क्या डायबिटीज में दूध पी सकते है? जानिये फायदे और नुक्सान – Can Diabetics drink Milk? Know Advantages & Disadvantages

Last updated on अप्रैल 12th, 2023

दूध हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा है। बचपन से हमें दूध पीने को कहा गया है जिससे हमारी हड्डियाँ और दांत मजबूत रहे। दूध जैसे ही अन्य डेयरी उत्पाद जैसे दही, घी, पनीर, चीज़ भी भारतीय खाने का ज़ायका बढ़ाते है।

यह प्रोटीन, विटामिन और कैल्शियम का एक बेहतरीन स्त्रोत है जो सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है। लेकिन इतने गुण होने के बावजूद क्या दूध डायबिटीज़ के लोगों के लिए सुरक्षित है?

दूध भले ही एक आवश्यक पोषण हो लेकिन उसमें काफी ज़्यादा फैट और कार्ब्स होते हैं जो डायबिटिक लोगों के लिए रिस्क भरा हो सकता है। इस ब्लॉग में जानते हैं कि क्या आप डायबिटीज़ में दूध पी सकते हैं और अगर हाँ तो आपको किन बातों का ध्यान रखने की ज़रूरत है।

डायबिटीज़ में दूध की मात्रा को रोज की डाइट में उपस्थित कार्ब काउन्ट को निर्धारित कर के किया जाता है। हालाँकि, दूध में फैट होता है इसलिए हमेशा कम वसा वाले विकल्प चुनें जो आपके शुगर लेवल को ज़्यादा प्रभावित ना करें।

इसके अलावा दूध में मौजूद फैट वज़न बढ़ा सकते हैं और कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ाते हैं। जिससे हृदय रोग (सीवीडी) का खतरा बढ़ जाता है। डायबिटीज़ आपके सीवीडी होने के जोखिम को बढ़ाता है, इसलिए अपने कार्ब का ध्यान रखने की ज़रूरत है। दूध आपके लिए फायदेमंद और नुकसानदायक हो सकता है अगर आपने उसकी मात्रा पर ध्यान नहीं दिया।

Table of Contents

दूध की न्यूट्रीशनल वेल्यू या पोषण मूल्य – Nutritional Value of Milk

दूध में प्रोटीन, विटामिन और कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है जो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक होती है। दूध दो प्रकार का होता है एक फैटयुक्त और दूसरा फैटरहित। डायबिटीज़ में कम फैट वाला दूध पीना सुरक्षित माना जाता है।

वसायुक्त या फैटयुक्त दूध (एक कप)
पोषक तत्व मात्रा
कैलोरी 149
फैट/वसा 8 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट 12 ग्राम
फाइबर 0 ग्राम
प्रोटीन 8 ग्राम
प्रोटीन 0.5 ग्राम
कैल्शियम 276 मिलीग्राम
फैटरहित या मलाई निकाला हुआ दूध (एक कप)
पोषक तत्व मात्रा
कैलोरी 91
फैट/वसा 0.61 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट 12 ग्राम
फाइबर 0 ग्राम
प्रोटीन 8 ग्राम
प्रोटीन 9 ग्राम
कैल्शियम 316 मिलीग्राम

इसके अलावा दूध में अन्य कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं:

पोषक तत्व मात्रा
मैग्नीशियम 29.3 mg
फॉस्फोरस 246 mg
पोटैशियम 366 mg
सोडियम 92.7 mg
सेलेनियम 4.64 µg
विटामिन बी-6 0.149 mg
विटामिन बी-12 1.32 µg
विटामिन ए, RAE 78.1 µg
विटामिन डी (D2 + D3) 2.68 µg
फैटी एसिड्स, टोटल सैचुरेटेड 4.54 g
फैटी एसिड्स, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड 1.68 g
फैटी एसिड्स, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड 0.264 g
कोलेस्ट्रॉल 29.3 mg

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दूध और डायबिटीज़ – Milk & Diabetes

