डायबिटीज़ आमतौर पर ब्लड शुगर के अनियंत्रित स्तर की वजह से होती है। कई तरह का खान-पान ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करता है। इसी में से एक है ऐल्कोहॉल या शराब। ऐल्कोहॉल इन स्तरों में काफी उतार-चढ़ाव पैदा कर सकता है और इसके परिणामस्वरूप निम्न और उच्च रक्त ग्लूकोज यानि हाइपो और हाइपर ग्लासिमिया दोनों हो सकते हैं।
यदि कोई डायबिटीक व्यक्ति शराब पीना चाहता है बिना अपने शुगर लेवल को प्रभावित किये तो उसे इसे सुरक्षित तरीके से पीने की ज़रूरत होती है। ऐसे कई सुरक्षित तरीके हैं जिनको इस्तेमाल करके एक डायबिटिक व्यक्ति शराब पी सकता है।
इसमें से एक है नियमित अपने ब्लड शुगर लेवल की जाँच करते रहना। बहुत अधिक शराब पीना टाइप 2 डायबिटीज़ के विकास के लिए प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है।
इसलिए क्या शराब से डायबिटीज़ का खतरा बढ़ जाता है या क्या शराब पीने से उच्च ब्लड शुगर हो सकता है, इसके बारे में जानने के लिए पढे इस ब्लॉग को।
डायबिटीज़ दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करने वाली सबसे आम जीवन शैली की समस्याओं में से एक है। शराब का सेवन भी बहुत आम है। इसलिए यह सवाल उठना लाज़मी है कि क्या डायबिटीज़ रोगी शराब पी सकते है?
किसी भी अन्य व्यक्ति की तरह डायबिटीज़ वाले लोगों को भी शराब पीने की इच्छा हो सकती है लेकिन उन्हें अपने शुगर लेवल का डर रहता है। बहुत ज़्यादा शराब पीने से सामान्य ब्लड शुगर के स्तर पर असर पड़ सकता है, इसलिए शराब या ऐल्कोहॉल पीने के दौरान कुछ सावधानी बरतनी चाहिए।
यदि किसी व्यक्ति को डायबिटीज़ है तो शराब पीने से उसका ब्लड शुगर या तो बढ़ सकता है या गिर सकता है। इसके अलावा, शराब में बहुत अधिक कैलोरी होती है। यदि कोई व्यक्ति शराब पीना चाहता है, तो उसे इसे कभी-कभी ही इसका सेवन करना चाहिए और केवल तभी जब उसके ब्लड शुगर स्तर अच्छी तरह से नियंत्रित हो।
डायबिटीज़ पर शराब के और प्रभावों के बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को आगे पढ़ें।
डायबिटीज़ में शराब पीने से सम्भंदित कुछ जरुरी बातें – Some Important things related to Drinking Alcohol in Diabetes
डायबिटिक लोग शुगर लेवल को नियंत्रित रखने के लिए बार-बार अपनी कैलोरी और कार्ब्स के बारे में चिंतित रहते हैं। ऐसे में शराब को इस लिस्ट में शामिल करने से समस्या बढ़ सकती है।
लोग शराब या ऐल्कोहॉल कई कारणों से पीते हैं। जैसे कुछ लोग इसे सोशल गेदरिंगस में पीते हैं, कुछ लोग स्ट्रेस में तो कई लोग सिर्फ मनोरंजन के लिए। हालाँकि, कुछ लोगों के लिए यह आराम की वजह हो सकती है लेकिन टाइप 2 डायबिटीज़ वाले मरीज़ों के लिए यह मुश्किल का कारण बन सकती है।
फ़िर भी यदि आप ऐल्कोहॉल का आनंद अपने परिवार या दोस्तों के साथ लेना चाहते हैं तो कुछ सुरक्षित तरीके हैं जिन्हें अपना कर आप ऐल्कोहॉल का मज़ा ले सकते हैं।
सबसे पहले यह जान लें की शराब की लत या आदत लग सकती है इसलिए इसे हमेशा सीमित मात्रा में रखें। यदि आपको शराब पीना पसंद नहीं है तो यह सबसे स्वस्थ निर्णय है फ़िर चाहे आप डायबिटिक हो या नहीं।
इसे इसके बताई गई मात्रा से ज़्यादा पीना नुकसानदायक हो सकता है। यह हृदय, मस्तिष्क, अग्न्याशय, लिवर और इम्यूनिटी से संबंधित कई जटिलताओं से जुड़ा हुआ है। साथ ही, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन अल्कोहल एब्यूज एंड अल्कोहलिज्म की रिपोर्ट के अनुसार, भारी शराब पीने का सीधा संबंध कैंसर के कई रूपों से जुड़ा है।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार अत्यधि शराब पीने से कई स्वास्थ्य व सामाजिक समस्याएं जुड़ी हैं जैसे दुर्घटनावश लगी चोट (कार दुर्घटना, या गिरना), अनचाहे गर्भ और घरेलू हिंसा। आइए जानते हैं शराब पीने से डायबिटीज़ कैसे प्रभावित होती है?
