शुगर में दालचीनी के फायदे | Dalchini for Diabetes Control in Hindi

Reviewed By Dietitian Dt. SEEMA GOEL (Senior Dietitian, 25 Years of Experience) जनवरी 4, 2024

आजकल तेजी से बढ़ रही डायबिटीज की बीमारी ने सभी के लिए चिंता बढ़ा दी है। साथ ही इसका इलाज न होने के चलते डायबिटीज के मरीज इसे कंट्रोल में रखने को लेकर हमेशा चिंता में रहते हैं। ऐसे में आपके किचन में रोजमर्रा वाली कुछ ऐसी चीजें होतीं हैं जो आपको डायबिटीज कंट्रोल में मदद कर सकती हैं। हम हर रोज खाने में मसालों का इस्तेमाल करते हैं। भारत को मसालों के लिए जाना भी जाता है। ऐसा ही एक मसाला है दालचीनी। आमतौर पर इसे खड़े मसाले की तरह इस्तेमाल किया जाता है। वहीं शुगर में दालचीनी के फायदे (Dalchini for diabetes control in hindi) भी कई हैं। आज हम आपको इसी के बारे में बताएंगे।

दालचीनी क्या है? | Dalchini Kya Hai

दालचीनी एक प्रकार का मसाला है, जो सिनामोमम के पेड़ के अंदर की छाल से मिलता है। दालचीनी निकालने के लिए सिनामोमम पेड़ों की भीतरी छाल को हटाया जाता है। फिर छाल सूखने के साथ मुड़ जाती है और इससे दालचीनी की लकड़ी या टुकड़े मिलते हैं। इसका इस्तेमाल हजारों सालों से खाने में स्वाद और खुशबू बढ़ाने के लिए किया जाता रहा है। इसके साथ ही दालचीनी के औषधीय फायदों के चलते इसे दवाओं में भी इस्तेमाल किया जाता रहा है। दालचीनी अपने मीठे और गर्म स्वाद के लिए जानी जाती है, इसीलिए इसे मीठे और नमकीन दोनों व्यंजनों, पेय पदार्थों और बेक किए गए सामानों में इस्तेमाल किया जाता है। दालचीनी कई किस्म की होती है। लेकिन आमतौर पर दो तरह की ही बाजार में आसानी से मिल जाती है।

कैसिया दालचीनी (Cassia Cinnamon)– बाजार में बिकने वाली दालचीनी का ये सबसे आम प्रकार है। ये चीन से मंगाई जाती है। कैसिया दालचीनी का स्वाद तीखा होता है और यह अक्सर अन्य किस्मों की तुलना में कम महंगी होती है।

सीलोन दालचीनी (Ceylon Cinnamon): घरों में इसे “असली दालचीनी” भी कहा जाता है। सीलोन दालचीनी श्रीलंका (पहले सीलोन के नाम से जानी जाती थी), सेशेल्स और मेडागास्कर में पाई जाती है। इसमें कैसिया दालचीनी की तुलना में थोड़ा कम तीखा स्वाद होता है।

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दालचीनी में मौजूद पोषक तत्व

दालचीनी में मौजूद पोषक तत्व

दालचीनी आयुर्वेद में इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी-बूटियों में से एक प्रमुख बूटी है। इसकी प्रमुखता का अंदाजा आप इसमें मौजूद पोषक तत्वों से लगा सकते हैं। जो कई बीमारियों के निदान के साथ-साथ शुगर के मरीजों के लिए भी फायदेमंद होती है। दालचीनी में मुख्य रूप से कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। दालचीनी में पाई जाने वाली सिनेमैल्डिहाइड एक बायोएक्टिव तत्व है। इसके अलावा दालचीनी में विटामिन ए और विटामिन सी, ऊर्जा, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम भी भरपूर मात्रा में पाई जाती है

दालचीनी के गुण:

दालचीनी का इतिहास हजारों साल पुरानी चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद से जुड़ी हुई है। जिसका इस्तेमाल औषधीय रूप में किया जाता रहा है। दालचीनी पर किए गए रिसर्च और प्रयोगों से मालूम चलता है कि दालचीनी में कुछ इस प्रकार के गुण हो सकते हैं।

