क्या मधुमेह के रोगी गन्ने के जूस का सेवन कर सकते हैं? – Can Diabetes Patients Drink Sugarcane Juice?

Last updated on मार्च 9th, 2023

गर्मियों का मौसम आए और गन्ने के रस का नाम ना आए, ऐसा नहीं हो सकता। यह ताज़ा और टेस्टी पेय या ड्रिंक ना केवल आपकी प्यास बुझाता है बल्कि आपको एनर्जी भी देता है। लेकिन डाईबिटीज़ में क्या गन्ने के रस का सेवन सुरक्षित है? आइए जानते हैं इस ब्लॉग में।

गन्ने के रस के लाभ इसके औषधीय गुणों के लिए जाने जाते हैं। भारत में, इस मीठे पेय का उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि पीलिया, रक्तस्राव, पेशाब में जलन, अनुरिया और अन्य मूत्र रोगों के इलाज के लिए किया जाता है।

यहां तक ​​कि इससे बने उत्पादों जैसे, गन्ने के मोम का उपयोग ब्यूटी प्रोडक्ट इंडस्ट्री में इसके एंटीऑक्सिडेंट, एंटीबेक्टेरियल और एंटी-इनफ्लेमेट्री गुणों के लिए भी किया जाता है। यह एजिंग को कम करता है और कॉलेजन के निर्माण को बढ़ाता है।

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गन्ने में मौजूदा पोषक तत्व – Nutritional Value of Sugarcane in Hindi

गन्ना, वैज्ञानिक रूप से सेकेरम ऑफिसिनारम एल (Saccharum officinarum L) के रूप में जाना जाता है, एक घास का पौधा है जो 36 किस्मों में पाया जा सकता है। इसमें वसा नहीं होता है और यह 100 प्रतिशत प्राकृतिक पेय या नेचुरल ड्रिंक है।

हालांकि इसमें वसा, कोलेस्ट्रॉल, फाइबर और प्रोटीन की मात्रा शून्य होती है, फिर भी इसमें आवश्यक खनिज जैसे सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, लोहा, मैग्नीशियम, जस्ता, थायमिन, राइबोफ्लेविन, कई अमीनो एसिड, और विटामिन जैसे विटामिन ए, बी1, बी2, बी3, बी5, बी6, सी और ई होते हैं।

गन्ने के रस की 8-औंस सर्विंग (लगभग 240 मिली) में मौजूद पोषक तत्व हैं:

  • कैलोरी: 183
  • प्रोटीन: 0 ग्राम
  • वसा: 0 ग्राम
  • चीनी : 50 ग्राम
  • फाइबर: 0–13 ग्राम

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गन्ने का ग्लाइसेमिक इंडेक्स – Glycemic Index of Sugarcane in Hindi

गन्ने का ग्लिसेमिक इंडेक्स

किसी भी खाद्य पदार्थ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) यह निर्धारित करने में मदद करता है कि आहार में विभिन्न प्रकार के कार्बोहाइड्रेट पर शरीर कितनी जल्दी प्रतिक्रिया करता है।

उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला भोजन रक्त में ग्लूकोज के स्तर को तेजी से बढ़ाता है और शुगर को नियंत्रित करने के लिए कम फायदेमंद होता है जबकि कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वैल्यू का भोजन शुगर लेवेल्स को जल्दी से नहीं बढ़ाता है।

ग्लाइसेमिक इंडेक्स की गणना कैसे की जाती है? – How Glycemic Index is calculated?

जीआई को नापने के लिए 50 ग्राम कार्बोहाईड्रेट और 50 ग्राम शुद्ध ग्लूकोज द्वारा रक्त में दोनों से बढ़ने वाले ग्लुकोज़ लेवल के समय और मात्रा के फ़र्क के आधार पर नापा जाता है।

उदाहरण के लिए, 50 ग्राम शुद्ध ग्लूकोज को 100 का स्कोर दिया जाता है, जबकि 50 ग्राम कार्ब्स वाले भोजन को निम्न जीआई खाद्य पदार्थ (≤ 55), मध्यम जीआई खाद्य पदार्थ (56-69), और उच्च जीआई खाद्य पदार्थ (≥70) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

