal Values Ref Range) |
सामान्य स्तर (Non-Diabetic) | 72-99 mg/dl | Up to 140 mg/dL |
टाइप -1 डायबिटीज़ (Type 1 Diabetic) | Up to 100 mg/dL | Up to 180 mg/ dL |
टाइप -2 डायबिटीज़ (Type 2 Diabetic) | Up to 100 mg/dL | Up to 180 mg/ dl |
मूत्र ग्लूकोस/शर्करा (Urine Glucose) | Up to 14 mg/dL |
टाइप-2 मधुमेह के लिए परीक्षण/जाँच
टाइप-2 मधुमेह वाले व्यक्ति में, वैसे तो शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन करता है लेकिन शरीर इसका कुशलतापूर्वक उपयोग करने में सक्षम नहीं होता है। ऐसे ही कई और लक्षण है जो किसी व्यक्ति के डायबिटीक होने की ओर इशारा करते हैं।
टाइप -2 डायबिटीज़ का पता लगाने या ट्रैकिंग के लिए किए जाने वाले परीक्षणों या जाँचों में शामिल हैं:
फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज (FPG) टेस्ट: यदि आप FPG टेस्ट के लिए जा रहे हैं, तो आपको खाली पेट या उपवास के बाद रक्त का नमूना देना चाहिए। आपके रक्त में शर्करा की मात्रा को जाँचने के लिए हाथ या आपकी उंगली के ऊपरी हिस्से से रक्त लिया जाता है। अगर आपका ब्लड शुगर लेवल 99mg/dL या उससे कम है तो आपका fbs नॉर्मल रेंज में है। प्री-डायबिटीज वाले लोगों में यह स्तर 100 से 125 मिलीग्राम / डीएल के बीच होता है। वहीं जिन लोगों का शुगर लेवल 126mg/dL से ज्यादा हो उन्हें मधुमेह रोगी माना जाता है।
फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज (एफपीजी) (Fasting Plasma Blood Glucose) | |
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परिणाम | रेफरी रेंज / संदर्भ श्रेणी (Ref Range) |
सामान्य | 100 मिलीग्राम / डीएल से कम |
प्रीडायबिटीज | 100 से 125 मिलीग्राम / डीएल |
मधुमेह | 126 मिलीग्राम / डीएल या अधिक |
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रैंडम प्लाज्मा ग्लूकोज (आरपीजी) परीक्षण: रैंडम रक्त शर्करा परीक्षण में, आपको उपवास करने की आवश्यकता नहीं होती है। आप खाना खाने के बाद भी जाँच करवा सकते हैं। यदि आपका वज़न कम हो रहा हो, दिखने मे परेशानी होने लगी हो या बार बार पैशान आने से शरीर मे पानी की कमी होने लगी हो, ऐसी स्थिति में डॉक्टर आपको इस जाँच के लिए सलाह दे सकते हैं अगर आपका रैंडम शुगर रेंज 200mg/dL या इससे ज्यादा है तो आपको डायबिटीज है।
रेंडम प्लाज़्मा ग्लूकोस जाँच | ||
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प्लाज़्मा ग्लूकोस जाँच | सामान्य | डायबिटीज़/मधुमेह |
रेंडम | 200 mg/dl से कम | 200 mg/dl या अधिक |
हीमोग्लोबिन A1c परीक्षण (HbA1C टेस्ट): इस जाँच में औसत शर्करा परीक्षण स्तर निर्धारित किए जाते हैं। इस जाँच में पिछले तीन महीनों में रक्त शर्करा के स्तर का औसत मापा जाता है। मधुमेह वाले लोग यह परीक्षण करवाते हैं ताकि वे अपने रक्त शर्करा के स्तर को ट्रैक कर सकें। जब हीमोग्लोबिन A1c का स्तर 5.7% से नीचे होता है तो आपका मधुमेह का स्तर सामान्य होता है यानि आप मधुमेह से मुक्त हैं। वहीं यदि ये स्तर 5.7 से 6.4 के बीच है तो आपको प्री-डायबिटीज है। 6.4 से अधिक एचबीए1सी स्तर का मतलब है आपको मधुमेह है।
