क्या डायबिटीज़ में लहसुन खा सकते हैं? जानिये एक्सपर्ट की राय – Can Diabetics eat Garlic? Know the Experts Opinion

डायबिटीज़ रोगी ज़रूरत के हिसाब से या तो पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाते या इंसुलिन का उपयोग प्रभावी ढंग से नहीं कर पाते। ऐसी स्थिति में शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाते हैं। इसलिए डायबिटिक लोगों को अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखना पड़ता है।

लहसुन एक ऐसा ज़ायका है जो अपने स्वाद और खुशबू के लिए बहुत प्रकार से खाने मे उपयोग किया जाता है। ऐसे में क्या लहसुन डायबिटीज़ रोगियों के लिए सुरक्षित है?

यह कार्ब्स से भरपूर नहीं होता है लेकिन फ़िर भी ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकता है। आइए इस ब्लॉग में पढ़ते हैं कि क्या शुगर में लहसुन खा सकते हैं और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्या है।  

डायबिटीज़ में शुगर लेवल को नियंत्रित रखने का सबसे बेहतरीन तरीका है कि आप अपनी डाइट में कम जीआई फूड को शामिल करें।

किसी भी खाने का जीआई यह बताता है कि किस हद तक वह खाद्य उत्पाद ब्लड में ग्लूकोज़ के स्तर को बढ़ाता है। जीआई द्वारा आप डेली डाइट प्लान बना सकते हैं और खाने में किसी भी हाई जीआई और हाई कार्ब खाने को शामिल करने से बच सकते हैं। 

एक कम जीआई स्कोर 1 से 55 के बीच होता है और एक उच्च जीआई स्कोर का मतलब 70 या उससे अधिक होता है। इसलिए, सामान्य ब्लड शुगर लेवल बनाए रखने के लिए अपनी डाइट पर नज़र रखना महत्वपूर्ण हो जाता है।

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लहसुन की न्यूट्रीशनल वेल्यू – Nutritional Value of Garlic

लहसुन “ज़ीरो जीआई स्कोर” वाला सबसे दुर्लभ खाद्य उत्पाद है। यानी लहसुन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स न के बराबर होता है। यह किसी भी प्रकार के कार्ब्स से मुक्त है, जो लहसुन को डायबिटीज़ के लिए अच्छा बनाता है।

आइए जानते हैं 100 ग्राम लहसुन में मौजूद पोषक तत्वों और उनकी मात्रा के बारे में: 

लहसुन की न्यूट्रीशनल वेल्यू
पोषक तत्व मात्रा
कार्ब्स 33 ग्राम
प्रोटीन 6.6 ग्राम
वसा 0.5 ग्राम
कैल्शियम 181 मिलीग्राम
पोटेशियम 401 मिलीग्राम
फास्फोरस 153 मिलीग्राम
मैग्नीशियम 25 मिलीग्राम
सोडियम 17 मिलीग्राम
फास्फोरस 12 मिलीग्राम

बहुत से लोग लहसुन को ‘वंडर हर्ब’ भी कहते हैं। लहसुन में शक्तिशाली एंटीफंगल और जीवाणुरोधी गुण होते हैं। इसके अलावा, लहसुन में कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम, मैग्नीशियम आदि जैसे खनिजों की प्रचुर मात्रा होती है। साथ ही इसमें ‘एलिसिन’ नामक एक असाधारण यौगिक होता है, जो इसकी तेज गंध और स्वाद के लिए जिम्मेदार होता है।

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डायबिटीज़ रोगियों के लिए कच्चा लहसुन के फायदे – Benefits of Raw Garlic for Diabetics

कई वयस्क कच्चे लहसुन को सुरक्षित रूप से खा सकते हैं। कुछ व्यक्तियों के लिए इसका स्वाद या गंध एक समस्या हो सकती है। परंपरागत चिकित्सा में, लहसुन को उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए एक ओषधि के रूप में उपयोग किया जाता है।