क्या होता है जब डायबिटीज़ रोगी शराब पीते हैं? – What happens when Diabetes Patients Drink Alcohol?
ब्लड शुगर के स्तर में गिरावट होने पर लीवर ग्लूकोज का उत्पादन करता है। इसके अलावा लिवर शरीर में मौजूद किसी भी शराब को भी प्रोसेस करने का काम करता है यानों इसे तोड़ता है। जब रक्त में ग्लूकोज का स्तर कम हो जाता है तो लीवर ग्लूकोज का निर्माण करता है।
ऐसे समय लीवर संग्रहीत या stored ग्लाइकोजन को ग्लूकोज में परिवर्तित करता है और उस ग्लूकोज को ब्लड में रीलीज़ करता है। जब कोई व्यक्ति शराब पीता है, तो उसका लीवर ऐल्कोहॉल को प्रोसेस करने लगता है और ठीक से ग्लुकोज़ का उत्पादन नहीं कर पाता।
इस तरह से शराब प्रोसेस करने के कारण डायबिटीज़ रोगियों में लो ब्लड शुगर का रिस्क बढ़ जाता है। यदि कोई व्यक्ति इंसुलिन ले रहा है, तो वह इंसुलिन की मात्रा के लिए पर्याप्त ग्लूकोज का उत्पादन करने में विफल रहता है, जिसके परिणामस्वरूप एक खतरनाक हाइपोग्लाइसेमिक स्थिति हो सकती है।
यह टाइप 1 डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए विशेष रूप से गंभीर समस्या है। हालाँकि, टाइप 2 डायबिटीज़ रोगियों को ज़्यादा शराब पीने पर कम ब्लड शुगर के स्तर का खतरा होता है। यही कारण है कि शराब आपके ब्लड शुगर को कम कर देती है।
कैसे हाइपोग्लाइसीमिया का करें तुरंत इलाज? – How to treat Hypoglycemia Instantly?
शराब या ऐल्कोहॉल का ब्लड शुगर पर 12 घंटे तक प्रभाव रहता है। इसलिए, सोने से पहले ब्लड शुगर के स्तर की जांच करना महत्वपूर्ण है। यदि यह 100-140 mg/dL की सीमा के भीतर है, तो यह सुरक्षित हैं।
यदि यह इस सीमा से नीचे चला जाता है, तो इसे बढ़ाने के लिए कुछ खाने की सलाह दी जाती है। इन स्नैक्स में आप ले सकते हैं आधा वेजिटेबल सैंडविच, दूध, दही, सब्जी-फल स्मूदी के साथ अनाज, या पीनट बटर के साथ सेब के चार स्लाइस।
ध्यान रहें शराब पीते समय भोजन या नाश्ते (जिसे चखना भी बोला जाता है) में ऐसा खाना शामिल करें जिसमें कार्ब्स हों।
शराब या ऐल्कोहॉल ब्लड शुगर को कम क्यों करती है? – Why Alcohol lowers blood sugar levels?
डायबिटीज़ रोगियों पर शराब के कई प्रभाव हो सकते हैं:
- जहां मध्यम मात्रा में शराब पीने पर ब्लड शुगर में वृद्धि होती है, वहीं यदि इसे अधिक मात्रा में लिया जाता है, तो ग्लूकोज के स्तर में कमी आती है। कई बार, यह रिस्क लेवल तक कम हो जाती है।
- शराब व्यक्ति की भूख बढ़ाता है और व्यक्ति को ज्यादा खाने का मन करता है। अधिक भोजन ब्लड शुगर नियंत्रण को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।
- शराब ट्राइग्लिसराइड के स्तर को बढ़ा सकती है, जिससे रक्तचाप या ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
- शराब या ऐल्कोहॉल अक्सर कैलोरी से भरे होते हैं, जिससे वज़न कम करने में मुश्किल हो सकती है।
- शराब एंटीडायबिटीज़ दवाओं या इंसुलिन के सकारात्मक असर को प्रभावित करती है।
- यह किसी व्यक्ति की निर्णय लेने की शक्ति या इच्छा शक्ति को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे व्यक्ति एक ग़लत और अनहेल्दी खाने का विकल्प चुन सकता है।
- शराब के परिणामस्वरूप कई साइड इफ़ेक्ट्स हो सकते हैं जैसे मतली, निस्तब्धता, अस्पष्ट बातें और हृदय गति बढ़ना।
डायबिटीज में कितनी मात्रा में शराब लेना सुरक्षित है? – How much Alcohol is safe in Diabetes?
