मधुमेह के मरीजों के लिए कौन से फलों के जूस है सुरक्षित?

क्या फलों व सब्जियों के जूस डायबिटीज के मरीज़ों के लिए सुरक्षित है? यह सवाल ज़्यादातर डाइबीटिक लोगों के मन में उठता है। डायबिटीज भारत में एक बढ़ती हुई स्वास्थ्य समस्या है जो तेज़ी से फेल रही है। भारत में मधुमेह का प्रसार 2009 में 7.1% से बढ़कर 2019 में 8.9% हो गया  इसमें टाइप 2 डायबिटीज़ बड़ी चिंता बन गया है।

कई बार डायबिटीज को मैनेज करना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसलिए, अपनी डाइट पर ध्यान देने की बहुत ज़्यादा ज़रूरत होती है क्योंकि गलत डाइट आपकी ब्लड शुगर बढ़ सकता है। डायबिटीज में कुछ फल बहुत लाभदायक माने जाते हैं जो शरीर को पोषण देने के साथ शुगर लेवल्स को भी नियंत्रित रखता है। हालांकि कई लोगों की यह धारणा है की फलों के जूस ग्लूकोज़ लेवल को बढ़ा देते हैं इसलिए सुरक्षित नहीं है, लेकिन कई ऐसे फलों व सब्जियों के जूस हैं जो आपके शुगर लेवल्स को कंट्रोल करते हैं।

फल में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो शरीर में पाचन को धीमा कर के ग्लूकोज़ के अवशोषण को कम कर देता है जिससे शुगर लेवल्स नहीं बढ़ते। लेकिन जब इन्हें जूस के रूप में लिया जाता है तो इसकी फाइबर मात्रा कम हो जाती है जिससे कई बार इन्हें डायबिटीज के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता। लेकिन कई ऐसे फल हैं जिसके जूस टाइप 2 डाईबिटीज़ के लिए जादुई माने जाते हैं।

फलों के जूस व डायबिटीज

फलों और सब्जियों का रस पीने से आसानी से उनके पोषण प्राप्त किये जा सकते हैं जो आपको कई बीमारियों से बचाते हैं। लेकिन क्या डायबिटीज़ में जूस पीना अच्छा है? क्या जूस पीने से शुगर लेवल बढ़ते हैं।

टाइप 2 डायबिटीज़ एक ऐसी स्थिति है जो शुगर लेवल बढ़ जाते हैं। टाइप 2 डायबिटीज़ में पर्याप्त इंसुलिन नहीं बन पाता जिससे शरीर में ग्लुकोज़ बढ़ जाता है। टाइप 2 डायबिटीज़ एक खराब जीवनशैली का परिणाम है जिसे लाइफस्टाइल में बदलाव कर के सही किया जा सकता है। इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है एक अच्छी डाइबीटिक फ़्रेंडली डाइट

कुछ लोग मानते हैं फलों के रस से शुगर बढ़ जाती है पर हमेशा ऐसा नहीं है।

फलों के रस आपके लिए हेल्दी हो सकते हैं यदि आप उन्हें अपने रोज़ के कार्ब काउन्ट के हिसाब से शामिल करें। फलों की चीनी कार्बोहाईड्रेट की मात्रा को पूरा करती है इसलिए उसके अनुसार जूस को अपनी डाइट में शामिल किया जा सकता है। आइए जाने ऐसे ही कुछ हेल्दी फलों के जूस के बारे में।

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पालक का जूस

पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक से बने जूस डायबिटीज़ में सुरक्षित व पोषक माने जाते हैं। हरी बिना स्टार्च की सब्जियों का ग्लाइसेमीक इंडेक्स कम होता है जो शुगर लेवल्स को स्पाइक नहीं करता।

पालक में कार्बोहाइड्रेट बहुत कम होता है, एक गिलास में केवल 1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। यह मिनरल, फाइटोन्यूट्रिएंट्स, डाइटरी फाइबर और आवश्यक विटामिन से भरपूर होता है, जो इसे डाईबिटीज़ पेशेंट के लिए एक स्वस्थ विकल्प बनाता है।