लहसुन का सेवन हृदय की समस्याओं को भी कम करने में मदद करता है। हृदय रोग ऐसी समस्या हैं जिनका लगभग 80% डायबिटीज़ रोगियों पर प्रभाव पड़ता है।

अब प्रश्न उठता है कि क्या लहसुन डायबिटीज़ के लिए अच्छा है? एक अध्ययन में पाया गया कि कच्चा लहसुन एथेरोस्क्लेरोसिस के जोखिम को कम करने के साथ-साथ ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद कर सकता है। डायबिटीज़ में एथेरोस्क्लेरोसिस से जुड़ी इंफ़्लेमेशन की समस्या का रिस्क बढ़ जाता है।

इसके अलावा कई और अध्ययन यह बताते हैं कि लहसुन शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है। इस प्रकार यह कहा जा सकता हैं कि डायबिटीज़ में लहसुन का सेवन किया जा सकता है।  

इसके अतिरिक्त, लहसुन में विटामिन सी और बी6 भरपूर मात्रा में होते हैं। कार्ब चयापचय या कार्ब मेटाबोलिज़्म में विटामिन बी 6 महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

साथ ही, सामान्य रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने के लिए विटामिन सी महत्वपूर्ण है। तो, आम तौर पर, लहसुन के सेवन से निम्नलिखित फ़ायदे मिलते हैं:

  • रक्तचाप कम करता है। 
  • कोलेस्ट्रॉल, रक्त लिपिड, ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करके हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता है। 
  • एक शक्तिशाली रोगाणुरोधी के रूप में कार्य करता है। 
  • एंटी-ट्यूमर प्रभाव होने से कैंसर कोशिकाओं के विकास से बचाता है। 

लहसुन से ग्लूकोज़ के स्तर में उल्लेखनीय कमी आती है। इसके अलावा, यह शरीर में इंसुलिन के स्तर में वृद्धि लाता है। लहसुन बिना जीआई वैल्यू वाले सबसे दुर्लभ खाद्य पदार्थों में से एक है और ब्लड शुगर नियंत्रण में काफी उपयोगी है।

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लहसुन के स्वास्थ्य लाभ – Health Benefits of Garlic

लहसुन एक लो जीआई और कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। पुराने समय से ही यह हाई ब्लड प्रेशर और कॉलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए ओषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसमें मौजूद कई गुण शरीर को कई हेल्थ बेनेफिट्स देते हैं। आइए जानते हैं लहसुन के हेल्थ बेनेफिट्स:

खांसी और जुकाम से बचाव करता है – Prevents from Cough & Cold

कच्चा लहसुन में खांसी और सर्दी के संक्रमण से बचाने की क्षमता होती है। उपवास की स्थिति में लहसुन की 2 कली पीसकर सेवन करने से अत्यधिक लाभ मिलता है। बच्चों और शिशुओं के गले में लहसुन की कलियां लटका देने से उनके छाती में जमे कफ से आराम मिलता है।  

पाचन में सहायक – Helps in Digestion

अपनी डाइट में कच्चे लहसुन को शामिल करने से पाचन संबंधी समस्याएं बेहतर होती हैं। लहसुन आंतों को फायदा पहुंचाता है और सूजन को कम करता है। कच्चे लहसुन का सेवन पेट के कीड़ों को बाहर निकालने में मदद करता है।

सबसे अच्छी बात यह है कि लहसुन हानिकारक बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचाता है और जीआईटी (गेस्ट्रोइंटेसटाइनल ट्रेक्ट) में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया का बचाव करता है।

हृदय स्वास्थ्य में लाभकारी – Good for Heart Health

एलिसिन” लहसुन में मौजूद एक यौगिक है जो एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (खराब कोलेस्ट्रॉल) के ऑक्सीकरण को रोकने के लिए जाना जाता है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है और हृदय स्वास्थ्य को ठीक करता है। लहसुन के नियमित सेवन से रक्त के थक्कों को कम किया जा सकता है।

इस प्रकार यह थ्रोम्बोम्बोलिज़्म को रोकने में सहायता करता है। इसके अलावा लहसुन ब्लड प्रेशर को भी कम करता है। इसलिए, उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए इसे अच्छा माना जाता है।

