डायबिटीज़ तब होती है जब शरीर इंसुलिन उत्पन्न नहीं करता है या इसकी ज़रूरत के हिसाब से इसका उत्पादन नहीं होता। इंसुलिन अग्न्याशय द्वारा बनने वाला एक हार्मोन है जो इससे निकाल कर ब्लड में जाता है।
यह ग्लूकोज़ (भोजन के पाचन के बाद बनने वाली चीनी) को कोशिकाओं में प्रवेश करने में सहायता करता है जो शरीर के काम करने के लिए ऊर्जा में परिवर्तित होती है।
डायबिटीज़ में ब्लड में शुगर लेवल बढ़ जाते हैं जिसकी वजह से एक डायबिटिक को कई जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। इन्हीं समस्याओं में से एक है यीस्ट संक्रमण।
इस ब्लॉग में हम यीस्ट संक्रमण (यीस्ट इंफेक्शन) के कारण व उपचार के बारे में पढ़ेंगे और कैसे यीस्ट संक्रमण से बचाव करें।
डायबिटीज़ वाले व्यक्ति के शरीर में ग्लूकोज़ के उपयोग के नियंत्रण में कठिनाई होती है। जब ग्लूकोज़ कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर पाता है, तो यह रक्त में इकट्ठा हो जाता है और डायबिटीज़ के लक्षण उत्पन्न करता हैं।
यह हाई शुगर लेवल डायबिटीज़ से जुड़ी कई जटिलताओं के लिए जिम्मेदार हो सकते है। इस स्थिति से बचने का सही तरीका है शुरुआत में ही सही देखभाल और इलाज लिया जाए।
डायबिटीज़ केवल एक बीमारी नहीं है बल्कि कई सारे शारीरिक विकारों का समूह है जो कई अन्य बीमारियों का कारण बनता है। यह एक क्रोनिक हाइपरग्लेसेमिया की स्थिति है जिसमें शुगर लेवल बहुत ज़्यादा हो जाता है।
इससे कई जटिलताऐं पैदा होती है जैसे कीटोएसिडोसिस, हाइपरोस्मोलेरिटी, माइक्रो और मैक्रोएंजियोपैथी: ओकुलर, रीनल, नर्वस, डर्मेटोलॉजिकल, कार्डियोवैस्कुलर समस्याएं।
मधुमेह और यीस्ट संक्रमण (Diabetes & Yeast Infections in Hindi)
हाई ब्लड ग्लूकोज (चीनी) का स्तर आपकी आंखों, आपकी उंगलियों, पैर की उंगलियों और किडनी को प्रभावित कर सकता है, लेकिन शरीर का एक ऐसा अन्य अंग हैं जिसके बारे में हम ज्यादा बात नहीं करते हैं।
डायबिटीज़ का आपके जननांग क्षेत्रों (genital areas) के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ सकता है। जी हाँ! Genital parts में होंए वाला यीस्ट इंफेक्शन डायबिटीज़ के कारण होने वाली समस्याओं में से एक आम समस्या है।
बहुत से लोग सवाल पूछते हैं, क्या बहुत ज्यादा शुगर यीस्ट संक्रमण का कारण बन सकती है? हां, हाई ब्लड शुगर लेवल से यीस्ट इंफेक्शन हो सकता है। यह एक असामान्य स्थिति है जिसमें काफ़ी दर्द भी होता है।
तो इसके बारे में यह पहले से जानना ज़रूरी है कि यीस्ट इंफेक्शन क्या होता है और इसके इलाज के बारे में क्या करना चाहिए।
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यीस्ट संक्रमण क्या है? (What is Yeast Infection in Hindi?)