डायबिटीज़ वाले लोग प्रभावी ढंग से इंसुलिन बनाने या उपयोग करने में सक्षम नहीं होते हैं। इंसुलिन एक हार्मोन है जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है। जब इंसुलिन अपना काम सही से नहीं कर रहा होता है, तो ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाते है।

डायबिटीज़ के दो मुख्य प्रकार हैं: टाइप 1 और टाइप 2। दोनों ही डायबिटीज़ टाइप में कार्बोहाइड्रेट इनटेक को मेनेज करना सबसे महत्वपूर्ण है।

डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों के लिए अक्सर कार्ब काउन्ट का ध्यान रखने की ज़रूरत होती है। चीनी भी एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है इसलिए इसे अपनी हेल्दी डाइट में सीमित रखने की सलाह दी जाती है।

डायबिटीज़ वाले लोगों के ब्लड में हाई कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड्स लेवल भी हो सकते हैं। यह हाई फैट लेवल हृदय रोग के रिस्क से जुड़े हैं।

अपने आहार में ट्रांस फैट और संतृप्त (सेचुरेटेड) वसा पर नजर रखना फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, कुछ नए शोध बताते हैं कि दूध या डेयरी में मौजूद संतृप्त वसा (सेचुरेटेड फैट) हृदय रोग से जुड़ा नहीं है।

डायबिटीज़ कुछ लोगों को हड्डी के फ्रैक्चर के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकता है। ऐसे में कैल्शियम से भरपूर आहार हड्डियों को मजबूत रखने में मदद कर सकता है। और दूध उसके लिए एक अच्छा विकल्प है।

कैल्शियम युक्त दूध को अपने आहार में शामिल करने के लिए अपने डाइट प्लान को सही से बनाने की ज़रूरत है। एक हेल्दी डाइट प्लान में सभी पोषण मौजूद होने चाहिए जिसमें वेरायटी और फूड इंटोलरेंस का ध्यान रखने की ज़रूरत है।

कई वैज्ञानिक अध्ययन में दूध पीने और टाइप 2 डायबिटीज़ के कम रिस्क के बीच अच्छा संबंध पाया गया है।

अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित 2011 के एक अन्य अध्ययन के अनुसार जो लोग किशोरावस्था या बचपन में ज़्यादा दूध पीते हैं उनमें टाइप 2 डायबिटीज़ होने का रिस्क कम होता है।

साथ ही कुछ शोध बताते हैं कि डेयरी में पाए जाने वाले संतृप्त वसा का टाइप 2 डायबिटीज़ पर ज़्यादा असर नहीं पड़ता।

टाइप 2 डायबिटीज़ वाले व्यक्तियों को दूध को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले फैट काउन्ट से ज़्यादा कार्ब काउन्ट पर ध्यान देने की ज़्यादा ज़रूरत होती है।

टाइप 2 डायबिटीज़ वाले व्यक्ति दूध का सीमित मात्रा में सेवन कर सकते हैं। हालांकि दूध में लैक्टोस होता है जो शुगर में टूटता है लेकिन अगर इसे अपने रोज़ के कार्ब काउन्ट को ध्यान में रख के लिया जाए तो यह आसानी से शुगर लेवल को मेनेज रख सकता है। दूध का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जो शुगर लेवल को अचानक से नहीं बढ़ाता।

दूध में मौजूद अन्य पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम और पेप्टाइड्स इंसुलिन सेन्सिटिविटी और ग्लुकोज़ टोलेरेन्स को सुधारने में मदद करते हैं। इसके अलावा इसमें हाइपरइंसुलिनमिया (Hyperinsulinemia) गुण होते हैं जो इंसुलिन बनने को बढ़ाते हैं।

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डायबिटीज़ में दूध के फ़ायदे – Advantages of Milk in Diabetes

दूध कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसलिए बचपन से ही दूध पीने की सलाह दी जाती है। यह कई हेल्थ बेनेफिट्स के लिए जिम्मेदार है और डायबिटीज़ में भी यह कई हेल्थ बेनेफिट्स देता है। आइए जानें डायबिटीज़ में दूध के हेल्थ बेनेफिट्स:

हड्डियों और दांतों के स्वास्थ्य को बढ़ाता है – Helpful in Bone’s & Teeth’s Health