एचबीए1सी और रक्त शर्करा | ||||
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A1c % | औसत रक्त शर्करा mg/dl | |||
4 | 68 | |||
5 | 97 | |||
6 | 126 | |||
7 | 152 | |||
8 | 183 | |||
9 | 212 | |||
10 | 240 | |||
11 | 269 | |||
12 | 298 | |||
13 | 326 | |||
14 | 355 |
भारत में टाइप-1 मधुमेह के परीक्षण की औसत लागत (मूल्य) (राशि)
मधुमेह टाइप-1 का पता लगाना थोड़ा मुश्किल है। आमतौर पर बहुत से लोगों को थकान महसूस करने के अलावा टाइप-1 डायबिटीज के और कोई लक्षण नजर नहीं आते। इसलिए, ऐसी स्थिति में आपका डॉक्टर आपको मधुमेह परीक्षण करवाने के लिए कह सकता है। साथ ही, यदि आपके परिवार में मधुमेह का इतिहास है तो भी आपसे मधुमेह परीक्षण के लिए कहा जा सकता है।
औसत लागत/मूल्य वाले मधुमेह टाइप-1 के कुछ सामान्य परीक्षण/जाँच हैं:
मूत्र परीक्षण: टाइप-1 मधुमेह होने के संदेह में डॉक्टर आपको मूत्र शर्करा परीक्षण प्रक्रिया करने के लिए कह सकते हैं। जब आपका शरीर इंसुलिन बनाना बंद कर देता है, ऊर्जा की आवश्यकता होने पर शरीर वास ऊतक का उपयोग करता है जिससे आपके शरीर में कीटोन बॉडी बनने लगती है। इसलिए, मधुमेह का पता करने के लिए मूत्र में कीटोन बॉडी के स्तर की जांच की जाती है। ग्लूकोज के स्तर को जानने के लिए एक विशेष डिपस्टिक को मूत्र के नमूने में डुबोया जाता है।
सी-पेप्टाइड: सी-पेप्टाइड अग्न्याशय द्वारा निर्मित होता है। यदि कोई व्यक्ति मधुमेह से पीड़ित है, तो इंसुलिन के उत्पादन के साथ-साथ सी-पेप्टाइड का उत्पादन भी कम हो जाता है। मधुमेह के लिए अन्य परीक्षणों की तरह, इस परीक्षण में भी सिरिंज के माध्यम से रक्त का नमूना लिया जाता है। सी-पेप्टाइड की सामान्य सीमा 0.5 और 2.0 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर के बीच होती है। जब आपका शरीर क्रमशः कम या ज्यादा इंसुलिन का उत्पादन करता है तो इसके स्तर भी ऊपर नीचे हो जाते हैं।
इंसुलिन ऑटोएंटिबॉडीज: इस प्रकार का परीक्षण शरीर में उन एंटीबॉडी का पता लगाने में मदद करता है जो आपके इंसुलिन को प्रभावित करती है। टाइप 1 मधुमेह वाले लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली इंसुलिन को प्रभावित या नष्ट कर देती है।
इनके अलावा टाइप-1 डायबिटीज के बारे में पता लगाने के लिए फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज (FPG) टेस्ट और रैंडम प्लाज्मा ग्लूकोज (RPG) टेस्ट भी किया जाता है। साथ ही हो सकता है कि कई बार हीमोग्लोबिन A1C टेस्ट, टाइप-1 मधुमेह में सटीक परिणाम देने में सक्षम न हो।
रोगियों में मधुमेह की जाँच के लिए किए गए परीक्षण | ||
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नैदानिक जाँच ( Diagnostic Tests) |
स्थिति जानें (Checks Condition) | शुगर जाँच की औसत लागत/ राशि (Avg. Cost of Test of Sugar Test) |
फास्टिंग प्लाज़्मा ग्लूकोस (एफपीजी) जाँच | 72-99 mg/dl | Up to 140 mg/dL |
रेंडम प्लाज़्मा ग्लूकोस (आरपीजी) जाँच | Up to 100 mg/dL | Up to 180 mg/ dL |