जब ब्लड में यीस्ट की मात्रा बढ़ जाती है तो इससे यीस्ट इंफेक्शन की समस्या पैदा होती है। यीस्ट एक प्रकार का फंगस है, जिसका मतलब है कि यह एक प्रकार का “फंगल इंफेक्शन” हैं।
यह कैंडिडिआसिस और डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए एक आम समस्या है क्योंकि उच्च रक्त शर्करा का स्तर प्रभावी रूप से फंगल विकास को बढ़ावा दे सकता है। जब ब्लड में बहुत ज़्यादा शुगर होती है तो वह मूत्र के साथ निकलती है जो यीस्ट को बढ़ा देती है।
यीस्ट इंफेक्शन कई जगह हो सकता है जैसे मुंह, गले और जीभ में।
जननांगों के आसपास या प्राइवेट पार्ट के आस पास यीस्ट इंफेक्शन महिलाओं व पुरुषों दोनों में होता है लेकिन महिलाओं में यह आम समस्या है।
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डायबिटिक महिलाओं में कैंडिडिआसिस (Candidiasis in Diabetic Women’s in Hindi)
इसे महिलाओं में “वल्वोवेजाइनल कैंडिडिआसिस” के रूप में भी जाना जाता है और यह एक ऐसा यीस्ट इंफेक्शन है जो vulva, vagina और vaginal opening के आस पास होता है। यह स्थिति बहुत uncomfortable होती है जिसको आसानी से खत्म करने में मुश्किल आती है।
योनि या vagina इस हिस्से को स्वस्थ रखने के लिए यीस्ट पर बहुत निर्भर करती है और इसमें किसी भी तरह के फेर-बदल से यह इंफेक्शन का कारण बनती है।
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डायबिटिक पुरुषों में कैंडिडिआसिस (Candidiasis in Diabetic Men’s in Hindi)
उन्हें “जॉक ईच” या “जॉक खुजली” के रूप में भी जाना जाता है। पुरुषों में यीस्ट संक्रमण अक्सर लंबे समय तक पसीने से तर जॉकस्ट्रैप पहनने के कारण होता है। हाई शुगर लेवल के साथ ज़्यादा पसीना यीस्ट इंफेक्शन को बढ़ाता है।
यह इंफेक्शन जांघों के अंदर की तरफ, अंडकोष और कूल्हों के आसपास हो सकता है। यह uncircumcised लोगों में शिश्न के शीर्ष पर और उसके आसपास भी हो सकता है।
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यीस्ट संक्रमण के लक्षण (Symptoms of Yeast Infection in Hindi)
यीस्ट इंफेक्शन के शुरुआती लक्षण बहुत छोटे और कम होते हैं इसलिए जल्दी पता नहीं चल पाते लेकिन समय के साथ ये लक्षण बेहद असहज हो जाते हैं। यह लक्षण हो सकते हैं:
- तेज़ खुजली
- चुभन या जलन महसूस होना
- पेशाब करते समय जलन और दर्द होना
- हल्की गंध
- सफेद द्रव्य आना या डिस्चार्ज (प्रारंभिक चरण में)
- सफेद, कभी-कभी लंप जैसा डिस्चार्ज निर्वहन (देर के चरण में)
- फ्लशिंग
- सूजन
- संभोग के दौरान योनि में दर्द या जलन
- vagina के अंदर और बाहर खुजली होना
यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण को देखते हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
- पीला स्राव या येलो डिस्चार्ज
- रक्त के साथ डिस्चार्ज
- तेज गंध
- पीठ या पेट में दर्द
- बुखार
- उल्टी करना
- बार-बार पेशाब आना
यदि आपको कभी पहले यीस्ट इंफेक्शन नहीं हुआ है, तो किसी भी ओवर-द-काउंटर दवाई खरीदने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें। इसका समय पर इलाज न करने पर यह गंभीर या दर्दनाक समस्या में परिवर्तित हो सकती है।
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यीस्ट संक्रमण के सामान्य कारण (Common Causes of Yeast Infection in Hindi)
बहुत से लोग पूछते हैं कि शरीर में यीस्ट के हाई लेवल की क्या वजह है? ऐसे कई कारक हैं जो यीस्ट इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं। डायबिटीज़ वाले लोग और भी अधिक संवेदनशील होते हैं क्योंकि हाई शुगर लेवल यीस्ट इंफेक्शन के लिए एक सही माहौल प्रदान करते हैं। आइए जानते हैं यीस्ट इंफेक्शन के कारण:
हाई ब्लड शुगर लेवल (High Blood Sugar Level)