हार्ट ब्लॉकेज से बचाता है – Prevents from Heart Blockage

इसके अलावा, लहसुन को रक्त में प्लेटलेट्स के चिपकने को कम करने वाला माना जाता है। ये प्लेटलेट्स रक्त के थक्के बनाने के लिए ज़िम्मेदार होते हैं। लहसुन की एक स्वस्थ खुराक का सेवन रक्त में मौजूद प्लेटलेट्स के बहुत अधिक थक्का बनने वाले प्रभाव को कम करने में मदद करता है।

इस प्रकार, यह धमनियों के अंदर अनचाहे रक्त के थक्कों के बनने को रोकने में सहायता कर सकता है। रक्त के थक्के अगर ना रोके जाएं तो यह दिल तक पहुंच सकते है जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है।

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इम्यूनिटी-बूस्टर – A Immunity Booster

लहसुन फ्री रेडिकल्स से बचाव करता है और डीएनए को होने वाले नुकसान से बचाता है। लहसुन में मौजूद जिंक इम्युनिटी बूस्टर का काम करता है। विटामिन सी शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करता है। यह आंख और कान के संक्रमण के खिलाफ मददगार पाया जाता है

क्योंकि लहसुन में मजबूत रोगाणुरोधी गुण होते हैं। इस तरह इसके सेवन से इम्यूनिटी बढ़ती है और कई तरह के संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है। 

व्यायाम की थकान को कम करता है – Helps in After Exercise Tiredness

शोध के अनुसार, कच्चे लहसुन को जब अल्कोहल-पानी के मिश्रण में मिलाया जाता है, तो यह व्यायाम के बाद की थकावट पर काफी प्रभाव डाल सकता है। साथ ही, व्यायाम की थकान के संकेतों को सुधारने में लहसुन काफी फायदेमंद होता है। 

वज़न घटाने मे मदद करता है – Helps in Reducing Weight

लहसुन वसा जमा करने वाली वसा कोशिकाओं के उत्पादन के लिए जिम्मेदार जीन एक्स्प्रेशन को कम करता है। इसके अतिरिक्त, लहसुन शरीर में थर्मोजेनेसिस को बढ़ाता है। साथ ही यह फैट बर्निंग का कारण बनता है और एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) के स्तर को कम करता है।

लहसुन कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होता है और वज़न घटाने में मदद करता है। 1 कच्ची लहसुन की कली लगभग 3 ग्राम होती है और इसमें निम्नलिखित पोषक तत्व शामिल हैं:

  • फाइबर
  • विटामिन बी 6
  • विटामिन सी
  • सेलेनियम
  • मैंगनीज
  • कम मात्रा में कॉपर, कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, आयरन आदि

मस्तिष्क के कार्य में सुधार करता है – Improves Brain Working

लहसुन एंटीऑक्सिडेंट और एंटीइंफ़्लेमेट्री गुणों से भरपूर होता है और मस्तिष्क के स्वास्थ्य में सुधार करता है। यह डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी न्यूरोडीजेनेरेटिव स्थितियों से बचाने का काम करता है।

त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करता है – Improves Skin Health

लहसुन मुंहासों को रोकने में मदद करता है और मुंहासों के निशान को कम करता है। लहसुन के रस के उपयोग से त्वचा की कई स्थितियां जैसे चकत्ते, कोल्ड सोर, छालरोग और फफोले सभी में लाभ होता है। इसके अतिरिक्त, लहसुन यूवी किरणों से बचाव में मदद करता है और उम्र बढ़ने (एजिंग) को रोकता है।

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कैंसर और पेप्टिक अल्सर से बचाता है – Prevents from Cancer & Ulcer

भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण लहसुन पेट, फेफड़े, प्रोस्टेट, लिवर, ब्लैडर और कोलन कैंसर से शरीर की रक्षा करने में मदद करता है। लहसुन का जीवाणुरोधी गुण पेप्टिक अल्सर को रोकने में मदद करता है। इसमें पाचन तंत्र के संक्रमणों को दूर करने की क्षमता होती है। 

