एक प्याली चाय से दिन की शुरुआत करना दुनिया खासकर भारत में एक परंपरा है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो यह हमारे देश का पसंदीदा पेय है। चाय सिर्फ आपके आलस को दूर नहीं भगाती पर कई स्वास्थ्य लाभ देती है।
लेकिन क्या डायबिटीज़ के मरीज चाय पी सकते हैं? आइए इस ब्लॉग में जानते हैं डायबिटिक लोगों के लिए चाय कितनी सुरक्षित है?
चाय क्या है? – What is Tea?
चाय एक ऐसा पेय है जो चाय के पौधे की पत्तियों को उबलते पानी में डालकर बनाया जाता है। चाय का वानस्पतिक नाम कैमेलिया साइनेंसिस है।
यह एक सदाबहार झाड़ी है जो जीनस कैमेलिया और परिवार थेएसी के अंतर्गत आती है। यह प्रजाति भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्वी एशिया की मूल निवासी है।
दूध वाली कड़क चाय हो, अदरक चाय, मसाला टी या इलाईची की चाय, भारत में यह आपको हर कोने में मिल जाएगी। चाय के हर्बल रूप को भी काफ़ी उपयोग किया जाता है जिसके अलग-अलग हेल्थ बेनेफिट्स होते हैं।
चाय के कई प्रकार होते हैं जैसे ग्रीन टी, ब्लैक टी, ऊलोंग टी, केमओमाइल टी, रूईबॉस टी, जिंजर टी इत्यादि लेकिन डायबिटीज़ में कुछ चाय हैं जो आपके शुगर लेवल के लिए अच्छी साबित हो सकती हैं।
चाय और डाईबिटीज़ – Tea & Diabetes
डाईबिटीज़ एक ऐसी अवस्था है जिसमें ब्लड में शुगर लेवल बढ़ जाते हैं। इसे रोकने के लिए व्यक्ति को अपने खान-पान पर बहुत ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
डाईबिटीज़ रोगीयों को हाई-कैलोरी और हाई-शुगर पेय से बचने की ज़रूरत होती है जैसे कोल्ड ड्रिंक, जूस, सोडा, मीठे पेय आदि।
लेकिन क्या चाय इस श्रेणी में आती है? नहीं! डाईबिटीज़ रोगी बिना चीनी की चाय को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसके कई हेल्थ बेनेफिट्स होते हैं। इसके अलावा अलग-अलग प्रकार की चाय अन्य कई हेल्थ बेनेफिट्स देती है।
डाइबीटिक लोगों के लिए चाय निम्नलिखित रूप से लाभकारी है:
- बिना चीनी की चाय एक कार्ब-फ्री (लो-कार्ब) पेय है जो आपके शुगर लेवल्स को प्रभावित नहीं करता।
- ब्लैक टी, ग्रीन टी और ओलोंग टी जैसी चाय में पॉलीफेनोल्स होते हैं जो इंसुलिन एक्टिविटी को बढ़ा सकते हैं।
- पॉलीफेनोल्स में एंटी-ऑक्सीडेटिव गुण पाए जाते हैं जो ईनफ्लेमेशन और कार्सिनोजेन्स से बचाने में मदद कर सकते हैं। इस प्रकार टाइप 2 डाईबिटीज़ और कैंसर से बचाते हैं।
- यह टाइप 2 डायबिटीज़ के विकास को रोकती है।
- चाय में प्रचुर मात्रा में कैफीन होता हैं जो टाइप 2 डायबिटीज़ पर लाभकारी एंटीडायबिटिक प्रभाव डालते हैं।
- इसमें एंटीऑक्सिडेंट प्रभाव वाले कम्पाउन्ड थिएफ्लेविन और थायरुबिगिन्स होते हैं जो डायबिटीज़ को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
- बिना चीनी वाली चाय पीने से आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद मिल सकती है। ब्लड शुगर मेनेज करने के लिए हाइड्रेटेड रहना आवश्यक है।
- चाय इंसुलिन रेज़िस्टेंस में सुधार करती है।
- चाय की कुछ किस्मों में ऐसे प्लांट कम्पाउन्ड होते हैं जो नर्व डेमेज को रोकते हैं और शुगर लेवल्स को कम करते हैं जो डायबिटिक लोगों के लिए चाय को एक फायदेमंद चॉइस बनाते हैं।
- चाय में पाया जाने वाला थीनाइन कम्पाउन्ड तनाव (स्ट्रेस) को कम करने में मदद करता है जो शुगर लेवल्स को कंट्रोल रखता है।
चाय के अन्य स्वास्थ्य लाभ – Other Health Benefits of Tea