हाई ब्लड शुगर लेवल हमेशा यीस्ट इंफेक्शन का कारण नहीं बनते हैं। लेकिन यदि बहुत अधिक समय तक ब्लड में शुगर लेवल 250 मिलीग्राम / डीएल से अधिक हो जाती है, तो यह शरीर में जल्दी से यीस्ट बढ़ाता है।
यीस्ट इंफेक्शन अनियंत्रित डायबिटीज़ का एक आम प्रारंभिक संकेत है। यदि हाई ब्लड शुगर लेवल ज़्यादा समय तक बना रहे तो यह यीस्ट इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ा देता है।
डायबिटीज़ की कुछ दवाएं (Medications of Diabetes)
डायबिटीज़ की कई ऐसी दवाएं है जो यीस्ट इंफेक्शन का कारण बन सकती हैं। इससे बचने के लिए अपने डॉक्टर से ज़रूर परामर्श करें।
एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)
विशेष रूप से डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए, एंटीबायोटिक्स लेते समय यीस्ट संक्रमण के पहले लक्षणों पर ध्यान दें। जितनी जल्दी आप इसका पता लगाते हैं, उतनी ही तेज़ी से आप इसका इलाज कर सकते हैं और बीमारी को और भी बदतर होने से रोक सकते हैं। अपने डॉक्टर के निर्देशानुसार ही अपनी एंटीबायोटिक्स लें।
गंभीर तनाव (Serious Anxiety)
गंभीर तनाव हमारे समग्र स्वास्थ्य के कई पहलुओं को बदलने का कारण बनता है। यह वेजाइनल स्वास्थ्य के लिए भी खराब हो सकता है।
विशिष्ट प्रकार के टैम्पोन और सैनिटरी नैपकिन (Several kinds of Tampons & Sanitary Napkins)
चाहे वह खुशबू वाले टैम्पोन हों या सामान्य सैनिटरी नैपकिन, यह भी नमी की वजह से यीस्ट इंफेक्शन का कारण बन सकता है। इसलिए समय समय पर इसे बदलते रहें।
गीले स्विम सूट, गीले अंडरवियर, या पसीने से तर जॉकस्ट्रैप (Wet Swimming Suit, Underwear or Sweaty Jockstrap)
गीले स्विम सूट या पसीने से तर जॉकस्ट्रैप पहनने से यीस्ट इंफेक्शन बढ़ जाता है। इसलिए हमेशा सूखे कपड़े रखें।
सेक्शुअल केमिस्ट्री या आपके साथी का वीर्य (Sexual chemistry or your partners Sperm)
बहुत से लोग पूछते हैं, क्या स्पर्म से यीस्ट इन्फेक्शन हो सकता है? इसका जवाब है हाँ। इसका मतलब यह है कि आपके सीमन को ज़्यादा देर अपनी वेजाइना में नहीं रहने दें।
डायबिटिक दवाएं जो यीस्ट संक्रमण का कारण बन सकती हैं (Diabetic Medicines which can be the reason of Yeast Infection in Hindi)
“SGLT-2 अवरोधक” नामक एंटी-डायबिटिक दवाओं की श्रेणी आसानी से महिलाओं में यीस्ट संक्रमण का कारण बन सकती है क्योंकि ये दवाएं आपके शरीर को आपके मूत्र के माध्यम से खाने वाले भोजन से अतिरिक्त ग्लूकोज को बाहर निकालने के लिए उत्तेजित करती हैं।
इसका मतलब है कि ग्लूकोज (चीनी) आपके रक्तप्रवाह में कभी प्रवेश नहीं करता है। इसके बजाय, आपका शरीर इसे आपके मूत्र के माध्यम से निकालता है जो यीस्ट की वृद्धि को बढ़ावा देता है।
डायबिटीज़ की दवाएं जो खमीर संक्रमण का कारण बन सकती हैं उनमें शामिल हैं:
फार्क्सिगा (डैपग्लिफ्लोज़िन)
इनवोकाना (कैनाग्लिफ्लोज़िन)
जार्डन (एम्पाग्लिफ्लोज़िन)
इन एंटी-डायबिटिक दवाओं को लेते समय यीस्ट इंफेक्शन को रोकने के लिए आप निम्नलिखित तरीके अपना सकते हैं:
दिन में ढेर सारा पानी पिएं: चूँकि आपका शरीर आपके पेशाब का उपयोग आपके सिस्टम से शुगर को बाहर निकालने के लिए कर रहा है, इसलिए आपको अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहने की आवश्यकता है।
कार्बोहाइड्रेट कम खाएं: यदि आप एक उच्च कार्बोहाइड्रेट आहार (प्रति दिन 250 से 300 ग्राम से अधिक) खाते हैं, तो आप मूत्र के माध्यम से अधिक शुगर निकलेगी। अपने आहार में कार्बोहाइड्रेट कम करना, यहां तक कि प्रति दिन 150 ग्राम तक, खमीर अतिवृद्धि को रोकने में मदद कर सकता है क्योंकि आपके मूत्र में आपके आहार से निकलने वाले शुगर कम होगी।