यूटीआई मेनेज करता है और किडनी स्वास्थ्य में सुधार करता है – Manages UTI & Improves Kidney Health

लहसुन का ताजा रस यूटीआई के लिए जिम्मेदार ई. कोलाई बैक्टीरिया के विकास को कम करने की क्षमता से लैस है। इसके अलावा, यह गुर्दे के संक्रमण या किडनी इंफेक्शन को रोकने में सहायता करता है। लहसुन कई प्रकार से शरीर को लाभ पहुंचाता है:

  • घावों में संक्रमण कम करना
  • बालों के विकास में सहायक
  • लिवर और हड्डी के स्वास्थ्य को बढ़ावा देना।

अधिकांश घरेलू उपचार तभी प्रभावी होते हैं जब लहसुन को कच्चे रूप में लिया जाता है।

एथलेटिक प्रदर्शन में सुधार करता है – Helps in Athletic Performance

लहसुन सबसे बेहतरीन “परफ़ॉर्मेंस इंप्रूविंग” यौगिकों में से एक है। परंपरागत रूप से, लहसुन का उपयोग थकान के इलाज और मजदूरों की कार्य क्षमता में सुधार के लिए किया जाता था। अध्ययनों से पता चलता है कि लहसुन के सेवन से व्यायाम के प्रदर्शन या एथलेटिक परफ़ोर्मेंस में सुधार होता है।

हृदय संबंधी समस्याओं का इतिहास रखने वाले व्यक्ति जिन्होंने छह सप्ताह तक लहसुन का सेवन किया, उनकी हृदय गति में 12% की कमी आई और व्यायाम क्षमता में सुधार हुआ।

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रक्त विषाक्तता को कम करता है – Reduce Blood Poisoning

व्यावसायिक खतरों के कारण सीसे की विषाक्तता या लेड पॉइजनिंग से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए, लहसुन सबसे अच्छा जैविक विकल्प हो सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि डी-पेनिसिलमाइन की तुलना में लहसुन रक्त में सीसे की विषाक्तता को कम करने में बेहतर और सुरक्षित है। सीसा विषाक्तता के इलाज के लिए यह सबसे आम दवा है।

लहसुन के साइड इफेक्ट – Side Effects of Garlic

गंध और स्वाद दोनों में ही लहसुन काफी असरदार होता है। भले ही यह आमतौर पर अपनी डाइट में शामिल करने के लिए सुरक्षित है, लेकिन कुछ लोगों में इसके मामूली साइड इफ़ेक्ट्स हो सकते हैं। ऐसे साइड इफ़ेक्ट्स हैं: 

  • जी मिचलाना
  • उल्टी करना
  • पेट में जलन
  • पेट में गैस
  • पतले दस्त

यदि कोई व्यक्ति कच्चे लहसुन का सेवन करता है तो उसके ज्यादा साइड इफ़ेक्ट्स हो सकते हैं। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति थक्का-रोधी दवाओं का उपयोग कर रहा है, तो लहसुन को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर से ज़रूर परामर्श करें। लहसुन का सेवन इन दवाओं के प्रभाव को बढ़ा सकता है।

लहसुन के सेवन का सामान्य दुष्प्रभाव या साइड इफेक्ट शरीर की दुर्गंध या सांसों की दुर्गंध हो सकता है। एलिसिन एक गंधक यौगिक है जो लहसुन के उपयोगी प्रभावों के लिए जिम्मेदार है। यह लहसुन को उसका असामान्य और तीखा स्वाद और महक देता है।

इसलिए इस साइड इफेक्ट या दुष्प्रभाव को रोकने के लिए:

  • लोगों को कच्चे लहसुन के सेवन से बचना चाहिए। कच्चे लहसुन के सेवन से शरीर की गंध या सांसों की दुर्गंध बढ़ जाती है।
  • लहसुन युक्त किसी भी आहार के साथ दूध पीने से सांसों की दुर्गंध और शरीर की दुर्गंध कम होती है।