  1. दालचीनी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हो सकते हैं। जो शुगर के मरीजों के लिए फायदेमंद साबित होते हैं।
  2. दालचीनी एंटीऑक्सीडेंड गुणों से भरपूर होती है। साथ ही इसमें एंटीट्यूमर गुण भी हो सकते हैं।
  3. दालचीनी के सेवन से इम्यूनिट सिस्टम को बढ़ावा देने में मदद मिलती है।
  4. दालचीनी का नियमित रूप से सेवन करने पर कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में भी मदद मिलती है, जो शुगर के मरीजों को वजन कम करने के लिए जरूरी होता है।

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शुगर में दालचीनी के फायदे | Dalchini for Diabetes Control in Hindi

शुगर में दालचीनी के फायदे

स्वाद और सुगंध के अलावा भी दालचीनी के फायदे बहुत हैं। इसे शुगर के मरीजों के लिए (Dalchini for sugar patients in hindi) बहुत फायदेमंद माना जाता है। 2003 में डायबिटीज केयर जर्नल में छपी एक स्टडी के मुताबिक कैसिया दालचीनी (दालचीनी की छाल) टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल के लेवल में सुधार करती है। ये शुगर और हृदय रोग से जुड़े जोखिमों को कम करने में मददगार है। डायबिटीज में इसके फायदे कुछ इस प्रकार है।

  1. एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर
  2. इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ती है
  3. शुगर लेवल को कम करने में मददगार
  4. वजन कम करने में फायदेमंद
  5. हृदय रोग से बचाव
  6. बेहतर ब्लड सर्कूलेशन

इतने फायदों के बाद भी दालचीनी का सही तरह से इस्तेमाल करना जरूरी है। इन फायदों को समझने के लिए जरूरी है कि आपको इनके बारे में विस्तार से पता हो। इसीलिए हम इनके बारे में पहले विस्तार से बात करेंगे फिर आपको शुगर में दालचीनी का प्रयोग कैसे करें ये भी बताएंगे।

एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर

दालचीनी एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है। इसे अक्सर एक सुपरफूड भी माना जाता है। दालचीनी की एक चम्मच में बहुत अधिक विटामिन या मिनिरल नहीं होते हैं। लेकिन कई खाने की चीजों में दालचीनी की एक चम्मच से ज्यादा मात्रा का इस्तेमाल होता है। ज्यादा मात्रा में दालचीनी में विटामिन और मिनिरल काफी होते हैं। जो कई तरह से सेहत को फायदा पहुंचाते हैं। वहीं एंटीऑक्सीडेंट होने के चलते दालचीनी से डायबिटीज कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है।

NCBI की एक स्डटी से पता चला कि 12 हफ्ते तक हर दिन 1 ग्राम दालचीनी के अर्क का सेवन करने से फास्टिंग ब्लड शुगर का स्तर कम हुआ। इसके साथ ही टाइप 2 डायबिटीज में ऑक्सीडेटिव तनाव के मार्करों में सुधार हुआ। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि ऑक्सीडेटिव तनाव को टाइप 2 डायबिटीज के लिए जिम्मेदार माना जाता है।

इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ती है

डायबिटीज बीमारी में मरीज के शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है या फिर शरीर इंसुलिन का इस्तेमाल सही से नहीं कर पाता। ऐसे में ब्लड में शुगर का लेवल तेजी से बढ़ता है। अब दालचीनी इंसुलिन के प्रभाव की नकल करके और ब्लड में शुगर के लेवल को कंट्रोल कर सकती है। दालचीनी इंसुलिन की नकल करती है,  इससे मधुमेह से लड़ने में मदद मिलती है।

डायबिटीज से पीड़ित 80 लोगों पर की गई एक स्टडी में पता लगा कि 12 सप्ताह तक रोजाना 1.5 ग्राम दालचीनी पाउडर लेने से फास्टिंग इंसुलिन के स्तर में गिरावट आई। साथ ही इंसुलिन संवेदनशीलता में भी सुधार हुआ। स्डटी में ये भी पता लगा कि 2 महीने तक दिन में दो बार 250 मिलीग्राम दालचीनी लेने से हाई ब्लड शुगर के लेवल वाले 137 लोगों में इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार हुआ।

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शुगर लेवल को कम करने में मददगार