डायबिटीज़ एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है जो शरीर के कई अंगों को प्रभावित करती है। इसमें से एक है कमजोर हड्डियाँ। डायबिटीज़ में कमजोर हड्डियाँ फ्रेक्चर की संभावना बढ़ा देती है। ऐसे में दूध से मिलने वाला कैल्शियम और विटामिन डी इस समस्या को दूर करने में मदद करता है।

ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है – Controls Blood Pressure

डायबिटीज़ में ब्लड प्रेशर प्रभावित होता है। ज़्यादातर केस में डायबिटीज़ वाले व्यक्तियों में ब्लड प्रेशर की समस्या भी देखी जाती है। ऐसे में दूध पीने से ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है।

दूध में मौजूद मिनरल्स पोटेशियम, कैल्शियम, और मैग्नीशियम ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करने में मदद करते हैं। दूध में कई प्रकार के बायोएक्टिव पेप्टाइड्स भी पाए जाते हैं जो हाई ब्लड प्रेशर को नियमित करने में मदद करते हैं।

नींद में फायदेमंद – Helpful in Sleep

डायबिटीज़ रोगियों को अक्सर नींद की समस्या रहती है। ऐसे में दूध इसमें मदद कर सकता है। दूध में कई प्रकार के कम्पाउन्ड पाए जाते हैं जैसे मेलाटोनिन और ट्राइटॉफन। यह दोनों अच्छी नींद और क्वालिटी स्लीप में फायदा पहुंचाते हैं।

हाई प्रोटीन मात्रा – Rick in Protein 

दूध में मौजूद हाई प्रोटीन लेने से आपकी भूख लंबे समय तक शांत रहती है जिससे बार-बार खाने की इच्छा नहीं होती और शुगर लेवल के साथ वज़न भी नियंत्रित रहता है। इसके अलावा प्रोटीन ग्लुकोज़ को धीरे अवशोषित करता है जिससे शरीर में शुगर लेवल नहीं बढ़ते।

स्ट्रेस में आराम देता है – Helps in Stress

दूध में मौजूद कैल्शियम और कुछ अमीनो एसिड डिप्रेशन और स्ट्रेस को कम करने में सहायक होते हैं। यह दिमाग के स्वास्थ्य और फ़ंक्शन को बेहतर बनाने में मदद करता है।

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डायबिटीज़ में दूध के नुकसान – Disadvantages of Mik in Diabetes

डायबिटीज़ में दूध पीने के कई फ़ायदों के साथ कुछ नुकसान भी है जैसे:

  • दूध में लेक्टोज़ होता है जो कुछ लोगों में गैस या एसिडिटी की समस्या कर सकता है। कुछ लोग लेक्टोज़ इंटोलेरेंट होते हैं और उन्हें पाचन संबंधी समस्या हो सकती है। इसलिए ऐसे लोगों को दूध से बचना चाहिए।
  • डायबिटिक लोगों को दूध पीने से पहले यह निर्धारित करने की ज़रूरत है कि वो हाई फैट दूध ना पियें। हाई फेट दूध शुगर लेवल को तो बढ़ा ही सकते हैं और साथ ही यह वज़न भी बढ़ा सकते हैं।
  • चाहे आप लो फैट दूध पियें लेकिन याद रहें दूध में लेक्टोज़ शुगर होती है। यह शुगर कार्बोहाईड्रेट का ही एक प्रकार है। डायबिटिक लोगों को अपने कार्बोहाईड्रेट कन्सम्शन पर ध्यान देने की ज़रूरत होती है। इसलिए उन्हें अपने दूध की मात्रा पर भी ध्यान देना चाहिए। रोज के कार्ब काउन्ट को एडजस्ट करके दूध की मात्रा को सीमित रखें। वरना आपके शुगर लेवल बढ़ सकते हैं।
  • कुछ लोग दूध के प्रति एलर्जिक हो सकते हैं इसलिए अगर आपको एलर्जी है तो दूध पीने से बचें।
  • लेक्टोज़ इंटोलेरेंट व्यक्ति दूध के अन्य विकल्पों को चुनें।