हीमोग्लोबिन ए1सी जाँच | Up to 100 mg/dL | Up to 180 mg/ dl |
फास्टिंग मूत्र शर्करा जाँच | Up to 14 mg/dL | Up to 180 mg/ dl |
सी- पेप्टाइड | Up to 14 mg/dL | Up to 180 mg/ dl |
इंसुलिन ऑटोएंटीबॉडीस | Up to 14 mg/dL | Up to 180 mg/ dl |
गर्भावधि मधुमेह के लिए परीक्षण या जाँच:
गर्भावस्था के दौरान, कुछ महिलाओं को गर्भावधि मधुमेह का पता चलता है। यह एक ऐसी स्थिति है जब गर्भावस्था को सहारा देने के लिए आवश्यक इंसुलिन का शरीर सही से उपयोग नहीं कर पाता। यह मुख्य रूप से गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर में होने वाले हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होता है। गर्भकालीन मधुमेह गर्भ में बच्चे के विकास को प्रभावित कर सकता है और जन्म से ही सांस लेने में समस्या, मोटापा और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
गर्भावधि मधुमेह की जांच के लिए निम्नलिखित प्रकार के शर्करा परीक्षण किए जाते हैं:
प्रारंभिक ग्लूकोज चेलेंज: इस प्रकार की मधुमेह जांच में, आपको एक सिरपयुक्त ग्लूकोज घोल पिलाया जाता है। एक घंटे के बाद आपका ब्लड शुगर लेवल टेस्ट किया जाता है। अगर आपका ब्लड शुगर लेवल 140mg/dL से नीचे है तो आपके ब्लड शुगर का स्तर सामान्य है। अन्यथा, डॉक्टर आपके गर्भावधि मधुमेह के इलाज के लिए दवाएं शुरू कर देगा।
फॉलो-अप ग्लूकोस टोलेरेन्स टेस्टिंग: यह एक अन्य प्रकार का परीक्षण है जिसमें आपको रात भर उपवास करने के लिए कहा जाता है फिर उपवास या फास्टिंग रक्त शर्करा के स्तर को मापा जाता है। इस जाँच के बाद आपको एक अधिक शर्करा वाला घोल पिलाया जाता है और फ़िर जाँच की जाती है। इस प्रक्रिया को 3 घंटे बाद दोहराया जाता है। यदि दोनों में से कोई भी रीडिंग सामान्य स्तर से अधिक है, तो आपको गर्भावधि मधुमेह होने की संभावना होती है।
घर पर ब्लड ग्लूकोज टेस्ट या जाँच:
आजकल रक्त परीक्षण करवाना बहुत सुविधाजनक हो गया है। मार्केट में विभिन्न प्रकार के घरेलू किट उपलब्ध हैं जिनसे एक व्यक्ति रेंडम प्लाज्मा ग्लूकोज की जाँच कर सकता है। मधुमेह जाँच किट में ग्लूकोमीटर और ग्लूकोज मीटर स्ट्रिप शामिल है। किट पर सभी दिशा-निर्देश लिखे होते हैं। मुख्य रूप से, उंगली की नोक पर सूई चुभ कर रक्त का नमूना लिया जाता है। इसके बाद इस रक्त को ग्लूकोज मीटर स्ट्रिप पर रखा जाता है जिसे बाद में ग्लूकोमीटर में डाला जाता है। 20-30 सेकंड के भीतर, आपको अपना परिणाम मिल जाता है।
इसी के साथ ही निरंतर ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम भी उपलब्ध हैं जो आपके रक्त शर्करा के स्तरों को ट्रैक करने में मदद करता हैं। इस डिवाइस में ग्लूकोज सेंसर शामिल होता है जो आपकी त्वचा के नीचे डाला जाता है और एक पहनने योग्य उपकरण होता है जो आपको आपके परिणाम दिखाता है। जब आपका ब्लड शुगर लेवल हाई या लो हो जाता है तो सिस्टम आपको अलर्ट करता हैं।
टाइप-2, टाइप-1 और गर्भकालीन मधुमेह का उपचार