दालचीनी ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। इस पर की गईं 16 स्डटी में पता लगा कि दालचीनी टाइप 2 मधुमेह और प्रीडायबिटीज वाले लोगों में प्लेसबो की तुलना में फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल को काफी कम करती है। साथ ही हीमोग्लोबिन A1c को भी दालचीनी कम कर सकती हैं, जो लंबे समय के लिए ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकता है।

स्डटी में ये भी पता लगा कि दालचीनी टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में हीमोग्लोबिन ए1सी को 0.27% से 0.83% तक कम कर सकती है, जबकि फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल को 52.2 mg\dL तक कम कर सकती है।

हालांकि, दालचीनी को अभी डॉकटर्स ने किसी भी बीमारी की रोकथाम या इलाज के लिए चिकित्सकीय रूप से मान्यता नहीं दी है।

 वजन कम करने में फायदेमंद

डायबिटीज मरीज के लिए वजन कम करना बहुत जरूरी है। बढ़ा हुआ वजन डायबिटीज कंट्रोल करने में नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में जिन लोगों के शरीर का वजन अधिक होता है, वे वजन को कम करने के लिए दालचीनी का उपाय कर सकते हैं। दालचीनी के सेवन से कोलेस्ट्रॉल कम होता है। एक कप पानी में दो चम्मच शहद के साथ तीन चम्मच दालचीनी पाउडर हर रोज 3 बार लें। इससे कोलेस्ट्राल कम होता है। कोलेस्ट्रॉल कम होने से वजन भी घटता है। इससे डायबिटीज मरीजों को भी फायदा होता है।

 हृदय रोगों से बचाव

डायबिटीज मरीजों का इम्यूनिटी सिस्टम काफी कमजोर हो जाता है। ऐसे में उन्हें बाकी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। वहीं ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ने से दिल से संबंधित बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में दालचीनी रोज खाने से हृदय रोग से बचा जा सकता है। हर दिन कम से कम 1.5 ग्राम या लगभग 3/4 चम्मच दालचीनी पाउडर लेने से पूरक ट्राइग्लिसराइड्स, कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। ये सब सीधे तौर पर डायबिटीज और दिल को नुकसान पहुंचाते हैं।

बेहतर ब्लड सर्कुलेशन

शुगर के मरीजों में सबसे गंभीर समस्या तब होती है, जब उन्हें किसी प्रकार की चोट लगती है और घाव भरने में वक्त लगता है। ऐसे में शुगर के मरीजोें के लिए दालचीनी का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। दरअसल दालचीनी किसी भी प्रकार के चोटों और घावों में बह रहे ब्लड को रोकने में मदद करती है, वहीं ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाए रखने में मददगार भी साबित होती है। हालांकि अभी दालचीनी को लेकर अधिक रिसर्च की आवश्यकता है। ऐसे में अपनी डाइट में दालचीनी को शामिल करने से पहले किसी डायबिटीज एक्सपर्ट से सलाह जरूर लेें।

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शुगर में दालचीनी का प्रयोग कैसे करें | Sugar me Dalchini Ka Upyog

शुगर में दालचीनी का प्रयोग कैसे करें

दालचीनी का उपयोग कई तरह से किया जाता है। घरों में आमतौर पर पिसी हुई दालचीनी, दालचीनी के टुकड़े, दालचीनी के तेल का इस्तेमाल होता है। वैसे तो डायबिटीज से लड़ने में दालचीनी के फायदे कई हैं, लेकिन डॉक्टर इसे अभी तक किसी भी तरह के चिकित्सीय इलाज की मान्यता नहीं देते। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि दालचीनी से होने वाले इन फायदों के लिए दालचीनी का सही इस्तेमाल कैसे करें।

आमतौर पर दालचीनी का घरों में तीन तरह से इस्तेमाल किया जाता है। डायबिटीज के मरीज भी घरों में इन तरीकों से दालचीनी का इस्तेमाल कर सकते हैं।

  1. पिसी हुई दालचीनी
  2. दालचीनी के टुकड़े या लकड़ी
  3. दालचीनी का तेल

और पढ़े : डायबिटीज के मुख्य कारण क्या होते है?