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दूध के अन्य विकल्प – Other Choices of Milk

डेयरी दूध में फैट और कार्ब की अधिक मात्रा होती है जिसकी वजह से वह आपके शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकती है। इसलिए दूध के कई अन्य विकल्प है जो डायबिटीज़ में शुगर लेवल को ज़्यादा प्रभावित नहीं करते। ऐसे ही कुछ दूध के विकल्प हैं:

सोया मिल्क – Soya Milk

सोया प्रोटीन और कैल्शियम का एक उत्कृष्ट स्त्रोत है। यह फैट फ्री होता है और दूध के कई फ़ायदे पहुंचाता है। इसमें कैल्शियम के अलावा मैग्नेशियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम और विटामिन बी भी पाया जाता है। यह सब इसे एक स्वस्थ ऑप्शन बनाते हैं और लेक्टोज़ व फैट के प्रभाव से बचाते हैं।

लो-फैट मिल्क – Low-Fat Milk

यदि डायबिटीज़ में आप रेगुलर दूध लेना चाहते हैं तो लो फैट मिल्क का ही उपयोग करें। लो फैट मिल्क में मौजूद कम कार्ब और फैट आपके शुगर लेवल को नहीं बढ़ाता। इसमें प्रोटीन भी अच्छी मात्रा में मिल जाता है और डायबिटिक लोगों के लिए ज़रूरी कैल्शियम भी आवश्यक मात्रा में होता है।

बादाम का दूध या आलमंड मिल्क – Almond Milk

अगर आप स्वस्थ दूध के ऑप्शन पर जाना चाहते हैं तो बादाम का दूध एक अच्छा विकल्प है। इसमें लेक्टोज़ नहीं होता और साथ ही इसमें लो फैट और लो कार्ब होता है। यह न्यूट्रीशन से भरपूर होता है और आपके शुगर लेवल को प्रभावित नहीं करता।

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डायबिटीज़ में दूध का सेवन कब करें? – When to consume milk in Diabetes?

दूध में कार्ब होता है इसलिए यह शुगर लेवल को प्रभावित करता है। ऐसे में डायबिटिक लोग दिन में कभी भी दूध का सेवन कर सकते हैं। सबसे बेहतर समय ब्रेकफ़ास्ट के समय होता है। हालांकि शुगर पेशेंट को लो-फैट और बिना चीनी मिला दूध पीना चाहिए।

इसके अलावा अगर आपकी शुगर नियंत्रित है तो आप रात में भी दूध पी सकते हैं। यह अच्छी नींद और स्ट्रेस दूर करने में भी मदद करता है। अगर आपको दूध पीने से कोई दिक्कत होती है तो अपने डॉक्टर से ज़रूर परामर्श करें।

यदि किसी व्यक्ति को गैस या एसिडिटी की परेशानी है तो दूध पीने से बचें। यह गैस बढ़ा सकता है।

नोट: दूध को हमेशा बिना किसी एडेड शुगर या स्वीटनर मिलाएं पियें। इससे आपका शुगर लेवल नियंत्रित रहता है और आप इसके लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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दूध के अन्य खाद्य विकल्प – Other food choices of Milk

यदि कोई लैक्टोज इंटोलेरेंट है या डेयरी एलर्जिक हैं तो आप इसके जगह अन्य खाद्य विकल्पों से दूध वाले पोषक तत्व प्राप्त कर सकते हैं। इन दूध विकल्पों में शामिल हैं:

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निष्कर्ष – Conclusion

इस प्रकार दूध के फ़ायदे और नुकसान यह बताते हैं की दूध को डायबिटीज़ में पिया जा सकता है या नहीं। दूध में कई तरह के पोषक तत्व होते है जो डायबिटिक लोगों के लिए ज़रूरी है। लेकिन साथ ही इसकी सही मात्रा लेना बहुत आवश्यक है। सही मात्रा में लिया गया दूध आपको फ़ायदे पहुंचाता है।

इसके अलावा दूध में किसी तरह की शुगर या एडेड शुगर न मिलाएं। यह उसके पोषण को खत्म करके नुकसानदायक बना सकती है। कोशिश करें की रेगुलर दूध के स्थान पर उसके विकल्पों को चुनें जो अधिक स्वास्थ्यवर्धक हो और ब्लड शुगर लेवल को न बढ़ाएं।

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सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न – Frequently Asked Question

डायबिटीज़ में दूध पीने के क्या नुकसान हैं?