यह एक मुश्किल विषय है। शराब की कितनी मात्रा सुरक्षित है यह इस बात पर निर्भर करता है कि कोई व्यक्ति कौन सी और कितनी मात्रा में शराब पीता है। डायबिटीज़ के बारे में कई अन्य प्रश्नों की तरह, इन प्रश्नों का भी सीधा उत्तर नहीं है।
सीडीसी के अनुसार पुरुष एक दिन में दो ड्रिंक या उससे कम और महिलाएं एक या उससे कम ड्रिंक एक दिन में ले सकती हैं। इसके अलावा, US Dietary Guidelines Advisory Committee (अमेरिकी आहार दिशानिर्देश सलाहकार समिति) के अनुसार पुरुष और महिला दोनों के लिए एक दिन में एक ड्रिंक पर्याप्त है।
सीडीसी के अनुसार एक ड्रिंक के 14 ग्राम (0.6 औंस, या औंस) ड्रिंक में शुद्ध ऐल्कोहॉल शामिल है। यह आम तौर पर 12 औंस बीयर, 5 औंस शराब, 8 औंस माल्ट शराब, या 1.5 औंस हार्ड शराब या व्हिस्की, रम या वोदका जैसी लिकर या स्प्रिट के बराबर होता है।
कौन सी शराब या ऐल्कोहॉल ना लें – Which Alcohol should not take?
- डायबिटिक ड्रिंक्स के नाम से जानी जाने वाली लो-शुगर बियर और साइडर से बचें। उनमें चीनी की मात्रा कम हो सकती है, लेकिन वे ऐल्कोहॉल से भरी होती हैं।
- लो-अल्कोहल वाइन न पियें, क्योंकि इनमें सामान्य पेय की तुलना में अधिक चीनी होती है।
- मीठे वाइन और लिकर जैसे पेय से बचना चाहिए क्योंकि वे चीनी सामग्री से भरे होते हैं।
- किसी भी स्पिरिट के साथ शुगर-फ्री मिक्सर लें।
शराब से हाइपोग्लाइसिमिया होने के कारण – Reason for having Hypoglycemia from Alcohol
क्या शराब डायबिटीज़ रोगियों में ब्लड शुगर कम करती है? इसमें शराब के साथ-साथ लिया जाने वाला भोजन, डायबिटीज़ की दवाएं और व्यायाम जैसे कई कारक जिम्मेदार हैं। मोटे तौर पर, अधिक शराब के सेवन से ब्लड शुगर कम हो जाता है, चाहे रोगी को टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज़ हो।
और इसके कई कारण हैं जिनमें शामिल हैं:
डायबिटीज़ रोधी या एंटीडायबिटिक दवाएं
इंसुलिन और सल्फोनील्यूरिया दवाएं जैसे ग्लिमेपाइराइड या ग्लाइबुराइड (दवाएं जो ब्लड शुगर के स्तर को कम करती हैं) ब्लड शुगर को कम करती हैं ऐसे में इनके साथ जब शराब ली जाती है, यह शुगर लेवल को और कम कर सकती है। इंसुलिन और मादक पेय समान रूप से कार्य करते हैं, चाहे वह टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज़ हो।
यदि कोई व्यक्ति मेटफोर्मिन पर है और शराब का सेवन करता है तो कुछ संकेतों के बारे में सतर्क रहें जैसे अत्यधिक थकान, मांसपेशियों में दर्द, धीमी गति से हृदय गति, सांस लेने में कठिनाई, या गहरे रंग का मूत्र। मेटफोर्मिन लेते समय भारी शराब पीने से लैक्टिक एसिडोसिस जैसी स्थिति का खतरा बढ़ जाता है।
यदि किसी व्यक्ति को उपरोक्त में से कोई भी साइड इफेक्ट दिखाई देता है, तो तत्काल चिकित्सा सहायता प्राप्त करना हमेशा बेहतर होता है।
भोजन या डाइट
उपवास के दौरान शराब पीने से हाइपोग्लाइसीमिया (निम्न रक्त शर्करा) हो जाता है। हालाँकि, शराब पीने के दौरान भोजन करने से भी ब्लड शुगर के स्तर में वृद्धि हो सकती है, खासकर अगर व्यक्ति सामान्य से अधिक खाता है या यदि व्यक्ति पीने के दौरान अनहेल्दी डाइट ले रहा है।