चाय में मौजूद कुछ कम्पाउन्ड डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए फायदेमंद होते हैं। चाय के कई अन्य निम्नलिखित स्वास्थ्य लाभ है:
- इसमें पाया जाने वाला थीनाइन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखता है।
- इसमें एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो कई गंभीर बीमारियों जैसे हृदय संबंधित बीमारियाँ, डायबिटीज़, कैंसर से लड़ने में मदद करते हैं।
- यह ब्लड क्लोटिंग को रोकती है।
- कैंसर के विकास के रिस्क को कम करती है।
- ग्रीन टी वज़न कम करने में मदद करती है।
- स्ट्रेस कम करने में मदद करती है।
- एनर्जी देती है और आलस दूर करती है।
- बिना चीनी की चाय हाईड्रेटेड रखती है जो पूरे शरीर की स्वस्थ कार्यप्रणाली के लिए ज़रूरी है।
डायबिटीज़ के लोगों के लिए बेस्ट चाय – Best Tea for Diabetics
कई शोध के अनुसार कुछ प्रकार की चाय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होने के साथ यह ब्लड शुगर लेवल को कम करती हैं और इंसुलिन सेंसिटीवीटि को बढ़ाती हैं। यह डायबिटीज़ मरीजों के लिए फायदेमंद होती है।
ऐसी ही कुछ स्वस्थ चाय विकल्पों में शामिल हैं:
ग्रीन टी – Green Tea
यह सबसे ज़्यादा लोकप्रिय स्वास्थ्यकारी चाय में से एक है। ज्यादातर लोग इसे सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए पीते हैं। ग्रीन टी वज़न कम करने के लिए काफ़ी प्रभावी होती है। एक कप ग्रीन टी में 28mg कैफीन होता है। ग्रीन टी और ग्रीन टी का अर्क शुगर लेवल को कम करने में मदद करने के साथ टाइप 2 डायबिटीज़ और मोटापे को रोकने में मदद कर सकती है।
छोंकी मोटापा टाइप 2 डायबिटीज़ के रिस्क को बढ़ाता है इसलिए ग्रीन टी पीना टाइप 2 डायबिटीज़ के रिस्क को कम करती है। इसके अलावा इसमें एपिगैलोकैटेचिन गैलेट (ईजीसीजी) नामक एक शक्तिशाली यौगिक होता है जो मसल की कोशिकाओं में ग्लुकोज़ के अवशोषण को बढ़ाता है जिससे मोटापे का इलाज करने में सहायता मिलती है।
एक कप ग्रीन टी में 0 कार्बोहाइड्रेट, 0 ग्राम चीनी या वसा और मात्र 2.4 कैलोरी होती है जो किसी भी तरह शुगर लेवल को प्रभावित नहीं करती।
ब्लैक टी – Black Tea
वैसे तो ब्लैक टी ग्रीन टी प्लांट से ही आती है बस इसे प्रोसेस करने का तरीका अलग होता है। इसमें कई एंटीडायबिटिक गुण पाए जाते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार ब्लैक टी इंसुलिन रेज़िस्टेंस में सुधार करते हैं और इंसुलिन की तरह काम करती है।
इसके अलावा यह इंफ़्लेमेशन को भी कम करती है। इसी के साथ स्वस्थ व डायबिटिक दोनों लोगों में चीनीयुक्त पेय के साथ या खाने के बाद ब्लैक टी पीने से शुगर लेवल्स में काफ़ी कमी देखि जाती है।
अदरक की चाय – Ginger Tea
अदरक शरीर में ग्लाइसेमिक नियंत्रण को प्रभावित करता है जो कार्बोहाइड्रेट मेटाबोलिज़्म प्रोसेस में शामिल एंजाइमों को रोककर इंसुलिन संवेदनशीलता या इंसुलिन सेंसिटीवीटि को बढ़ाता है।
इस प्रकार यह तीखी अदरक की चाय टाइप 2 डायबिटीज़ के रोगियों में शुगर लेवल व HbA1C को कम करने में मदद करती है।
पुदीना चाय – Peppermint Tea
पुदीना आपको ठंडक देता है जो आपके दिमाग को शांत करता है। डायबिटिक लोगों में स्ट्रेस शुगर लेवल को बहुत ज़्यादा प्रभावित करता है। पुदीने का ठंडक देने वाला प्रभाव A1C के साथ शुगर लेवल में सुधार करता है।
केमोमाइल टी – Chamomile Tea
यह बेहतर नींद के लिए लाभकारी होती है। कम नींद आपके इंसुलिन उत्पादन और एक्टिविटी को कम करती है जिससे शुगर लेवल बढ़ सकते हैं। केमोमाइल टी ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करती है।