डायबिटीज़ में पाचन से संबंधित कई समस्याएं होती है ऐसे में अगर आपको एसिडिटी या गैस की परेशानी है तो दूध ना पियें। ज़्यादा दूध पीने से एसिडिटी और दस्त की समस्या हो सकती है। इसके अलावा कुछ लोग लेक्टोज़ इंटोलेरेंट होते हैं, उन्हें भी दूध पीने से बचना चाहिए। दूध में अच्छी मात्रा में कार्ब और फैट होता है इसलिए डायबिटीज़ में नियंत्रित मात्रा में ही दूध को अपनी डेली डाइट में शामिल करें। अपने कार्ब और फैट काउन्ट को माप कर उसके अनुसार ही एक या दो कप दूध को अपनी डाइबीटिक डाइट का हिस्सा बनाएं। हाई फैट दूध ना पियें, इससे शुगर लेवल बढ़ सकते हैं।

क्या दूध पीने से शुगर लेवल कम होते हैं?

दूध एक लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला फूड प्रोडक्ट है और साथ ही इसमें मौजूद प्रोटीन शुगर अवशोषण को धीमा कर देता है। दूध में मौजूद कई पोषक तत्व इंसुलिन सेंसिटीवीटि और ग्लुकोज़ टोलेरेन्स को बढ़ाते हैं जिससे यह डायबिटीज़ में फ़ायदा पहुंचाता है। लेकिन इसकी मात्रा सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है। अगर सही मात्रा में इसे ना लिया जाए तो यह शुगर लेवल को बहुत अधिक बढ़ा सकते हैं।

क्या दूध शुगर लेवल बढ़ाता है?

अगर सही मात्रा और सही तरीके से दूध का सेवन किया जाए तो यह शुगर लेवल नहीं बढ़ाता। हालांकि यह कार्ब और फैट युक्त होता है लेकिन अपने दैनिक कार्ब काउन्ट और फैट काउन्ट के अनुसार दूध को अपनी डाइट में शामिल करना फायदेमंद हो सकता है। दूध का ग्लाइसेमीक इंडेक्स भी कम होता है जो शुगर लेवल को अचानक नहीं बढ़ाता। इसके साथ ही इसमें मौजूद प्रोटीन कार्बोहाईड्रेट के अवशोषण को धीमा कर देता है जिससे शुगर लेवल धीरे बढ़ते हैं। साथ ही शुगर-फ्री दूध पियें। लेकिन ध्यान रहे कि अगर आपको गैस या एसिडिटी की परेशानी है या आप लेक्टोज़ इंटोलेरेंट हैं तो दूध पीने से बचें।

 

क्या में डायबिटीज़ में दूध पी सकता हूँ?

डायबिटीज़ में दूध पीने का कोई विशेष रूल नहीं हैं। यह व्यक्तिगत चॉइस पर निर्भर करता है और इस पर निर्भर करता है कि आपके शुगर लेवल कितने नियंत्रित हैं। डायबिटीज़ में दूध पीना कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे आपकी एक्टिविटी लेवल, कुल कैलोरी इनटेक, सही मात्रा में फैट इनटेक और ब्लड शुगर लेवल की रेगुलर मॉनीटरिंग। यदि आपके शुगर लेवल मेनेज हैं तो आप एक या दो कप दूध का सेवन कर सकते हैं। लेकिन उसमें किसी भी प्रकार का स्वीटनर या चीनी ना मिलाएं।

संदर्भ – References

https://www.medicalnewstoday.com/articles/311107#takeaway
https://www.phablecare.com/health-guide/hi/diabetes/is-milk-good-for-diabetes-in-hindi
https://www.webmd.com/diabetes/what-to-know-about-diabetes-and-milkLast Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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