पालक में अल्फा-लिपोइक एसिड होता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है और पेरीफेरल न्यूरोपैथी (हाथों या पैरों में झुनझुनी और सुन्नता) को रोकता है। यह पोटेशियम का भी एक समृद्ध स्रोत है, जो आपके ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक और हृदय रोगों के रिस्क को कम करने में मदद करता है।

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करेला जूस

करेला और करेले का जूस

करेला का रस शुगर के रोगियों के लिए सबसे अच्छा रस है क्योंकि यह शुगर लेवल को काफी हद तक कम करने में मदद करता है। इसे या तो आप सिर्फ पूरे करेले का रस पी सकते हैं, या आप इसमें थोड़ा नींबू और खीरा भी मिला सकते हैं।

करेला (करेला) का रस मधुमेह के लिए सबसे अच्छा रस है क्योंकि 100 मिलीलीटर रस में 16 कैलोरी, 2.6 ग्राम फाइबर, 3.4 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 0.2 ग्राम वसा होता है। इसमें विटामिन ए और सी, जिंक, आयरन और पोटैशियम भी होता है।

करेले के रस में पॉलीपेप्टाइड-पी होता है जो इंसुलिन के समान काम करता है और शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है। इसमें charantin और vicine भी शामिल हैं, ऐसे यौगिक जो रक्त ग्लूकोज़ को कम करने वाले प्रभाव प्रदर्शित करते हैं।

यह आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाता है, संक्रमण को रोकता है, एजिंग को धीमा करता है और आपके शरीर में एलडीएल (कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन या खराब कोलेस्ट्रॉल) के स्तर को कम करता है। यह आपकी आंखों के स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचाता है और वज़न घटाने में मदद करता है।

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आंवला का जूस

आंवला का जूस डायबिटीज़ के लिए एक बेहतरीन जूस माना जाता है। आंवला विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है। आप इसमें स्टीविया का पानी मिलाकर ताजा निचोड़ा हुआ आंवला जूस पी सकते हैं।

आंवला जूस (150 मिली) की एक सर्विंग में 3 ग्राम फाइबर, 8 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 1 ग्राम से कम वसा होती है। यह विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भी भरपूर होता है।

आंवला के रस में इम्यूनिटी बढ़ाने वाले गुण होते हैं और यह आपके शुगर लेवल के स्तर को कम करने में भी फायदेमंद होता है। यह क्रोमियम का एक समृद्ध स्रोत है, एक मिनरल जो कार्बोहाइड्रेट मेटाबोलिज़्म को नियंत्रित करता है और शुगर लेवल को बढ़ने से रोकने में मदद करता है। आंवला का रस हृदय रोगों के जोखिम को भी कम करता है और पाचन में सहायता करता है। यह लीवर और किडनी के स्वास्थ्य में सुधार करता है।

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अनार का जूस

यह रस फाइबर, फोलेट और पोटेशियम के साथ विटामिन सी से भरपूर होता है। इसके अलावा, क्योंकि इसमें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स है, अनार का रस डायबिटीज़  वाले लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है।

अनार का जूस एंटीऑक्सिडेंट और पॉलीफेनोल्स का एक समृद्ध स्रोत है। इसमें विटामिन सी, ई, के और आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं।

अनार में 18 का कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) होता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स बताता है कि कोई भोजन आपके शुगर लेवल को कितनी जल्दी और कितना बढ़ाता है। अनार के रस में कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले गुण भी होते हैं। अनार के रस में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर से फ्री रेडिकल्स को हटाते हैं और कोशिका क्षति के जोखिम को कम करते हैं।

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गाजर का रस

गाजर और गाजर का जूस

हालांकि गाजर का स्वाद मीठा होता है, वे शुगर लेवल को मेनेज करने में मदद कर सकते हैं और सही मात्रा में लेने से यह शुगर लेवल को नहीं बढ़ाता।