शुगर लेवल्स को कम करने के लिए और नई दवा शुरू करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें जिससे मूत्र के साथ कम शुगर निकले।
यदि कोई दवा आपके यीस्ट इंफेक्शन को बढ़ा रही है तो जितनी जल्दी हो सके अपने चिकित्सक से बात करें। आपको दवा लेना बंद करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन आपको यीस्ट संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए अन्य परिवर्तन करने की आवश्यकता है।
यीस्ट संक्रमण के अन्य कारण (Other Causes of Yeast Infection in Hindi)
- हार्मोनल गर्भ निरोधक
- कीमोथेरपी
- एचआईवी या एड्स उपचार
- लंबे समय तक मूत्र कैथेटर का उपयोग
- उपचय या एनाबोलिक स्टेरॉयड्स
- कोर्टिसोन इंजेक्शन
- किसी और महिला से यीस्ट संक्रमण होना (आमतौर पर केवल दो महिलाओं के बीच यौन संबंध से)
- संक्रमित महिला से पुरुष को भी यीस्ट संक्रमण हो सकता है, लेकिन ऐसा बहुत कम होता है
यीस्ट संक्रमण के लिए उपचार (Treatment of Yeast Infection in Hindi)
यीस्ट संक्रमण का इलाज करना बहुत परेशान कर सकता है क्योंकि कुछ प्रकार के ओवर-द-काउंटर (OTC) “एंटिफंगल” उपचार सस्ते नहीं होते हैं। इसके अलावा, जहां एक प्रकार का एंटिफंगल उपचार आपकी मदद नहीं कर सकता है,
वहीं कोई दूसरी दवा मदद कर सकती है। हर व्यक्ति के उपचार के लिए अलग अलग तरीके व दवाएं काम करती है। इसलिए यीस्ट इंफेक्शन के उपचार या ट्रीटमेंट के लिए आप निम्नलिखित विकल्प अपना सकते हैं:
अपने रक्त शर्करा के स्तर में सुधार करें (Improve in your Blood Sugar Level)
यदि आपको बार-बार यीस्ट इंफेक्शन होता है तो इसके लिए अपने ब्लड शुगर लेवल्स को नियंत्रित करें। इसके लिए आप अपने डॉक्टर से परामर्श करें और सही एंटी-डायबिटिक दवाएं लें। केवल एंटिफंगल उपचार आपके रक्त शर्करा के स्तर को स्वस्थ सीमा तक कम करके यीस्ट इंफेक्शन को खत्म नहीं कर सकता। इसके लिए अपनी लाइफस्टाइल में कुछ परिवर्तन जैसे सही खान, साफ-सफाई, व्यायाम आदि को शामिल करें।
ओवर-द-काउंटर एंटिफंगल क्रीम (Over-The-Counter Antifungal Cream)
चार प्रकार के ओवर-द-काउंटर उत्पाद जिन्हें आप अपनी स्थानीय फार्मेसी में खरीद सकते हैं, वे हैं ब्यूटोकोनाज़ोल, क्लोट्रिमेज़ोल, माइक्रोनाज़ोल और टेरकोनाज़ोल।
ये सभी क्रीम या छोटे गोली के आकार के कैप्सूल होते हैं जिन्हें योनि या प्रभावित त्वचा क्षेत्र में डाला जाता है। याद रखें कि यदि एक दवा काम न करे तो आपको दूसरा प्रभावी विकल्प चुनना चाहिए।
अधिक शक्तिशाली प्रिस्क्रिप्शन ड्रग्स (More Powerful Prescription Drugs)
कुछ प्रकार के लंबे समय तक रहने वाले संक्रमणों के लिए मुंह से ली जाने वाली दवाएं फ्लुकोनाज़ोल और निस्टैटिन को लिया जा सकता है।
पुरुष खतना (Male Circumcision)
गंभीर मामलों में, बार-बार यीस्ट संक्रमण वाले व्यक्ति को संक्रमण को और फैलने से रोकने के लिए circumcision की सलाह दी जाती है।
हालांकि यीस्ट इंफेक्शन आमतौर पर हानिकारक नहीं होता लेकिन यदि इसका इलाज ना किया जाए तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। यदि यह आपको बार-बार हो रहा है और ओवर-द-काउंटर उपचार (मेडिकल से सीधे दवाएं लेने से) से भी फ़र्क नहीं पड़ता तो डॉक्टर से परामर्श लें।
डायबिटीज़ के प्रकार (Type of Diabetes in Hindi)
टाइप 1 डायबिटीज़ (Type 1 Diabetes)
यह डायबिटीज़ या इंसुलिन पर निर्भर डायबिटीज़ मेलेटस (IDDM) तब होता है जब अग्न्याशय आवश्यक इंसुलिन का उत्पादन बंद कर देता है।
आमतौर पर, टाइप 1 डायबिटीज़ से पीड़ित लोग तीस साल से कम उम्र के होते हैं और आमतौर पर पतले होते हैं।
टाइप 1 डायबिटीज़ से पीड़ित छोटे बच्चे में अक्सर कुछ लक्षण देखे जा सकते हैं जैसे भी अपने बिस्तर गीला करना। मूत्र के माध्यम से शुगर का निकलना, डिहाइड्रेशन व शुगर को एनर्जी के तरह उपयोग न करने के कारण शरीर दूसरी तरह से ऊर्जा का प्रयोग करने लगता है।