शराब में मौजूद कार्ब: क्या बीयर चीनी के स्तर को बढ़ाती है? उत्तर है, हाँ। मीठे वाइन और बियर कार्बोहाइड्रेट से भरे हुए हैं। यह हर मात्रा में ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाते हैं।
इसके विपरीत, इन ड्रिंक्स को अचानक से कम या बंद करने और इसके स्थान पर ड्राय वाइन पर स्विच करने से हाइपोग्लाइसीमिया का अधिक रिस्क हो जाता है।
व्यायाम
यदि व्यक्ति पीने से पहले या बाद में शारीरिक रूप से सक्रिय है, तो इससे ब्लड शुगर में अत्यधिक गिरावट और गंभीर हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है।
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डायबिटीज़ में शराब का सुरक्षित रूप से सेवन करने के टिप्स – Tips to consume Alcohol safely in Diabetes
मादक पेय या ऐल्कोहॉल डेसर्ट के समान हैं। उनमें बहुत अधिक चीनी होती है। इसलिए एक व्यक्ति को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह किस प्रकार के पेय या ड्रिंक्स पी रहा/रही है। शीतल पेय या पंच (मोकटेल) के साथ मिक्स्ड शराब ना पियें। बीयर और मीठी वाइन कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी से भरपूर होती हैं।
- इसलिए, निरंतर ग्लूकोज मॉनिटर (सीजीएम) का उपयोग करना किसी भी डायबिटीज़ मरीज़ के लिए एक अच्छा विकल्प है। जब आप ड्रिंक के लिए जा रहे हों, तो आप नियमित रूप से ब्लड ग्लूकोज की निगरानी करते रहें कि यह तेजी से गिरता है या नहीं।
- खाली पेट शराब या ऐल्कोहॉल पीने से बचें। इसे पीने के पहले या बाद में अच्छा भोजन करना जरूरी है। लेकिन साथ ही शराब के साथ लिए जा रहे भोजन में भी कार्ब काउन्ट का ध्यान रखें।
- शराब और व्यायाम को साथ करने से ब्लड शुगर गिर सकती है। व्यायाम या नृत्य करते समय पीने से बचें। फिजिकल एक्टिविटी के दौरान ब्लड शुगर लेवल में काफी कमी देखी जाती है। इसके अलावा, यदि लीवर ग्लूकोज उत्पादन को बनाए रखने में विफल रहता है, तो हाइपोग्लाइसीमिया का खतरा और भी अधिक हो जाता है।
- हाइपोग्लाइसीमिया किट के समान सभी आवश्यक चीजें संभाल कर रखें। बार-बार जांच करने के लिए ब्लड ग्लूकोज टेस्टिंग किट साथ रखें। साथ ही अतिरिक्त परीक्षण स्ट्रिप्स, लैंसेट, अल्कोहल स्वैब भी साथ में रखें। इसके अलावा तेजी से असर करने वाला ग्लुकोज़ फॉर्म ग्लूकागन साथ में रखे और इसे तब लें जब भोजन के बाद भी ग्लुकोज़ का स्तर नहीं बढ़ रहा हो।
कोशिश करें कि शराब के सेवन से जितना हो सके बचें। यदि आपके ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित नहीं हैं तो इसे ना पियें। टाइप 2 डायबिटीज़ रोगियों कुछ टिप्स के साथ हाइपोग्लाइसीमिया के जोखिमों को कम कर सकते हैं।
लेकिन नहीं पीने से बेहतर कोई विकल्प नहीं है। शराब नहीं पीने से आपका अच्छा स्वास्थ्य बना रहता है। फ़िर भी अगर बहुत ही ज़रूरी है तो ऊपर बताई गई मात्रा और टिप्स के साथ एक ड्रिंक ले सकते हैं, अगर आपका ग्लाइसिमिक कंट्रोल अच्छा है।
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निष्कर्ष – Conclusion
अगर कोई व्यक्ति ड्रिंक के लिए जा रहा है, तो कुछ बातों के बारे में सतर्क रहें। आपकी ब्लड शुगर स्वस्थ रेंज में हो, छोटे घूंट लें, बड़ा घूंट लेने से बचें। साथ ही अत्यधिक शराब पीने से बचें। जब डायबिटीज़ व्यक्ति यह समझ जाएगा कि सुरक्षित और स्वस्थ तरीके से कैसे पीना है तो उसका शरीर, मस्तिष्क और उसकी डायबिटीज़ की स्थिति मेनेज और एडजस्ट हो जाती है।