पिसी हुई दालचीनी

घरों में पिसी हुई दालचीनी का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है। जहां छाल को पीसकर बारीक पाउडर बना लिया जाता है। फिर इसे खाने में या पेय पदार्थों में इस्तेमाल करते है।

दालचीनी के टुकड़े या लकड़ी

ये दालचीनी की छाल के छोटे टुकड़े होते हैं। अक्सर खाना पकाने, चाय जैसे पेय पदार्थ बनाने या कुछ व्यंजनों में सजावट के लिए भी इसका इस्तेमाल करते हैं।

दालचीनी का तेल

इसे दालचीनी की छाल से निकाला जाता है। गीली दालचीनी की छाल को पीसते हैं, इससे तेल निकलता है।  दालचीनी का तेल अत्यधिक गाढ़ा और शक्तिशाली होता है। इसका उपयोग कुछ खाद्य उत्पादों, पेय पदार्थों और अरोमाथेरेपी में किया जाता है।

इसके अलावा दालचीनी का उपयोग पारंपरिक रूप से अलग-अलग संस्कृतियों में इसके औषधीय गुणों की वजह से किया जाता रहा है। डायबिटीज के मरीज रोज चाय के साथ, खाने में खड़े मसाले के तौर पर या सीधे भी दालचीनी का इस्तेमाल कर सकते हैं।

निष्कर्ष

दालचीनी के कई फायदों को देखते हुए इसे हर रोज खाने में शामिल किया जा सकता है। डायबिटीज को कंट्रोल करने में ये कैसे फायदेमंद है ये हमने आपको ऊपर बताया। लेकिन ध्यान रहे कि दालचीनी को एक्सपर्ट या डॉक्टर्स अभी किसी भी तरह के इलाज के लिए मान्य़ता नहीं देते हैं। ऐसे में दालचीनी किसी भी दवा के सेवन का विकल्प नहीं है। डायबिटीज के मरीज दालचीनी का सेवन कर सकते हैं लेकिन डॉक्टर की सलाह से दवाएं भी लेते रहें।

और पढ़े: डायबिटीज डाइट प्लान। 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

दालचीनी को ब्लड शुगर कम करने में कितना समय लगता है?

दालचीनी वैसे तो शुगर का कोई सीधा इलाज नहीं है, लेकिन फिर भी इससे शुगर कंट्रोल में मदद मिलती है। शुगर को ये अचानक कम नहीं करती है। बल्कि इसकी रोज सेवन करने से डायबिटीज के मरीजों को फायदा होता है। एक स्टडी से पता चला है कि 12 सप्ताह तक प्रतिदिन 1 ग्राम दालचीनी के अर्क का सेवन करने से फास्टिंग ब्लड शुगर का स्तर कम हो गया। साथ ही टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों में ऑक्सीडेटिव तनाव के मार्करों में सुधार हुआ। हालांकि अचानक बढ़े डायबिटीज के लेवल को कम करने के लिए आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

डायबिटीज के मरीज को एक दिन में कितनी दालचीनी खानी चाहिए?

डायबिटीज के मरीज को दालचीनी को दवाओं की जगह नहीं लेना चाहिए। हालांकि दवाओं के साथ ही दालचीनी का सही मात्रा में इस्तेमाल फायदेमंद जरूर है। हालांकि अगर डायबिटीज का लेवल सामान्य से थोड़ा ज्यादा है तो 1, 3, या 6 ग्राम रोज लेने से इसे कंट्रोल करने में मदद मिलती है। अगर पाउडर की तरह इसका इस्तेमाल कर रहे हैं तो 2 चम्मच रोज इस्तेमाल से डायबिटीज कंट्रोल में मदद मिलती है। लेकिन ध्यान रहे कि खराब या नकली दालचीनी का इस्तेमाल नुकसान भी पहुंचा सकता है।

डायबिटीज में दालचीनी खाने से क्या फायदा होता है?

डायबिटीज के मरीज दालचीनी को खाने के साथ या चाय के साथ ले सकते हैं। असल में डायबिटीज में इंसुलिन की न बनने की समस्या हो जाती है। ऐसे में दालचीनी इंसुलिन की नकल कर सकती है। साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं। ये कोलेस्ट्रॉल कम कर डायबिटीज के मरीजों में वजन कम करने में भी मदद करती है। इस तरह डायबिटीज के मरीजों के लिए शुगर लेवल कंट्रोल रखने में डायबिटीज बहुत फायदेमंद है।

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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