डाईबिटीज़ मेनेजमेंट में डाइट सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। एक अच्छी डाइट या फल आपके शुगर लेवल्स को नियंत्रित कर सकते हैं। इसमें एक नाम आता है आंवला। क्या डाईबिटीज़ पेशेंट आंवला का सेवन कर सकते हैं? इस प्रश्न के उत्तर हम इस ब्लॉग में जानेंगें।
मधुमेह या डाईबिटीज़ एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है जो कई बार गलत जीवनशैली के परिणामस्वरूप आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। डाईबिटीज़ का टाइप 2 हमारे रोजमर्रा के गलत खान-पान व निष्क्रिय जीवनशैली का परिणाम है। डाईबिटीज़ या मधुमेह में पर्याप्त इंसुलिन, एक हॉर्मोन जो ब्लड शुगर को कंट्रोल रखता है, की कमी हो जाती है। अतः रक्त में शुगर लेवल बढ़ जाते हैं जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनते हैं। डाईबिटीज़ को एक ऐक्टिव लाइफस्टाइल के साथ मेनेज किया जा सकता है। डाइबीटिक डाइट इसमें बहुत प्रभावी है। ऐसी ही डाइबीटिक डाइट या फल का एक सबसे अच्छा उदाहरण है – आंवला।
आंवला भारतीय घरों में उपयोग किया जाने वाला एक लोकप्रिय फल है। हमारे घरों में आंवले का आचार व मुरब्बा रोज़ की डाइट का एक अभिन्न यंग है। साथ ही सुबह खाली पेट आंवले का रस पीना कई लोगों की दिनचर्या का अहम हिस्सा है। आंवले के ओषधीय गुण हमारे दादी-नानी के कई नुस्खों में देखे जा सकते हैं।
अधिकांश स्वास्थ्य विशेषज्ञ रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने के लिए आंवला या भारतीय आंवले खाने का सुझाव देते हैं। आंवला अपने प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले गुणों के लिए जाना जाता है और इसे डाईबिटीज़ के लिए एक बेहतरीन उपाय के रूप में जाना जाता है।
आंवला या Indian Gooseberry क्या है?
आंवला , वैज्ञानिक रूप से एम्ब्लिका ऑफिसिनैलिस के रूप में जाना जाता है। आंवला या भारतीय आंवला (Phyllanthus emblica) एक मध्यम आकार के पेड़ का एक कठोर, गोलाकार, हरा-पीला रंग का फल है जो कि Phyllanthaceae परिवार से संबंधित है, जो भारत का मूल निवासी है। यह दशकों से आयुर्वेद में एक लोकप्रिय फल रहा है। हालांकि पौधे के सभी भागों का उपयोग किया जाता है, लेकिन सक्रिय यौगिकों की उपस्थिति के कारण इसके फल को सबसे अधिक लाभकारी माना जाता है।
आंवला विभिन्न भारतीय व्यंजनों में एक प्रमुख सामग्री है और आयुर्वेद में इसको बहुतायत से उपयोग में लिया जाता है।
पूरे भारत और आस-पास के देशों में इसकी खेती की जाती है और इसे “सुपरफ्रूट” के रूप में भी जाना जाता है। ताजे 100 ग्राम आंवला में 20 संतरे जितना विटामिन सी होता है।
आंवला और डाईबिटीज़ (Amla and Diabetes)
आंवला एक पारंपरिक ओषधि है जो रक्त शर्करा को स्थिर स्तर पर रखने और भोजन के बाद शुगर स्पाइक्स को रोकने में मदद कर सकता है।
क्या आप जानते हैं कि आंवला के सेवन से रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि को नियंत्रित किया जा सकता है। आइए जाने आंवला किस तरह से डाईबिटीज़ को मेनेज करने में मदद करता है:
- आंवला में क्रोमियम नामक एक खनिज होता है, जो कार्बोहाइड्रेट मेटाबोलिज़्म को विनियमित करने में मदद करता है और शरीर को इंसुलिन के प्रति अधिक रिएक्टिव बनाता है जो रक्त शर्करा को ट्रैक में रखता है।
- अग्नाशयशोथ या Pancreatitis को रोकने के लिए आंवला एक प्रभावी पारंपरिक ओषधि है। यह अगनाश्य में सूजन (जिसे Pancreatitis कहते हैं) को कम करता है जिससे अग्न्याशय से अच्छे से स्त्रावित इंसुलिन ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखते हैं। इसलिए, आंवला अग्नाशयशोथ को नियंत्रित करने और अंततः रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए जाना जाता है।
- आंवला में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी होता है जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट हैं। डाईबिटीज़ में विटामिन सी युक्त डाइट बहुत असरदार होती है और शुगर लेवल्स को नियंत्रित रखती है।