शराब का सेवन डायबिटीज़ से जुड़ी जटिलताओं को बढ़ा सकता है, जैसे बिगड़ा हुआ वसा चयापचय या फैट मेटाबोलिज़्म, आंखों के स्वास्थ्य को हानि, डायबिटीक नर्व डेमेज और एम्प्यूटेक्शन।
शराब पीना व्यक्तिगत है और इसके लिए कोई सामान्य नियम नहीं है कि किसी व्यक्ति को डायबिटीज़ होने पर इसे सुरक्षित रूप से कैसे लिया जाए।
पीने की आदतों के बारे में संबंधित डॉक्टर से चर्चा करना हमेशा बेहतर होता है ताकि डॉक्टर सुरक्षित सीमा के भीतर कैसे पीना है और व्यक्ति के लिए क्या पीना चाहिए, इसके लिए टिप्स और ट्रिक्स आपको दे सके।
सामान्यतया पूछे जाने वाले प्रश्न – Frequently Asked Questions
क्या डायबिटीज़ रोगियों के लिए शराब पीना ठीक है?
अधिकांश डायबिटिक लोग थोड़ी शराब का आनंद ले सकते हैं। लेकिन इसके लिए नियम आम लोगों के समान ही है । महिलाओं के लिए प्रति दिन एक ड्रिंक और पुरुषों के लिए दो ड्रिंक ही सुझाई जाती है। लेकिन डायबिटिक व्यक्ति को यह जानने की जरूरत है कि शराब आपके ब्लड शुगर को कैसे प्रभावित करती है। एक मीठा पेय आपके रक्त शर्करा को बढ़ा सकता है। वहीं ज़्यादा शराब डायबिटीज़ रोगियों में हाइपोग्लाइसिमिया की स्थिति पैदा कर सकती है जो खतरनाक हो सकती है। इसलिए अपने शुगर लेवल नियंत्रण के अनुसार ही शराब को अपनी लाइफस्टाइल में शामिल करें। आप शराब लेते व्यक्त नियमित ब्लड शुगर जाँचें कि क्या शराब आपके शुगर लेवल को अफेक्ट कर रही है। इसके अलावा डॉक्टर से भी परामर्श ले सकते हैं।
टाइप 2 डायबिटीज़ में शराब के सेवन में क्या सावधानी की ज़रूरत है?
पेट खाली होने पर शराब के सेवन से बचें, क्योंकि इससे व्यक्ति के रक्तप्रवाह में शराब की मात्रा तेजी से बढ़ेगी। इसके अलावा, अत्यधिक शराब पीने या लगातार पीने से बचें। भोजन के स्थान पर शराब पीने से बचें। यह सब निम्न ब्लड शुगर या हाइपोग्लाइसीमिया के जोखिम को बढ़ा सकता है।
शराब मेरे ब्लड शुगर नियंत्रण को कैसे प्रभावित करती है?
अलग-अलग ड्रिंक का ब्लड शुगर के स्तर पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा यह ली जाने वाली मात्रा पर भी निर्भर करता है। एक सिंगगल ड्रिंक ( जैसे बीयर की एक मध्यम बोतल, या एक मीडियम शराब का गिलास) पूरे ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित नहीं कर सकता है।
डायबिटीज़ में शराब पीना क्यूँ खतरनाक है?
डायबिटीज़ में शराब पीते समय कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए:
- अधिक शराब पीने से टाइप 2 डायबिटीज़ रोगियों के मामले में रक्तचाप या ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
- शराब डायबिटीज़ की जटिलता, न्यूरोपैथी (तंत्रिका क्षति) को की स्थिति को खराब कर सकती है।
- इससे पूरे शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे नींद आने में परेशानी होती है।
- साथ ही, अधिक शराब पीने से कुछ कैंसर और हृदय की समस्याएं हो सकती हैं।
संदर्भ – References
https://www.webmd.com/diabetes/ss/slideshow-diabetes-alcoholLast Updated on by Dr. Damanjit Duggal
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