लहसुन विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट और खनिजों से भरपूर होता है। नतीजतन, इसकी थोड़ी सी मात्रा भी कई लाभ प्रदान करने के लिए पर्याप्त है। इसके अधिक सेवन से कभी-कभी मतली, उल्टी, एसिडिटी या हार्ट बर्न हो सकती है। कच्चे लहसुन का सेवन करने पर ये प्रभाव और अधिक हो जाते हैं।

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लहसुन को आहार में कैसे शामिल करें? – How to include Garlic in Diet?

यदि आपको लहसुन का स्वाद पसंद नहीं है, तो इसे अपने सलाद या आलू के सलाद में कुछ बारीक कटी हुई लहसुन की कलियाँ मिलाएँ। लहसुन खाने के लिए कोई स्टैन्डर्ड डोज़ या खुराक नहीं होती इसलिए जिस भी रेसीपी या स्नैक में आप इसे मिला सकते हैं, मिला कर उसे खाएं। 

यदि आप कम मात्रा में इसकी तेज गंध और स्वाद पसंद करते हैं, तो लहसुन के साग या गार्लिक ग्रीन का उपयोग कर सकते हैं। यह नए पोधे होते हैं। इसके अलावा आप गार्लिक स्केप का भी उपयोग कर सकते हैं जो घुँघराले अंकुरित पोधे होते हैं।

यह आसानी से वसंत के मौसम में किसानों के बाजारों और स्थानीय उपज भंडारों में उपलब्ध हैं। इन दोनों का स्वाद हल्का होता है। आप उन्हें काट कर सलाद, डिप और स्वादिष्ट स्प्रेड में मिला सकते हैं।

ऐसा सुझाव दिया जाता है कि एक कटे हुए लहसुन को कम से कम 5 मिनट के रखें ताकि इसमें मौजूद मुख्य घटक एलिसिन के फ़ायदे मिल सके। 

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डायबिटीज़ रोगी लहसुन का उपयोग कैसे करें? – How Diabetics use Garlic?

लहसुन एक ऐसी जड़ी-बूटी है जिसे बहुत सारी संस्कृतियों और पाक कलाओं में लोकप्रियता मिली है। एक प्रसिद्ध इतालवी कहावत के अनुसार, ‘लहसुन के बिना कोई भी व्यंजन पूरा नहीं होता है।’

लहसुन का बड़े पैमाने पर सॉस, करी, इन्फ्यूजन, अचार, सूप, गार्निश आदि में उपयोग किया जाता है। विश्व स्तर पर आहार विशेषज्ञों ने लहसुन के दूध को उच्च कोलेस्ट्रॉल, अस्थमा, गठिया, तपेदिक और अन्य बीमारियों के इलाज में बहुत प्रभावी पाया है।

लहसुन की खुराक – Dose of Garlic

अगर किसी व्यक्ति को कच्चे लहसुन का स्वाद बहुत तीखा या तेज़ लगता है या वह इसे नहीं खा सकता तो इसके सप्लीमेंट को विकल्प के रूप में ले सकते हैं। ऐसे में आप लहसुन का अर्क, लहसुन का aged अर्क और कोई भी एलिसिनयुक्त अर्क का उपयोग कर सकते है। 

सप्लीमेंट्स खरीदते समय याद रखने वाली कुछ बातें यहां दी गई हैं:

  • आहार में किसी भी पूरक को शामिल करने से पहले स्वास्थ्य सेवा प्रदाता या डॉक्टर से चर्चा करें। डॉक्टर आपको यह बताएगा कि ऐसे पूरक आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं या नहीं। 
  • हमेशा एक भरोसेमंद निर्माता से खरीदारी करें जो हीट प्रोसेसिंग का उपयोग नहीं करता है। यह लहसुन में मौजूद सक्रिय घटकों को नुकसान पहुंचा सकता है, जो अधिकांश स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।
  • पूरी तरह से गंधहीन वस्तुओं से बचें। 