- आंवला में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो हमारे शरीर के लिए बेहद ज़रूरी होते हैं क्योंकि ये रक्त में मौजूद फ्री रेडिकल्स को नष्ट करते हैं। मुक्त कण या फ्री रेडिकल्स वे अस्थिर अणु होते हैं जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह फ्री रेडिकल्स हमारे अंगों और विभिन्न कार्यों को करने की उनकी क्षमताओं को नुकसान पहुंचाते हैं और कई क्रानिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनते हैं जैसे डाईबिटीज़, ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, कैंसर आदि। इन फ्री रेडिकल्स को निष्क्रिय करने के लिए एंटीऑक्सीडेंट्स बहुत ज़रूरी होते हैं। हमारा शरीर अपने आप एंटीऑक्सीडेंट नहीं बना सकता है, इसलिए हमारी डाइट में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। इस प्रकार, आंवला मधुमेह रोगियों के लिए एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्त्रोत है।
- कई शोध के अनुसार, शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव या Oxidative Stress डाईबिटीज़ और संबंधित बीमारियों का मूल कारण है। आंवला में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट इस ऑक्सीकरण के दुष्प्रभावों को खत्म कर देते हैं, जिससे डाईबिटीज़ नियंत्रण में सहायता मिलती है।
डाईबिटीज़ में आंवला के अन्य फायदे
- टाइप-2 डाईबिटीज़ में HbA1c के स्तर में सुधार करता है।
- ग्लूकोज़ टोलेरेन्स को बढ़ाता है।
- ब्लड शुगर लेवल्स को नियंत्रित करता है।
- इंसुलिन रिएक्टिविटी में सुधार करता है।
- ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करता है।
- सोर्बिटोल जैसी विषाक्त चीनी के स्तर को कम करता है जिससे रेटिनोपैथी और न्यूरोपैथी जैसी डाईबिटीज़ संबंधी जटिलताओं को रोकने में सहायता मिलती है।
- एचडीएल यानि गुड cholesterol को बढ़ाता है और एलडीएल यानि बुरे cholesterol को कम करता है।
- आंवला एंजाइम गतिविधि के लिए एक प्रमुख सहकारक के रूप में कार्य करता है।
आंवला का पोषण मूल्य या न्यूट्रीशनल वेल्यू (Nutritional Value of Amla)
आंवला बहुत से आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें कई शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। साथ ही इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन, फाइबर व मिनरल पाए जाते हैं।
100 ग्राम आंवला में पाए जाने वाले पोषक तत्व निम्न प्रकार हैं:
आंवला के पोषक तत्त्व | ||||
---|---|---|---|---|
पोषक तत्व(100 ग्राम आंवला में) | मात्रा | |||
ऊर्जा | 58 किलो कैलोरी | |||
फाइबर | 3.4% | |||
प्रोटीन | 0.5% | |||
फैट | 0.1% | |||
कार्बोहाइड्रेट | 13.7 g | |||
कैल्शियम | 50% | |||
आयरन | 1.2 मिलीग्राम | |||
कैरोटीन | 9 माइक्रोग्राम | |||
थायमिन | 0.03mg | |||
राइबोफ्लेविन | 0.01mg | |||
निकेन | 0.2mg | |||
विटामिन | 600mg |
आंवला का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic Index of Amla)
आंवला का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 40 होता है जो निम्न ग्लाइसीमिक इंडेक्स की श्रेणी में आता है। साथ ही, यह विटामिन सी और फाइबर से भरपूर होता है। यदि आप इसका बार-बार सेवन करते हैं, तो यह रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है।
आंवला के स्वास्थ्य लाभ या हेल्थ बेनेफिट्स (Health Benefits of Amla)
आंवला को प्राचीन काल से ही आयुर्वेद में एक पारंपरिक ओषधि के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है। यह शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है जिससे शरीर कई तरह के संक्रमणों, सर्दी-जुखाम, व बुखार से आसानी से लड़ पाता है। इसके अतिरिक्त इसमें अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते है जो कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के रिस्क को कम करता है। आंवला त्वचा व बालों के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा माना जाता है। इसके अलावा यह शुगर लेवल्स को नियंत्रित रखता है। आइए जाने आंवला के स्वास्थ्य लाभ या हेल्थ बेनेफिट्स:
पाचन तंत्र के लिए बेहतर
आंवला बेरीज फाइबर से भरपूर होती हैं इसलिए यह शरीर से अपशिष्ट या मल को अच्छे से निकालने में मदद करती है। इसकी वजह से कई तरह की समस्याएं जैसे irritable bowel syndrome के लक्षणों को दूर करने में मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त इस खट्टे फल में विटामिन सी की प्रचुर मात्रा शरीर में अन्य पोषक तत्वों को आसानी से अवशोषित करने में मदद करती है।