दूसरी ओर, उच्च ग्लाइसेमिक लोड वाला भोजन आपकी बार-बार लगने वाली भूख कम करने के साथ आपको जीवन शक्ति बढ़ाने में मदद करता है। यदि कोई व्यक्ति कम ग्लाइसिमिक इंडेक्स व ज़्यादा प्रोटीन वाले खाने का सेवन करता है तो उसका वज़न कम होता है। गन्ने का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 43 है, जो निम्न जीआई है जिसका ब्लड शुगर पर बुरा प्रभाव नहीं पढ़ता है। इसलिए यह एक सुरक्षित ड्रिंक है यदि इसे समझदारी से अपनी डाइट में शामिल किया जाए।

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गन्ने के स्वास्थ्य लाभ – Health Benefits of Sugarcane in Hindi

दुनिया के कई क्षेत्रों में, गन्ने के रस का उपयोग विभिन्न प्रकार के रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। प्राचीन काल से ही गन्ने के रस का उपयोग आयुर्वेद और यूनानी दवाओं में एक ही दवा के रूप में या अन्य जड़ी-बूटियों के साथ मिलाकर किया जाता रहा है।

गन्ने के रस के लाभ और जैविक प्रभावों की एक विस्तृत श्रृंखला है, जिसमें इम्यूनोस्टिम्यूलेशन, एंटी-थ्रोम्बोसिस, एंटी-इंफ्लेमेटरी, वैक्सीन एडजुवेंट, एसिटाइलकोलाइन रिलीज रेगुलेशन और एंटी-स्ट्रेस गुण शामिल हैं।

यह संक्रमणों से लड़ने के लिए इम्यूनिटी बढ़ाता है। प्राचीन चिकित्सा प्रणालियों में, पीलिया से पीड़ित व्यक्तियों और लिवर की बीमारियों वाले लोगों को गन्ने के रस का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

पीलिया में गन्ने के रस का फ़ायदा – Benefits of Sugarcane Juice in Jaundice 

पीलिया में गन्ने के रस के कई चिकित्सकीय लाभ है। भारत में यूनानी चिकित्सा पद्धति में अत्यधिक मूल्यवान, गन्ने के रस को लीवर से संबंधित बीमारियों के लिए रामबाण माना जाता है क्योंकि यह बिलीरुबिन स्राव को नियंत्रित करता है। पीलिया के इलाज के लिए बड़ी मात्रा में गन्ने के रस का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

यह आधुनिक फार्माकोलॉजिकल अध्ययनों द्वारा भी समर्थित है, जिसमें पता चला है कि गन्ने में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक, एंटीहाइपरग्लाइसेमिक, मूत्रवर्धक और हेपेटोप्रोटेक्टिव प्रभाव जैसी विभिन्न बायोएक्टिविटीज होती हैं।

डाईबिटीज़ और गन्ने का रस – Diabetes and Sugarcane Juice

इस जादुई जूस में साधारण चीनी नहीं होती है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। इसे डाईबिटीज़ वाले लोग ले सकते हैं लेकिन अपने डॉक्टर या न्यूट्रीशनिस्ट से परामर्श के बाद। हालांकि इसमें नेचुरल शुगर होती है पर यह हाई केलोरी और हाई एनर्जी जूस है जो कई बार शुगर लेवल बढ़ा सकता है।

इसे अपने कार्ब काउन्ट व गन्ने के रस के प्रति आपके शरीर की प्रतिक्रिया देखने के बाद ही अपनी डाइट में शामिल करें। यह एक हाइड्रेटिंग ड्रिंक है जिसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भी मौजूद होते हैं लेकिन इसे डाईबिटीज़ फ़्रेंडली बनाने के लिए ऐसे विकल्पों के साथ जोड़ें जो शुगर स्पाइकिंग नेचर को बेलेन्स कर सके।

हालांकि, टाइप-2 डाईबिटीज़ से पीड़ित लोगों को अपने आहार विशेषज्ञ के परामर्श के बाद इसका सेवन कम मात्रा में करने की सलाह दी जाती है।

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गन्ना इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और घाव को जल्दी भरता है – Sugarcane provides strength to the immune system and helps in healing wounds

प्राकृतिक सुक्रोज से भरपूर, गन्ने का रस घाव भरने के लिए एक शक्तिशाली घटक है। पीने के अलावा, उपचार प्रक्रिया को तेज करने के लिए इस जीवाणुरोधी रस को खुले घावों पर सीधे लगाया जा सकता है। यह इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है।