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निष्कर्ष – Conclusion

भोजन के स्वाद और गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए लहसुन का उपयोग किया जाता है। इसका सेवन एक व्यक्ति को बेहतर समग्र स्वास्थ्य बनाए रखने में भी मदद कर सकता है क्योंकि लहसुन डायबिटीज़ के लिए अच्छा है। इसको सीमित मात्रा में अपने खाने में शामिल करने पर इसके बेहतरीन परिणाम मिल सकते हैं।

इसके अलावा यह पाचन, इम्यूनिटी, त्वचा, मस्तिष्क, वज़न घटाने, हृदय स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद होता है। लहसुन को पकाने से इसकी चिकित्सीय क्षमता कम हो जाती है, इसलिए विभिन्न व्यंजनों में ताजा और कच्चे लहसुन का उपयोग करें।

इसके अलावा, पूरक या सप्लीमेंट भी अच्छे विकल्प हैं। हालांकि, एक व्यक्ति को उनका उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर परामर्श करना चाहिए। 

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सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न – Frequently Asked Questions 

क्या लहसुन इंसुलिन के स्तर को बढ़ाता है?

लहसुन में मौजूद यौगिक, जैसे कि एलिसिन, एस-एलिल सिस्टीन सल्फॉक्साइड और एलिल प्रोपाइल डाइसल्फ़ाइड, रक्त में इंसुलिन के स्तर को बढ़ाने में सहायता करते हैं। इसलिए यह डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए फ़ायदेमंद माना जाता है क्योंकि यह शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है।   

यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन लहसुन का सेवन करे तो क्या होता है?

लहसुन बेहद पौष्टिक होता है और कई तरह के हेल्थ बेनेफिट्स के लिए जिम्मेदार होता है। फिर भी, यदि कोई व्यक्ति अधिक मात्रा में लहसुन का सेवन करता है, तो इसके कुछ साइड इफ़ेक्ट्स हो सकते हैं। ये एसिड रिफ्लक्स, सांसों की बदबू, बढ़ा हुआ रक्तस्राव और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

क्या लहसुन मेटफॉर्मिन के साथ परस्पर क्रिया या इंटरेक्ट करता है?

केवल लहसुन, या इसे मेटफॉर्मिन के साथ लिया जाता है तो इन दोनों स्थितियों में यह शरीर के वज़न में सुधार के लिए जाना जाता है। साथ ही, इन दोनों को साथ में लेने पर यह ब्लड शुगर लेवल को कम करने में सहायता करता है। यह माना जाता है कि लहसुन का अर्क मेटफॉर्मिन के हाइपोग्लाइकेमिक प्रभाव को बढ़ाता है।

क्या लहसुन लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है?

एक अध्ययन के अनुसार, उच्च मात्रा में लहसुन के उपयोग करने से लीवर को नुकसान पहुंच सकता है। लहसुन एलिसिन नामक यौगिक से भरपूर होता है, जो बड़ी मात्रा में लेने पर लिवर विषाक्तता या लिवर टॉक्सिसिटी का कारण बन सकता है। जबकि लहसुन की कम खुराक लीवर के स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित हो सकती है।

क्या लहसुन इंसुलिन प्रतिरोध या इंसुलिन रेज़िस्टेंस के लिए अच्छा नहीं है?

लहसुन में एलिसिन या अन्य पदार्थ रक्त इंसुलिन के स्तर में वृद्धि कर सकते हैं और डायबिटीज़ रोगियों के लिए सहायक होते हैं। यह इंसुलिन सेन्सिटिविटी को बढ़ा सकते हैं और शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।

संदर्भ – References

  1. https://www.healthline.com/health/diabetes/garlic-and-diabetes
  2. https://www.diabetescarecommunity.ca/diet-and-fitness-articles/the-power-of-garlic-when-you-have-diabetes/
  3. https://phablecare.com/ailment/diabetes/garlic-for-diabetes/
  4. http://blogtest.breathewellbeing.in/blog/is-garlic-good-for-diabetes/

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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