आपको अपने बढ़े हुए शुगर लेवेल्स के बारे में डॉक्टर से परामर्श करने की आवश्यकता है। आपके शुगर लेवल के अनुसार ही आपका इलाज निर्धारित होता है। आमतौर पर टाइप-1 डायबिटीज़ का इलाज अस्थायी इंसुलिन शॉट्स से किया जाता है जबकि टाइप-2 और जेस्टेशनल डायबिटीज को आपके ब्लड ग्लूकोज़ लेवल की जांच करके नियंत्रित किया जा सकता है।
इनके साथ ही आपको अपने मधुमेह को नियंत्रण में रखने के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने की आवश्यकता होती है। शराब और धूम्रपान जैसी बुरी आदतों से बचें, स्वस्थ भोजन करें, नियमित रूप से व्यायाम करें और अपने मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए अपने वज़न पर नियंत्रण रखें। तनाव एक और आम कारण है जो आपके हार्मोन को अनियंत्रित करके मधुमेह या डायबिटीज़ को ट्रिगर कर सकता है। इसलिए, तनाव प्रबंधन आपके मधुमेह को नियंत्रण में रखने का एक और प्रभावी तरीका है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
मधुमेह रक्त परीक्षण के दुष्प्रभाव क्या हैं?
मधुमेह रक्त परीक्षण में बहुत कम जोखिम है और इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं होते। हालांकि, रक्त निकालने वाले स्थान पर कुछ लोगों को दर्द या सूजन का अनुभव हो सकता है।
रेंडम रक्त शर्करा परीक्षण की लागत क्या होती है?
आरबीएस टेस्ट की लागत अलग-अलग पैथोलॉजिकल लैब में भिन्न होती है। अलग-अलग शहरों में राशि बदल सकती है हालांकि इसमें ज्यादा लागत नहीं आती।
मधुमेह के लिए रक्त परीक्षण या जाँच कहाँ कारवाई जा सकती है?
आपके आस-पास पैथोलॉजी लैब आसानी से मिल सकती हैं जहां आप मधुमेह की जाँच करवा सकते हैं। कुछ पैथोलॉजी लैब ऑनलाइन सुविधाएं भी प्रदान करती हैं। आपको बस सैंपल कलेक्शन के लिए बुकिंग करनी होगी। नमूना लेने के लिए उनके प्रतिनिधि आपके यहाँ आते हैं। आप आसानी से अपनी ऑनलाइन शुगर टेस्ट रिपोर्ट देख सकते हैं।
मधुमेह का पता लगाने के लिए किस नमूने/सैम्पल की आवश्यकता होती है?
मधुमेह के अधिकांश परीक्षणों में रक्त का नमूना लिया जाता है। मुख्य रूप से आपके रक्त के प्लाज्मा से इसका पता लगाया जाता है। साथ ही मधुमेह के लिए मूत्र-परीक्षण में मूत्र का नमूना लिया जाता है।
क्या मधुमेह का इलाज संभव है?
आप इंसुलिन, दवाओं और जीवनशैली में बदलाव के साथ अपने मधुमेह को नियंत्रित कर सकते हैं। हालांकि, अभी तक टाइप-2 और टाइप-1 डायबिटीज़ का कोई इलाज नहीं है। जबकि, हार्मोनल संतुलन द्वारा गर्भावधि मधुमेह का इलाज प्राकृतिक रूप से हो जाता है।
संदर्भ:
- https://www.healthline.com/health/blood-sugar-tests#procedure
- https://www.medicalnewstoday.com/articles/325729#type-1
- https://www.portea.com/labs/diagnostic-tests/random-blood-sugar-rbs-test-151/#section_0
- https://www.endocrineweb.com/conditions/type-1-diabetes/type-1-diabetes
- https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/diabetes/diagnosis-treatment/drc-20371451
Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal
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