गन्ने का रस कैंसर को दूर रख सकता है – Sugarcane Juice Helps in Cancer Prevention

कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन और मैंगनीज जैसे खनिजों से भरपूर गन्ने का रस कैंसर को रोकने में मदद करता है।
आधुनिक विज्ञान द्वारा यह स्थापित किया गया है कि कैंसर कोशिकाएं क्षारीय या एल्केलाइन वातावरण में जीवित नहीं रह सकती हैं। चूँकि गन्ने का रस अत्यधिक क्षारीय होता है, इसके नियमित सेवन से कैंसर, विशेष रूप से प्रोस्टेट और स्तन कैंसर को दूर रखा जा सकता है।

गन्ना पाचन को बढ़ावा दे सकता है और कब्ज का इलाज कर सकता है – Sugarcane can help in digestion and Treat Constipation

पोटेशियम से भरपूर, गन्ने का रस पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है। साथ ही यह पेट के संक्रमण को दूर करता है।

गन्ने का रस किडनी को स्वस्थ रखता है – Sugarcane keeps Kidney’s Healthy

गन्ने का रस किडनी के स्वास्थ्य में सहायता करता है। यह एक प्राकृतिक कम कोलेस्ट्रॉल, कम सोडियम वाला आहार है जिसमें कोई संतृप्त वसा नहीं है, जो इसे गुर्दे के रोगियों के लिए एक आदर्श पेय बनाता है।

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गन्ने का रस गले की खराश, सर्दी और फ्लू को ठीक करता है – Sugarcane Juice help in treating Sore throat, Cold & Flu

गन्ने का रस एंटीऑक्सिडेंट का एक समृद्ध स्रोत है जो सेल्स की इम्यूनिटी बढ़ा कर कई वायरल और जीवाणु संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है। विशेष रूप से, एंटीऑक्सिडेंट फ्री रेडिकल्स को नष्ट करते हैं जो कई बीमारियों के जोखिम को कम करता है।

एसटीडी और यूटीआई से जुड़े दर्द में राहत देता है – Sugarcane Juice helps in STD & UTI Pain 

माना जाता है कि गन्ने का रस यौन संचारित रोगों, मूत्र पथ के संक्रमण या यूटीआई, किडनी स्टोन और प्रोस्टेटाइटिस के कारण होने वाली शारीरिक सूजन को कम करने के लिए चूने के रस और नारियल के पानी के साथ मिला कर लिया जाता है।

गन्ने का रस हड्डियों और दांतों के स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद करता है – Sugarcane Juice helps in Bones & Teeth’s Health

गन्ने में भरपूर कैल्शियम और फास्फोरस होते हैं जो हड्डियों और दांतों के अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करती है। यह हमारे इनेमल का भी ख्याल रखता है और सांसों की दुर्गंध को दूर रखता है, जो इन पोषक तत्वों की कमी के कारण होता है।

मुँहासे का इलाज करता है और समय से पहले एजिंग को रोकता है – Sugarcane Juice helps in Pimples & Prevents early aging 

गन्ने का रस त्वचा की सभी प्रकार की समस्याओं में लाभ पहुंचाता है। गन्ने में मौजूद ग्लाइकोलिक और अल्फा-हाइड्रॉक्सी (एएचए) कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं, जो मुंहासों को बनने से रोकते हैं और उम्र बढ़ने या एजिंग के शुरुआती लक्षणों से लड़ते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं जो आपको अच्छे स्वास्थ्य के साथ युवा, चमकदार और कसी त्वचा प्रदान करते हैं।

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गन्ने के रस की कुछ रोचक रेसिपी – Recipes of Sugarcane Juice

एंटीऑक्सिडेंट और इम्यूनिटी बढ़ाने वाले खनिजों के गुणों से भरपूर, यह स्वादिष्ट पेय न केवल ताज़गी देता है बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी है। इस शानदार पेय को अलग अलग तरह से अपनी डाइट में शामिल करने के लिए इसके कई व्यंजन बनाए जा सकते है। आइए जाने ऐसे ही कुछ गन्ने के रस से बनी रेसीपी के बारे में जो स्वादिष्ट होने के साथ ही हेल्दी भी है:

गन्ने के रस की खीर/रसवाल

रसावल या गन्ने की खीर, पंजाब का एक स्वादिष्ट व्यंजन जिसने देश के बाकी हिस्सों में अपनी जगह बनाई है, ताज़ा गन्ने के रस में नए चावल पकाकर बनाया गया एक मीठा हलवा है। यह पारंपरिक मिठाई एक मौसमी व्यंजन है जो आमतौर पर सर्दियों में बनाई जाती है।

रसावल बनाने के लिए सामग्री:

  • ताजा गन्ने का रस: 1 लीटर
  • हरी इलायची: 1 छोटा चम्मच पीसी हुई
  • सूखे मेवे: कटे हुए / इच्छानुसार
  • बासमती चावल: 100 ग्राम धोकर भीगे हुए

विधि:

  • स्टेप 1: चावल को धोकर 20-30 मिनट के लिए भिगो दें।
  • स्टेप 2: धीमी आंच पर एक सॉसपैन रखें और उसमें गन्ने का रस डालें। जूस में उबाल आने दें, फिर भीगे हुए चावल डालें।
  • स्टेप 3: अच्छी तरह से हिलाएं, फिर पैन में इलायची पाउडर डालें और खीर को धीमी आंच पर पकाएं। खीर को नीचे से चिपकने से बचाने के लिए खीर को लगातार चलाते रहें.
  • स्टेप 4: अब इस चिकने हलवे जैसे मिश्रण में कटे हुए सूखे मेवे डालें और एक या दो मिनट बाद आंच बंद कर दें।
  • स्टेप 5: गन्ने की खीर को ठंडा करने के लिए रख दें अगर आप इसे ठंड पीना चाहते हैं। गरमागरम परोसने पर भी यह स्वादिष्ट होता है। आप इसे ताज़ी मलाई के साथ भी ले सकते हैं।

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मिन्टी-गन्ना पॉप्सिकल 

स्वादिष्ट गन्ना और पुदीना पॉप स्टिक एक स्वस्थ पॉप्सिकल रेसिपी है जिसमें प्राकृतिक चीनी के अलावा कोई चीनी नहीं मिलाई जाती है। इस झटपट और स्वादिष्ट पॉप्सिकल का मजा कभी भी लिया जा सकता है और इसे बनाने की प्रक्रिया भी बेहद आसान है।

मिन्टी-गन्ना पॉप्सिकल बनाने के लिए सामग्री:

  • गन्ने का रस: 150 ग्राम
  • नींबू का रस: 1 बड़ा चम्मच
  • जलजीरा पाउडर: 1 बड़ा चम्मच
  • कटे हुए पुदीने के पत्ते: 1/4 कप
  • पानी (आवश्यकतानुसार)

विधि:

एक पैन में ताजा गन्ने का रस डालें और उसमें नींबू का रस, जलजीरा पाउडर और कटे हुए पुदीने के पत्ते डालें। अब इस मिश्रण को पॉप्सिकल मोल्ड्स में डालें। सुनिश्चित करें कि इसे ऊपर तक ना भरेइन। मोल्ड को रात भर फ्रीज़र में रख दें।
अब गर्मियों से लड़ने के लिए ठंडे गन्ने के पॉप्सिकल्स तैयार हैं। इन्हें निकालने से पहले सांचों को पानी के नीचे कुछ देर चलाना न भूलें, ताकि आप पॉप्सिकल्स को बिना किसी परेशानी के बाहर निकाल सकें।

करुम्बु रस

यह प्रसिद्ध पेय तीन जादुई खाद्य पदार्थों का मिश्रण है जो अपने औषधीय गुणों के लिए सबसे प्रसिद्ध हैं और उनमें से दो किसी भी घर में आसानी से मिल सकते हैं। अगर गन्ने के रस में अदरक और नींबू मिलाया जाए तो यह पाचन तंत्र के लिए बहुत सेहतमंद साबित होता है।

करुम्बु रस बनाने के लिए सामग्री:

  • गन्ने का तना
  • अदरक
  • नींबू

विधि:

गन्ने को छील कर छोटे टुकड़े में काट लीजिये और अदरक के साथ मिला दीजिये। अब इस रस को एक गिलास में छान लें और इसमें थोड़ा नींबू का रस मिला लें। इसे अच्छे से हिलाएं। अगर आप इसे ठंडा करना चाहते हैं तो आप इसे और अधिक ताज़ा बनाने के लिए इसमें कुछ बर्फ मिला सकते हैं।

गन्ना-तरबूज़ मॉकटेल

गर्मियों के आलस को दूर करने के लिए एक गिलास गन्ने और तरबूज से ज़्यादा तरोताज़ा और सेहतमंद और क्या हो सकता है। इस तृप्त करने वाले मॉकटेल को आप आसानी से बना सकते हैं।

गन्ना-तरबूज़ मॉकटेल बनाने के लिए सामग्री:

