डायबिटीज में ढोकला खाना कितना सुरक्षित? – जानिए डायबिटीज एक्सपर्ट की राय (How safe is eating Dhokla in Diabetes? – Know the opinion of Diabetes Expert)

Last updated on फ़रवरी 5th, 2023

ढोकला भारतीय परिवारों में पसंद किया जाने वाला एक लोकप्रिय नाश्ता है। यह गुजरात राज्य का एक पसंदीदा व पोपुलर व्यंजन है जो अपने टेस्ट व हेल्दी होंए की वजह से हर जगह खाया जाता है। यह एक शाकाहारी नाश्ता है जो स्वादिष्ट होने के साथ ही ब्लड शुगर लेवल के लिए भी सुरक्षित माना जाता है। ढोकला डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए नाश्ते के रूप में अच्छा है और वे अपने शुगर लेवल को नुकसान की चिंता किए बिना इसे खा सकते हैं। यह न सिर्फ स्वादिष्ट है बल्कि हेल्थ के लिए भी अच्छा माना जाता है।

ढोकला का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Dhokla’s Glycemic Index)

ग्लाइसेमिक इंडेक्स यह निर्धारित करता है की कोई भी खाद्य पदार्थ आपके लिए कितना स्वास्थ्यवर्धक है। विशेष रूप से डायबिटिक लोगों में इसका बहुत महत्व है। एक डाइबीटिक व्यक्ति को हमेशा कम जीआई स्कोर वाला खाना ही खाना चाहिए। कम जीआई वाला खाना आपके शुगर लेवल्स को स्पाइक नहीं करता। इसलिए डायबिटिक डाइट में कम जीआई वाली डाइट शामिल करने से आप अपनी डायबिटीज़ को नियंत्रित रख सकते हैं।

कम जीआई स्कोर 0 से 55 के बीच होते हैं। इन खाद्य पदार्थों को प्री-डायबिटीज वाले लोगों, डायबिटीज़ पेशेंट और हेल्थ के लिए जागरूक रहने वाले लोग खा सकते हैं। लोग अपने मधुमेह आहार या डायबिटिक डाइट में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकते हैं। मध्यम जीआई मान 56 से 69 के बीच हो सकता है। इसलिए स्वस्थ जीवन जीने के लिए कम जीआई खाने को महत्व दें।

उच्च जीआई खाद्य पदार्थ 70 से अधिक स्कोर वाले हैं। ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन से ब्लड शुगर लेवल में तीव्र वृद्धि हो सकती है और यह शरीर को नुकसान पहुँच सकती है। इसलिए कोशिश करें इस प्रकार के खाने से बचें या बहुत कम मात्रा में लें।

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मधुमेह में ढोकला (Dhokla in Diabetes)

जीआई के आधार पर आइए जानते हैं कि मधुमेह रोगियों के लिए ढोकला कितना सुरक्षित और सेहतमंद है। यह हल्का, फूला हुआ, फिर भी जल्दी भूख मिटाने वाला नाश्ता हेल्दी सामग्री से तैयार किया जाता है। इसे स्टीम या भाप में बनाया जाता है इसलिए यह और भी स्वस्थ माना जाता है। चूंकि इसे तल कर नहीं बनाया जाता इसलिए यह कैलोरी में भी कम होता है।

ढोकला बनाने में प्रयोग की जाने वाली मुख्य सामग्री बेसन है जिसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम यानी 10 है। इससे यह डायबिटिक लोगों के लिए सुरक्षित माना जाता है।

ढोकला का जीआई 35 माना जाता है, आम तौर पर या 31 से 39 के आसपास कहीं भी हो सकता है। यह एक कम स्कोर है और परिणामस्वरूप, यह साबित होता है कि ढोकला शुगर रोगियों के लिए एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है। ढोकले का ग्लाइसेमिक लोड, या जीएल, भी कम होता है इसलिए यह डायबिटिक लोगों के लिए अच्छे नाश्ते का विकल्प है।

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सारांश

डायबिटिक होने के नाते, किसी भी व्यक्ति को ढोकला जैसे स्नैक खाने की मात्रा और कितनी बार खा रहे हैं, इन बातों के प्रति सावधान रहना चाहिए। इसे बहुत ज़्यादा या रोज़ भी नहीं खाना चाहिए।