एक अध्ययन के अनुसार 8 हफ्ते तक दिन में 3 बार इस चाय को पीने से ग्लाइसेमीक कंट्रोल और एंटीऑक्सीडेंट के स्तर में सुधार देखा गया। इस चाय से आपकी नींद की क्वालिटी बढ़ती है और साथ ही डिप्रेशन के लक्षणों में कमी आती है।
दालचीनी की चाय – Cinnamon Tea
दालचीनी डायबिटीज़ के रोगियों में शुगर लेवल को नियंत्रित रखने के लिए काफ़ी उपयोगी मानी जाती है। इसे नेचुरल स्वीटनर की तरह भी उपयोग किया जाता है। दालचीनी की चाय ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद कर सकती है।
हिबिस्कस टी – Hibiscus Tea
हिबिस्कस चाय इंसुलिन रेज़िस्टेंस को कम करने में मदद कर सकती है। डायबिटीज़ से पीड़ित लगभग दो-तिहाई लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी होती है ऐसे में एक अध्ययन के अनुसार काली चाय की तुलना में एक महीने के लिए दिन में दो बार हिबिस्कस चाय पीने से डायबिटिक लोगों में सिस्टोलिक रक्तचाप में कमी देखी गई।
लेमन टी – Lemon Tea
लेमन या नींबू में विटामिन सी होता है जो एक बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट होता है। इसके अलावा यह इम्यूनिटी व पाचन तंत्र दोनों के लिए फायदेमंद होता है। यह सभी गुण मिलकर शुगर लेवल को नियंत्रित रखने व ग्लाइसेमीक कंट्रोल को बढ़ाने में मदद करता हैं। यह डायबिटीज़ से जुड़ी जटिलता हृदय संबंधी बीमारियों के रिस्क को कम करती है।
रूईबॉस टी – Rooibos Tea
इसे साउथ अफ्रीका में उगाया जाता है। इसमें कई एंटी-डायबिटिक प्रॉपर्टीज़ होती है। रूइबोस वसा कोशिका निर्माण को रोकने में मदद कर सकता है जो मोटापे से बचाता है। मोटापा टाइप 2 डायबिटीज़ के विकास का प्रमुख कारण हैं। इसके अतिरिक्त इसमें एक कम्पाउन्ड एसपेथेलिन पाया जाता है जिसमें ग्लुकोज़ लोवरिंग प्रॉपर्टीज़ होती है।
हल्दी की चाय – Turmeric Tea
हल्दी में कई एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइनफ्लेमेट्री गुण होते हैं जो कई हेल्थ बेनेफिट्स देती है। इसमें पाए जाने वाले कम्पाउन्ड कुरकुमिन में ब्लड शुगर कम करने वाले गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा कुरकुमिन इंसुलिन सेन्सिटिविटी में सुधार करता है और ऊतकों में ग्लुकोज़ अपटेक को बढ़ाता है। यह ब्लड लिपिड लेवल्स को भी कम करता है।
विशेष: हर नुक्कड़ पर मिलने वाली दूध की चाय एक स्वस्थ विकल्प नहीं है। यह डायबिटीज़ के मरीजों के लिए नुकसानदायक हो सकती है। इसमें मौजूद दूध में हाई कैलोरी और हाई कार्ब होता है जो डाइबीटिक व्यक्ति के शुगर लेवल को बढ़ा सकती है। साथ ही इसमें मिलाई जाने वाली चीनी आपके शुगर कंट्रोल पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। इसलिए डायबिटिक रोगी के लिए बिना दूध वाली व हर्बल चाय सबसे बेहतरीन विकल्प है जिससे कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं और शुगर लेवल भी नियंत्रित रहते हैं।
चाय के साइड इफ़ेक्ट्स – Side Effects of Tea
- चाय या हर्बल चाय को बिना चीनी के पीना स्वास्थ्यकारी होता है लेकिन उसमें चीनी या शहद मिलाने से बचें। मीठी या दूध वाली मीठी चाय आपके शुगर लेवल्स को बढ़ा सकती हैं।
- पेकेज्ड टी पीने से बचें चाहे वो हर्बल हो। इसमें एडेड शुगर और प्रीज़रवेटिव हो सकते हैं।
- इसके अलावा कई प्रकार की हर्बल चाय डायबिटीज़ की कुछ दवाइयों के साथ इंटरेक्ट कर सकती है इसलिए पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