गाजर में विभिन्न खनिज, विटामिन और कैरोटीनॉयड भी होते हैं जो एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में काम कर सकते हैं और शरीर की मदद कर सकते हैं। हालाँकि, इसकी मात्रा का ध्यान रखें क्योंकि इसमें कार्ब होता है।

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टमाटर का जूस

टमाटर और टमाटर का जूस

जिन लोगों को टाइप 2 डाईबिटीज़ है उनके लिए टमाटर का रस एक बेहतरीन विकल्प है। यह रक्त के थक्कों के रिस्क को कम करने के लिए जाना जाता है, जो एथेरोस्क्लेरोसिस और हृदय संबंधी समस्याओं के विकास के जोखिम के कारण मधुमेह वाले लोगों के लिए एक आम समस्या है।

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हर्बल चाय 

गुड़हल, कैमोमाइल, अदरक और पुदीना जैसी हर्बल चाय डायबिटीज़ पेशेंट के लिए बेहतरीन विकल्प हैं। इसके अतिरिक्त इसमें फ्लेवोनोइड्स, कैरोटीनॉयड्स और फेनोलिक एसिड सहित रोग से लड़ने वाले यौगिक भी होते हैं।

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तरबूज़ का जूस 

एक गिलास (240 मिली) तरबूज के रस में 1.5 ग्राम प्रोटीन, 1 ग्राम फाइबर और 17.1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। यह विटामिन ए और सी का समृद्ध स्रोत है।

तरबूज एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है और टाइप 2 डाईबिटीज़ से संबंधित जटिलताओं को कम करने में मदद करता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली के कामकाज में सुधार करता है, मेटाबोलिज़्म को बढ़ाता है और आपकी त्वचा के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।

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मौसम्बी का जूस

मौसंबी (मौसमी) के रस में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, इसलिए डायबिटिक पेशेंट इसकी सीमित मात्रा का सेवन कर सकते हैं। इसमें शुगर न मिलाएं। साथ ही इसे प्रोटीन व हेल्दी फैट वाली डाइट के साथ लें। मौसम्बी विटामिन सी व अन्य शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं। इनमें फाइबर भी पाया जाता है जो इसे डाईबिटीज़ के लिए एक सही विकल्प बन जाता है।

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नारियल पानी

नारियल और नारियल पानी

एक गिलास नारियल पानी (240 मिली) में 60 कैलोरी और 15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। नारियल पानी कैल्शियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम का भी अच्छा स्रोत है।

नारियल पानी आपके HbA1c (ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन) के स्तर को कम कर सकता है। नारियल डायबिटीज़ की जटिलताओं जैसे नर्व डेमेज या हृदय रोगों को कम करने में भी सहायता करता है। यह शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित करता है और आपके ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है।

कम कैलोरी व सही मात्रा में जूस लेने पर उसे डायबिटिक फ़्रेंडली बनाया जा सकता है। जब आप जूस पीते हैं तो पोषक तत्वों का संतुलन बनाए रखने के लिए इसके साथ एक संतुलित नाश्ता लें जैसे फल या सब्जियों का सलाद, एक उबला हुआ अंडा, या मुट्ठी भर मेवे।

इसके अतिरिक्त सेब व चुकंदर का रस भी आप अपनी डाइबीटिक डाइट में शामिल कर सकते हैं लेकिन मात्रा का ध्यान रखें।

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ध्यान रखने योग्य बातें

फलों के जूस वैसे तो पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं लेकिन इसको माडरैशन में सही मात्रा में लें जिससे इसके अधिक से अधिक लाभ प्राप्त किये जा सकें।

बाज़ार में मिलने वाले फलों के रस के सेवन से बचें क्योंकि इनमें शुगर व प्रीज़रवेटिव होते हैं जो डायबिटीज़ के लिए अच्छे नहीं होते और शुगर स्पाइक्स करते हैं।

अपने कार्ब काउन्ट के हिसाब से ही फलों के रस को अपनी डेली डाइट में शामिल करें।

जूस से शुगर स्पाइक को रोकने के लिए इसे खाने के साथ लें। खासकर हाई फाइबर, स्वस्थ वसा या प्रोटीनयुक्त भोजन के साथ।