डायबिटिक-फ़्रेंडली ढोकला बनाने की रेसिपी (Recipe of Diabetic Friendly Dhokla)

क्या ढोकला स्वस्थ है? ढोकला अपने आप में काफी स्वस्थ नाश्ते का विकल्प है। लोग इसे अपनी डायबिटिक डाइट में बार-बार शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा, आप इसे डायबिटीक फ़्रेंडली बनाने के लिए इसे अलग तरीके से भी तैयार कर सकते हैं।

ढोकला को कैलोरी प्रभावी या कम कैलोरी का बनाने का एक सबसे बेहतरीन तरीका है ढोकला को बेक करना। माइक्रोवेव में ढोकला बनाने से अतिरिक्त कैलोरी से बचा जा सकता है। इस तरह यह टेस्टी होने के साथ और स्वस्थ और प्रभावी हो जाता है।

ढोकला में मौजूद बेसन में भरपूर मात्रा में लाभकारी पोषक तत्व होते हैं। साथ ही, यह आयरन से भरपूर होता है, जो व्यक्ति के शरीर के लिए उपयोगी होता है। माइक्रोवेव में कम कैलोरी वाला ढोकला बनाने की विधि निम्न प्रकार है:

सामग्री  – ढोकला बैटर बनाने के लिए (Ingredients for Dhokla Batter)

  • बेसन/ बेसन/ बंगाल बेसन (1 कप)
  • हरी मिर्च-अदरक का पेस्ट (1 छोटा चम्मच)
  • बारीक सूजी (1 छोटा चम्मच)
  • दही / कम वसा वाला ग्रीक योगर्ट (2 चम्मच)
  • हल्दी पाउडर (1 छोटा चम्मच)
  • नमक (1 छोटा चम्मच)
  • आधा नींबू का रस
  • चुटकी भर हींग
  • फ्रूट सॉल्ट या ईनो (1 छोटा चम्मच)
  • पानी (1 कप)

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सामग्री – तड़का बनाने के लिए (Ingredients for Tempering)

  • तेल (2 चम्मच)
  • उड़द दाल (1 छोटा चम्मच)
  • चना दाल (1 छोटा चम्मच)
  • सरसों के बीज (1 छोटा चम्मच)
  • करी पत्ते (15 से 20)
  • हरी मिर्च (2)
  • तिल के बीज (1 चम्मच)
  • हींग (चुटकी)
  • चीनी (1 छोटा चम्मच) (लोग इसके स्थान पर गुड़ या कोई स्वीटनर मिला सकते हैं)
  • पानी (1 कप)
  • कसा हुआ नारियल (गार्निशिंग के लिए)
  • कटा हरा धनिया (गार्निशिंग के लिए)

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डायबिटिक-फ़्रेंडली ढोकला बनाने की विधि (Recipe of Diabetic Friendly Dhokla)