  • काला नमक: 1/4 टेबल स्पून
  • नींबू का रस: 1 बड़ा चम्मच
  • सोडा: 1/4 कप
  • तरबूज: ½ कप चौकोर टुकड़ों में कटा हुआ
  • गन्ने का रस: 1/2 कप

विधि:

अपने मॉकटेल रेसिपी के लिए गन्ने का रस लें और कटे हुए तरबूज के साथ इसे एक कंटेनर में मिला लें। इस मिश्रण में काला नमक, नींबू का रस, सोडा और कुछ बर्फ के टुकड़े मिलाएं। इसमें किसी भी प्रकार की चीनी ना डालें।
इस ठंडे स्वादिष्ट मॉकटेल को परोसें और गर्मियों का आनंद लें।

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गन्ने के रस के दुष्प्रभाव – Side Effects of Sugarcane Juice

गन्ने के रस के कई फायदे होने के बावजूद यह आपके शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है। गन्ने का रस अधिक पीने से कई साइड-इफ़ेक्ट्स दिखाई दे सकते हैं और आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। तो, इस जादुई पेय को ज़्यादा पीने से पहले आइए जानते हैं कि इसके क्या साइड इफ़ेक्ट्स हो सकते हैं।

अत्यधिक कैलोरी – Excessive Calories

प्राकृतिक चीनी से भरपूर, गन्ने में भी उच्च मात्रा में कैलोरी होती है। एक गिलास गन्ने में लगभग 269 कैलोरी होती है जो 100 ग्राम चीनी के बराबर होती है। इस वजह से, इस स्वाभाविक रूप से मीठे ड्रिंक का केवल एक गिलास एक दिन में लेने की सलाह दी जाती है।

गन्ने का रस जल्दी ज़हरीला हो जाता है – Gets Poisonous very Early

इसकी सभी अच्छाइयों और स्वास्थ्य लाभों के बावजूद, गन्ना 15 मिनट के भीतर सेवन न करने पर जहरीला हो सकता है। दरअसल गन्ने का रस ज्यादा या 15 मिनट बाद ऑक्सीडाइज होने के कारण जहरीला हो जाता है। यह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है और पेट से संबंधित कई समस्याएं पैदा कर सकता है।

गन्ने के अधिक सेवन से अनिद्रा का खतरा बढ़ सकता है – Too much consumption can increase the risk of Insomniac

गन्ने के अत्यधिक सेवन से अनिद्रा, पेट खराब, चक्कर आना, सिरदर्द और वज़न कम होने की समस्या हो सकती है, क्योंकि इसमें पोलिकोसैनोल मौजूद होता है। यह रसायन रक्त को पतला भी कर सकता है और रक्तप्रवाह में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित कर सकता है।

ब्लड थिनर का काम करता है – Work as a Blood Thinner

चूँकि गन्ने के रस में पोलीकोसानॉल होता है- जो आपके रक्त को पतला करता है। यह थक्के के गठन में भी बाधा डालता है, जिसके परिणामस्वरूप अत्यधिक रक्तस्राव होता है। इसलिए अगर आप कोई ऐसी दवा ले रहे हैं जो आपके खून को पतला करती है तो गन्ने का रस पीने से बचें।

संक्रमण के खतरे को बढ़ाता है – Increase risk of Infection

सड़क किनारे लागि दुकानों में कई बार साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता जिससे कई प्रकार के संक्रमण का खतरा हो जाता है। गन्ने को सही से साफ नहीं करने पर कई बैक्टीरिया और कीटनाशक रस को दूषित कर सकते हैं, जिसके सेवन से बीमारी का गंभीर खतरा हो सकता है और यहां तक ​​कि फूड पॉइजनिंग भी हो सकती है।

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क्या मधुमेह रोगी गन्ना खा सकते हैं? – Can Diabetics Consume Sugarcane?

गन्ने के रस के कई फायदे हैं लेकिन, दूसरे हाई शुगर ड्रिंक्स के समान, गन्ने का रस किसी भी डाईबिटीज़ पेशेंट की डाइबीटिक डाइट में शामिल करने से पहले परामर्श लेना चाहिए। गन्ने के रस में 100 ग्राम मात्रा में 20 ग्राम शुगर होती है जो किसी डाइबीटिक पेशेंट के शुगर लेवल को प्रभावित कर सकती है।

हालांकि इसमें कई खनिज और एंटीऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते है जो शरीर के लिए ज़रूरी है। गन्ने के रस के प्रति आपका शरीर क्या प्रतिक्रिया देता है उसके आधार पर ही आप इसका सेवन करें।