गैर-स्टार्च वाली सब्जियां अपने जूस में शामिल करें। ये मिनरल, फाइबर, विटामिन और फाइटोकेमिकल्स से भरे हुए हैं। इसमें कम कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट भी होते हैं, जो स्वस्थ आहार के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

कुछ गैर-स्टार्च वाली सब्जियां जिन्हें आप अपने जूस में मिला  सकते हैं:

  • बीट
  • ब्रॉकली
  • गाजर
  • फूलगोभी
  • अजवायन
  • लीक
  • खीरा
  • मशरूम

ध्यान रखें कि घर में बनें फ्रेश जूस ही पियें और इनमें किसी तरह की कोई शुगर नहीं डालें।

डायबिटीज़ में बिना सलाह व संयमित मात्रा के फलों के जूस पीने पर साइड-इफ़ेक्ट्स के रूप में आपके शुगर लेवल बढ़ सकते हैं। इसलिए डॉक्टर से परामर्श कर के अपनी डाइट में इन्हें ज़रूरत के हिसाब से शामिल करें।

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निष्कर्ष

फलों के रस में उचित मात्रा में न्यूट्रीशन होते हैं लेकिन साथ ही इनकी कार्ब मात्रा व लो फाइबर आपके शुगर लेवल्स को बढ़ा सकता हैं, इसलिए सही फलों के जूस को चुनें। साथ ही इन्हें हाई-फाइबर खाने के साथ पियें जिससे ग्लुकोज़ का संतुलन बना रहे। डाइबीटिक लोग पालक, करेला, अनार, आंवला, टमाटर, गाजर का जूस, हर्बल टी, नारियल पानी आदि पी सकते हैं। फ़िर भी अपने न्यूट्रीशनिस्ट से ज़रूर सलाह लें और हेल्दी जूस को अपनी डाइबीटिक डाइट में शामिल कर के टाइप 2 डाईबिटीज़ को नियंत्रित करें।

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सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न:

डायबिटीज़ में प्रतिदिन कितना करेला जूस पिया जा सकता है?

मधुमेह रोगियों के लिए रोजाना सुबह एक गिलास करेले का जूस पीने की सलाह दी जाती है। यह सब्जी पॉलीपेप्टाइड-पी से भरपूर होती है जो शुगर के स्तर में अचानक वृद्धि को रोक सकती है। आयुर्वेदिक चिकित्सक, शुगर लेवल को कम करने के लिए रोज़ाना कम से कम 2 मिलीलीटर गाढ़े करेले के रस को पानी में मिलाकर पीने की सलाह देते हैं।

क्या टाइप 2 डाईबिटीज़ में फलों के रस पी सकते हैं?

डाईबिटीज़ में फलों के जूस आपकी शुगर बढ़ा सकते हैं इसलिए जूस की तुलना में साबुत फल खाना ज़्यादा बेहतर माना जाता है क्योंकि उनमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो शुगर लेवल नियंत्रित रखता है। फ़िर भी कुछ फलों के रस को सीमित मात्रा में आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

क्या डाईबिटीज़ में अनार का रस पी सकते हैं?

अनार का रस या जूस एंटीऑक्सिडेंट और पॉलीफेनोल्स का एक समृद्ध स्रोत है। यह आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर है और इसमें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स है, जो इसे डायबिटीज़ के लिए उपयुक्त बनाता है।

क्या डाईबिटीज़ में फलों का रस पी सकते हैं?

डायबिटीज़ में सुरक्षित माने वाले कुछ फलों के रस हैं, पालक, अनार, आंवला, करेला, तरबूज, टमाटर, गाजर आदि। इन्हें सही मात्रा में अपनी डाइट में शामिल करने से आप पोषण प्राप्त करने के साथ ही अपने शुगर लेवल को बढ़ने से रोक सकते हैं। फ़िर भी जूस की तुलना में साबुत फल खाना ज़्यादा स्वस्थ विकल्प है।

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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