  1. सबसे पहले बेसन और सूजी को छान लें। इससे इसमें मौजूद गंदगी या मोटे अनाज को निकाला जा सकता है। बेसन को छलनी से छान लीजिये।
  2. इसके बाद बेसन के ऊपर एक चम्मच सूजी डालकर एक साथ छान लें। यह ढोकला बैटर के लिए बेस कंपोनेंट्स का निर्माण करेगा।
  3. इसके बाद ऊपर दिए मिश्रण में थोडा़ सा अदरक और हरी मिर्च का पेस्ट डाल दीजिए।
  4. बैटर को अच्छे से ब्लेंड कर लें। फिर इसमें 1 छोटा चम्मच नमक और नींबू का रस मिलाएं।
  5. सभी सामग्री को अच्छी तरह से मिलाएं, इसमें हल्दी पाउडर, हींग और दही डालें। उन्हें अच्छी तरह मिला लें।
  6. अब, मिक्स पेस्ट जैसा तैयार करने के लिए इसमें पानी मिलाएं। नापी हुई मात्रा में पानी डालें और उन्हें लगातार 5 मिनट तक फेंटें।
  7. इसे केवल एक दिशा में व्हिस्क करें। यह बैटर में बिना किसी गांठ के एक चिकना पेस्ट बनाता है। यदि आवश्यक हो, तो बैटर को स्मूद बनाने के लिए और पानी डालें। इसे ज्यादा पतला बनाने से बचें।
  8. इस ढोकला बैटर को करीब 20 मिनट के लिए सैट होने दें।
  9. सेटल होने के बाद, इसमें साल्ट फ्रूट / ईनो मिलाएं, या इसके स्थान पर बेकिंग पाउडर का उपयोग करें।
  10. सभी को फिर से 5 मिनट के लिए मिलाएं। फिर बैटर झागदार और हल्का हो जाएगा। यह ढोकला को स्पंजी और फूला हुआ बनाता है।
  11. बैटर तैयार करने के बाद माइक्रोवेव सेटअप शुरू करें।
  12. माइक्रोवेव सेफ ट्रे या पैन को ग्रीस कर लें। फिर, ढोकला बैटर को ट्रे या पैन में डालें, और उसमें से किसी भी हवा के बुलबुले को खत्म करने के लिए उसे हल्के से फेंटें।
  13. ढोकला को माइक्रोवेव करना आसान रहता है क्योंकी यह अन्य विकल्पों की तुलना में कम समय लेता है।
  14. माइक्रोवेव में इसे पांच मिनट के लिए उच्च तापमान पर सेट करें।
  15. बीप के बाद, एक टूथपिक लें और ढोकला को चेक करें की यह पक गया है या नहीं। अगर टूथपिक निकालने पर उस पर बैटर नहीं चिपकता तो वह पक गया है।
  16. यदि यह अभी भी कच्चा है, तो 2 मिनट के लिए और माइक्रोवेव करें।
  17. ट्रे या पैन को माइक्रोवेव से बाहर निकालिये और ठंडा होने दीजिये। इसके बाद ढोकला को तवे से छुड़ाने के लिए ढोकला के किनारों पर हल्के से चाकू चलाएं। ट्रे या पैन को प्लेट में पलटें और धीरे से थपथपाएं ताकि ढोकला उससे अलग हो जाए।
  18. इसे क्यूब के आकार के टुकड़ों में काट लें।

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बिना माइक्रोवेव बनाने का तरीका (How to cook dhokla without Microwave)

  1. यदि किसी व्यक्ति के पास माइक्रोवेव नहीं है या वह माइक्रोवेव के बिना ढोकला बनाना चाहता है, तो वह पारंपरिक भाप से पका कर भी इसे बना सकता है। इसके स्टेप्स इस प्रकार हैं:
  2. सबसे पहले, स्टीमर बनाने के लिए एक बड़े आकार का बर्तन लें और उसमें कुछ पानी डालें।
  3. पानी को उबाल लें और बर्तन में एक नीचा स्टैंड रख दें। फिर, ढोकला के बैटर वाला कन्टेनर स्टैंड पर रख दीजिये।
  4. बर्तन का ढक्कन बंद करें और इसे लगभग 20 मिनट तक भाप दें।
  5. टूथपिक से बैटर को चेक करें कि यह पका है या नहीं। अगर टूथपिक साफ निकले और उस पर कोई बैटर न हो, तो स्टीमर को बंद कर दें। लेकिन, अगर यह कच्चा है, तो इसे कुछ मिनट और भाप में पकने दें।
  6. स्टीम होने के बाद ढोकला कन्टेनर को बाहर निकालिये और ठंडा होने दें। फिर उसे काट कर प्लेट में रख लें।

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ढोकला के लिए तड़का बनाने की विधि (Tempering Recipe of Dhokla)

  1. गरम पैन में तेल की मापी हुई मात्रा डालें। धीरे-धीरे चना दाल, उड़द दाल, तिल, राई और हींग डालें। इन सभी को 60 सेकंड के लिए भूनें और लगातार चलाते रहें।
  2. इसमें कुछ करी पत्ते और दो हरी मिर्च डालें। इन्हें तब तक भूनें जब तक कि ये अपनी महक न छोड़ दें।
  3. थोड़ा पानी डालें और मापी हुई चीनी या पसंद के अनुसार कोई स्वीटनर डालें।
  4. इसे 60 सेकंड के लिए उबाल लें और इसे हीट (स्टोव) से हटा दें।
  5. इस उबलते तड़के को ढोकला के टुकड़ों के ऊपर डालें।
  6. ऊपर से कद्दूकस किया हुआ नारियल और कटा हरा धनिया डालकर गार्निश करें।
  7. इसे हेल्दी हरी चटनी के साथ सर्व करें।