यह फैट और मसल को ब्रेक करने लगता है जिससे भूख बढ़ने (पॉलीफेगिया) के बावजूद वजन कम होता है। इसकी वजह से कई लक्षण पैदा होते हैं जैसे बच्चे अक्सर थका हुआ और कमजोर महसूस करते हैं।
लड़कियों में, यीस्ट संक्रमण, जो योनि स्राव या खुजली का कारण हो सकता है, मूत्र में चीनी की उच्च मात्रा के कारण विकसित हो सकता है।
टाइप 2 डायबिटीज़ (Type 2 Diabetes)
टाइप 2 डायबिटीज़ एक अत्यंत खतरनाक बीमारी है जिसमें शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है या जो इंसुलिन बनता है उसका ठीक से उपयोग नहीं कर पाता है।
इंसुलिन अग्न्याशय द्वारा बनाया गया एक हार्मोन है जो शरीर को कार्बोहाइड्रेट से प्राप्त ग्लूकोज का उपयोग करने में मदद करता है। शरीर इस ग्लूकोज का उपयोग ऊर्जा के लिए करता है या इसे बाद में उपयोग के लिए स्टोर करता है।
यदि शरीर इंसुलिन का उत्पादन या उपयोग नहीं कर सकता है, तो ग्लूकोज़ ब्लड में बना रहता है। तब शरीर इस अतिरिक्त शुगर को मूत्र के माध्यम से बाहर निकालता है। यदि इसका जल्दी पता नहीं लगाया जाए या इसका इलाज नहीं किया जाए तो डायबिटीज़ की स्थिति धीरे-धीरे खराब हो सकती है।
टाइप 2 डायबिटीज़ वाले लोगों में यीस्ट संक्रमण या यीस्ट इंफेक्शन का खतरा अधिक होता है। आपके मूत्र और ब्लड में अतिरिक्त शुगर होने से यीस्ट इंफेक्शन के लिए आदर्श वातावरण बन जाता है।
यीस्ट की अतिवृद्धि से यीस्ट संक्रमण हो सकता है। टाइप 2 डायबिटीज़ रोगियों में यीस्ट इंफेक्शन में खुजली, पेशाब के दौरान जलन, लालिमा आदि शामिल हैं।
सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न:
क्या डायबिटीज़ रोगियों में यीस्ट संक्रमण आम हैं?
महिलाओं के मामले में, यीस्ट संक्रमण बार-बार हो सकता है। इस स्थिति को बार-बार होने वाली वल्वोवेजाइनल कैंडिडिआसिस (आरवीवीसी) कहते हैं।
मैं डायबिटीज़ के कारण होने वाली खुजली को कैसे रोकूँ?
मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल त्वचा को रूखा होने से बचाने में मदद कर सकता है, इसलिए यह खुजली से बचाता है। कैलामाइन लोशन त्वचा को मॉइस्चराइज करने का एक प्रभावी तरीका है।
क्या ढेर सारा पानी पीने से यीस्ट इन्फेक्शन दूर हो सकता है?
यीस्ट संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए पानी पीना सबसे अच्छा और प्राकृतिक तरीका है।
क्या डायबिटीज़ के कारण मुंह में छाले हो सकते हैं?
लार में उच्च ग्लूकोज स्तर होने पर संक्रमण से बचने के लिए रेज़िस्टेंस कम हो जाता है और डायबिटीज़ के रोगियों में मुंह सूखने से ओरल थ्रस की समस्या पैदा हो जाती है।
क्या डायबिटीज़ ब्लड इन्फेक्शन का कारण बन सकता है?
डायबिटिक रोगी जीवाणु रक्त संक्रमण या बेक्टेरियल ब्लड इंफेक्शन के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं। इसलिए डायबिटीज़ वाले लोगों में बेक्टेरियल इंफेक्शन का खतरा अधिक रहता है।
संदर्भ:
- https://www.everydayhealth.com/womens-health/yeast-infection/chronic-yeast-infections-11-common-causes-solutions/
- https://www.medicalnewstoday.com/articles/317824
- https://www.everydayhealth.com/type-2-diabetes/yeast-infections/
- https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/5019-yeast-infections
- https://www.healthline.com/health/vaginal-yeast-infection
- https://www.medicinenet.com/what_is_the_main_cause_of_a_yeast_infection/article.htm
- https://www.sciencedaily.com/releases/2005/01/050128220844.htm
Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal
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