- भारत में अधिकतर दूध वाली चाय पी जाती है जो आपके शुगर लेवल को प्रभावित करने के साथ एसिडिटी की समस्या पैदा कर सकती है इसलिए बिना दूध और चीनी की चाय सुरक्षित होती है।
निष्कर्ष – Conclusion
बिना चीनी और दूध की चाय में बहुत सारे एंटी डायबिटिक, एंटी-इनफ्लेमेट्री गुण होने के साथ कई प्लांट कम्पाउन्ड और एंटीऑक्सीडेंट होता है। यह आपकी डायबिटीज़ को कंट्रोल रखने के साथ अन्य स्वास्थ्य लाभ जैसे सामान्य ब्लड प्रेशर रखती है, दिल की बीमारियों के रिस्क को कम करती है व ब्लड क्लाट को रोकती है।
चाय और हर्बल इन्फ्यूजन लोकप्रिय पेय पदार्थ हैं जो संभावित रूप से टाइप 2 डायबिटीज़ वाले लोगों को लाभ पहुंचा सकते हैं। सभी प्रकार की चाय जैसे ग्रीन टी, ब्लैक टी, कैमोमाइल, हल्दी, लेमन, दालचीनी, हिबिस्कस, पुदीना, रूईबॉस आदि टाइप 2 डायबिटीज़ वाले व्यक्ति के लिए लाभकारी प्रभाव डाल सकती हैं जिनमें कई एंटीडायबिटिक प्रभाव वाले यौगिक भी होते हैं।
टाइप 2 डायबिटीज़ वाले लोगों को अपनी चाय या हर्बल चाय को चीनी या शहद से मीठा करने से बचना चाहिए। इसके अलावा किसी हर्बल चाय को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर परामर्श करें कि उसेन मौजूद कोई कम्पाउन्ड आपकी दावा के साथ रीऐक्ट ना करता हो।
सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न – Frequently Asked Questions
क्या डायबिटिक लोगों में हर्बल चाय के कोई साइड इफेक्ट हो सकते हैं?
हर्बल टी में कई प्रकार के प्लांट कम्पाउन्ड होते हैं जिनमें से कुछ डाइबीटिक पेशेंट की दवाओं के साथ इंटरेक्ट कर सकते हैं। इसलिए किसी भी हर्बल चाय को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से पहले डॉक्टर से ज़रूर परामर्श लें।
क्या डायबिटीज़ रोगी चाय पी सकते हैं?
चीनी रहित और हर्बल चाय पीने से एक डायबिटिक व्यक्ति कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते है। स्वस्थ चाय जो एक डायबिटीज़ रोगी अपनी दैनिक डाइट में शामिल कर सकता है वह है: ग्रीन टी, ब्लैक टी, अदरक की चाय, केमोमाइल टी, हिबिस्कस टी, पुदीना चाय, रूईबॉस टी, दालचीनी चाय, हल्दी की चाय, लेमन टी इत्यादि।
दूध वाली चाय के क्या नुकसान है?
हममें से ज़्यादातर लोग अपने दिन की शुरुआत दूध वाली चाय से करते है जो अनहेल्दी है। दूध वाली चाय के नुकसान है: ब्लोटिंग, एसिडिटी, कब्ज़, डीहाइड्रेशन, नींद की कमी, असामान्य ब्लड प्रेशर, सरदर्द इत्यादि। इसलिए हर्बल चाय एक बेहतर विकल्प है।
क्या दूध वाली चाय से शुगर बढ़ती है?
चाय में उपयोग किये जाने वाले दूध में कुछ IGF मॉलिक्यूल्स होते हैं जो शुगर बढ़ाते हैं। इसके अलावा दूध वाली चाय में काफ़ी कैलोरी और कार्ब होते हैं जो आपके सुगर लेवल के लिए सही नहीं है। उसके बाद अगर आप इसमें और शुगर मिलाते हैं तो यह एक डायबिटिक लोगों में शुगर लेवल बढ़ा देती है। इसलिए अगर आपको डायबिटीज़ है तो आपको दूध वाली चाय से बचना चाहिए।
संदर्भ – References
https://www.everydayhealth.com/diabetes/the-best-teas-for-people-with-diabetes/
https://www.medicalnewstoday.com/articles/tea-and-diabetes
https://www.diabetes.co.uk/food/tea-and-diabetes.html
https://www.healthline.com/nutrition/tea-for-diabeticsLast Updated on by Dr. Damanjit Duggal
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