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ढोकला के फ़ायदे (Benefits of Dhokla)

आवश्यक गुजराती स्नैक, ढोकला, बेसन का उपयोग करके तैयार किया जाता है और फिर स्टीम किया जाता है।

आटे का किण्वन इसे पौष्टिक बनाता है। किण्वित दाल या फर्मेन्ट दाल इस डिश को फाइबर और प्रोटीन देती है।

ढोकला में कम जीआई स्कोर होता है और, यह इसे मधुमेह रोगियों या शुगर पेशेंट के लिए एक बेहतरीन नाश्ता बनाता है।

इसके अलावा, ढोकला भाप में पकाया जाता है और तला हुआ नहीं होता है, इसलिए इसमें तेल की मात्रा कम होती है। इससे उनमें कैलोरी कम हो जाती है। ढोकला में कैलोरी बहुत कम होती है, यानी 100 ग्राम ढोकला में केवल 160 कैलोरी होती है।

शुगर के मरीजों के लिए इसे और डायबिटिक फ़्रेंडली बनाने की टिप्स:

  • एक सबसे प्रभावी तरीका है इसमें चीनी को शामिल नहीं करना है। उदाहरण के लिए, ढोकला बनाने के लिए बैटर में, या तड़के में चीनी न डालें।
  • अगर आप चाहें तो तड़का न लगाएं।
  • तेल और मसालों को कम कर के इसे सुरक्षित और कैलोरी-प्रभावी बनाया जा सकता है।
  • ढोकला के लिए तैयार डिप या हरी चटनी में चीनी न मिलाएं। या चटनी के साथ इसे न खाएं।
  • लोग बेसन और सूजी के मिश्रण में कुछ ओट्स पाउडर भी शामिल कर सकते हैं। ढोकला में फाइबर डालने और इसे स्वस्थ रखने का यह एक अच्छा तरीका है।

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सारांश

ढोकला डायबिटीज़ के लिए अच्छा है क्योंकि यह स्वस्थ और सुरक्षित स्नैकिंग विकल्प है। साथ ही इसे घर पर आसानी से तैयार कर सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप किसी व्यक्ति के ग्लूकोज़ के स्तर में कोई ज़्यादा वृद्धि नहीं होती है। इसमें निम्न जीआई होता है। साथ ही, इसे स्वस्थ तरीके से तैयार करने की सलाह दी जाती है। हालांकि एक हेल्दी लाइफस्टाइल और डायबिटीज़ मेनेजमेंट के लिए इसे बार-बार खाने से बचें।

सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न:

क्या ढोकला जंक फूड है?

ढोकला, अधिकांश दूसरे स्नैक्स के विपरीत, भाप में पकाया जाता है और तला हुआ नहीं होता है। जैसा कि यह सिर्फ भाप से तैयार किया जाता है, बिना अतिरिक्त नमक, चीनी या तेल के, इसे जंक फूड नहीं माना जाता है। यह एक स्वस्थ स्नैक है जो आपके स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकता है। चूंकि यह कैलोरी में कम है, आप इसका सेवन बिना किसी चिंता के कर सकते हैं, यदि आप अपना वज़न कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो भी यह एक हेल्दी चॉइस है।

क्या बेसन ढोकला डायबिटीज़ के लिए अच्छा है?

बेसन ढोकला बेसन (चने के आटे) से बना एक लोकप्रिय गुजराती व्यंजन है। इसे अक्सर नाश्ते के रूप में खाया जाता है। यह कार्बोहाइड्रेट में उच्च और वसा में कम होता है। यह प्रोटीन, आहार फाइबर, विटामिन और खनिजों का एक अच्छा स्रोत है। यह ग्लाइसेमिक इंडेक्स में कम है और ब्लड शुगर लेवल को नहीं बढ़ाता।  

क्या ढोकला डायबिटीज़ के लिए अच्छा है?

हाँ, ढोकला डायबिटीज़ के लिए अच्छा है क्योंकि यह ब्लड शुगर लेवल पर नकारात्मक प्रभाव नहीं डालता है और उसे ज़्यादा बढ़ाता नहीं है। यह एक लो-जीआई, लो-कैलोरी फूड है जिससे यह एक डायबिटिक-फ़्रेंडली डाइट माना जाता है।

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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