इसके सेवन के बाद अपने शुगर लेवल पर नज़र रखें। इसे डाईबिटीज़ फ़्रेंडली बनाने के लिए इसे अन्य आहार के साथ जोड़ें जो इसके शुगर के प्रभाव को कम कर सकें जैसे नींबू, पुदीना, अदरक, आदि।

कुछ अध्ययनों द्वारा यह भी दावा किया गया है कि गन्ने में मौजूद पॉलीफेनोल एंटीऑक्सिडेंट अग्न्याशय की कोशिकाओं को अधिक इंसुलिन उत्पन्न करने में मदद कर सकते हैं – वह हार्मोन जो आपके ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है।

हालाँकि, इस तरह के अध्ययनों को एक तथ्य के रूप में स्थापित करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।

इस बीच, मधुमेह के रोगियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने आहार विशेषज्ञ से सलाह लें कि क्या वे इस स्वाभाविक रूप से मीठे पेय को पी सकते हैं या उन्हें इससे पूरी तरह से बचना चाहिए।

निष्कर्ष:

​​गन्ने का रस एक प्राकृतिक, असंसाधित (unprocessed) पेय है जो एंटीऑक्सिडेंट और कई अन्य आवश्यक खनिजों का एक अच्छा स्रोत है।

इसका लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स इसे उन लोगों के लिए एक आदर्श विकल्प बनाता है जो बिना शुगर स्पाइक्स की चिंता के एक हेल्दी ड्रिंक चाहते हैं। हालाँकि, इसकी उच्च चीनी सामग्री इसे डाईबिटीज़ वाले लोगों के लिए एक असुरक्षित विकल्प बनाती है

सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न:

क्या मधुमेह रोगियों के लिए गन्ने का रस सुरक्षित है?

हालांकि शोध बताते हैं कि गन्ने का रस पीने से मधुमेह रोगियों के रक्त शर्करा के स्तर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, फिर भी उन्हें अपने डॉक्टर से बात करने की सलाह दी जाती है। इसमें मौजूद शुगर एक शुगर पेशेंट के ग्लुकोज़ लेवल बढ़ा सकती है। डायबिटीज़ वाले लोगों को गन्ने का रस पीने के बाद अपने शुगर लेवल पर नज़र रखनी चाहिए। इसे अन्य डाइबीटिक-फ़्रेंडली विकल्पों के साथ मिलकर लें जिससे इसके अधिक से अधिक लाभ, बिना शुगर लेवल बढ़ाएं लिए जा सकें। या एक अच्छा इलेक्ट्रोलाइट और हाईड्रेटिंग ड्रिंक है जिसके कई फ़ायदे भी हैं। लेकिन किसी को भी एक दिन में एक गिलास से अधिक गन्ने का रस पीने की सलाह नहीं दी जाती है।

 

एक गिलास गन्ने के रस में कितनी कैलोरी होती है?

जब कैलोरी ट्रैकिंग की बात आती है तो किसी भी खाने की  कैलोरी पता करना मुश्किल हो जाता है। हालांकि, कुछ कैलोरी हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती हैं, जबकि अन्य हानिकारक होती हैं, खासकर जब अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की बात आती है। इसी तरह, ताजा गन्ने के रस में भी कैलोरी के साथ-साथ विभिन्न पोषक तत्व होते हैं जो हमें फ़ायदा पहुंचाते हैं और हमारे शरीर द्वारा आसानी से पच जाते हैं।

गन्ने का रस कितने समय में पीने की सलाह दी जाती है?

ताजा गन्ने का रस निकालने के 15 मिनट के भीतर इसका सेवन कर लेना चाहिए, क्योंकि यह जहरीला हो जाता है और हमारे शरीर में कई बीमारियों का कारण बन सकता है। हालांकि, निकालने के तुरंत बाद अगर इसे ठीक से रेफ्रिजरेटर में रखा जाए, तो यह तीन दिनों तक चलेगा। पर फ्रेश जूस बेस्ट ऑप्शन है। 

गन्ने का रस किस समय लेना सबसे अच्छा होता है?

गन्ने के रस का सेवन करने का सबसे अच्छा समय दोपहर से पहले का है। हालाँकि, व्यायाम के तुरंत बाद या धूप में बहुत अधिक समय बिताने के बाद भी इसका सेवन करना सबसे अच्छा होता है। यह शरीर को हाइड्रेटेड रखने और खोए हुए इलेक्ट्रोलाइट्स को बदलने में मदद करेगा।

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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