आँखों के स्वास्थ्य को बढ़ाता है
आंवला विटामिन ए से भरपूर होता है, जो आंखों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है। विटामिन ए न केवल दृष्टि में सुधार करता है, बल्कि यह उम्र से संबंधित macular degeneration के जोखिम को भी कम कर सकता है। आंवला में मौजूद विटामिन सी बैक्टीरिया से लड़कर आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ाती है।
कई अध्ययनों के अनुसार आंवला में मौजूद कैरोटीन आपकी नजर में सुधार करता है। साथ ही यह मोतियाबिंद की समस्याओं, अंतःस्रावी तनाव (आप जो दबाव महसूस करते हैं) को कम कर सकते हैं व आंखों की लालिमा, खुजली और पानी को रोक सकते हैं।
मधुमेह नियंत्रण
आंवला में घुलनशील फाइबर पाया जाता है जो शरीर में शुगर या ग्लुकोज़ को धीरे-धीरे अवशोषित करता है। इससे शुगर स्पाइक्स रोकने में मदद मिलती है। आंवला बेरी व आंवला रस टाइप 2 डाईबिटीज़ वाले लोगों में शुगर लेवल्स और लिपिड की मात्रा पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है।
यह pancreatitis को रोकता है जिससे शरीर में इंसुलिन सही से स्त्रावित होता है और हाई शुगर लेवल्स को कम करता है। इस प्रकार आंवला प्राकृतिक रूप से शुगर लेवल्स को कम करता है।
आंवला क्रोमियम से भरपूर होता है, जो कार्बोहाइड्रेट के चयापचय या मेटाबोलिज़्म में मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण मिनरल है। इसलिए, यह शरीर को इंसुलिन के प्रति अत्यधिक प्रतिक्रियाशील या रिएक्टिव बनाता है, जो ब्लड शुगर लेवल्स को नियंत्रण में रखने के लिए जिम्मेदार होता है।
आंवला एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट मुक्त कणों या फ्री रेडिकल्स को बेअसर करते हैं और डाईबिटीज़ को नियंत्रण में रखने के लिए ऑक्सीडेटिव क्षति को रोकते हैं।
ऑक्सीडेटिव क्षति में कमी के कारण आंवला के सेवन से कैंसर की संभावना काफी कम हो जाती है।
एलडीएल या खराब कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है
आंवला एचडीएल-सी ‘अच्छे कोलेस्ट्रॉल स्तर’ में सुधार करता है जिससे आपके रक्त में ट्राइग्लिसराइड के स्तर में कमी आती है।
उच्च ट्राइग्लिसराइड का स्तर इंसुलिन रेजिसटेन्स, मोटापा और हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाता है।
इसलिए आंवला टाइप-2 डायबिटीज और बैड कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।
हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा
आंवला, ब्लड फ़्लो में एलडीएल के उत्पादन को कम करता है जिससे धमनियों या arteries को सख्त होने से रोकने में मदद मिलती है। अच्छा रक्त प्रवाह हृदय स्वास्थ्य को स्वस्थ रखता है जिससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक आदि के रिस्क को रोकने में मदद मिलती है।
और पढ़े: जनुमेट 500 एमजी के साइड इफेक्ट्स
रोग प्रतिरोधक क्षमता या इम्यूनिटी को बढ़ाता है
100 ग्राम आंवला बेरी (लगभग आधा कप) में 300 मिलीग्राम विटामिन सी पाया जाता है जो वयस्कों के लिए ज़रूरी दैनिक आवश्यकता से दोगुना से अधिक है। इसके अतिरिक्त इसमें अच्छी मात्रा में पॉलीफेनोल्स, एल्कलॉइड और फ्लेवोनोइड भी मिलते हैं। आंवला में एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह सभी गुण शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाता है।
आंवला हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में सुधार करके डाईबिटीज़ में लाभ पहुंचाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आंवला सफेद रक्त कोशिकाओं की गतिविधि को बढ़ाता है। सफेद रक्त कोशिकाओं की अधिक संख्या के साथ, शरीर की ट्यूमर से लड़ने की क्षमता भी बढ़ जाती है, जिससे कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करता है
आंवला एचडीएल-सी यानि गुड cholesterol के उत्पादन को बढ़ाता है जिससे ब्लड में ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। ट्राइग्लिसराइड का उच्च स्तर होने से इंसुलिन प्रतिरोध, मोटापा और हृदय रोगों का खतरा बढ़ सकता है।
वज़न नियंत्रण में सहायक
क्या आप जानते हैं कि आंवला वज़न कम करने में भी मदद करता है। आंवला में एक प्रोटीन मौजूद होता है जो आपकी बार-बार लगने वाली भूख या क्रेविंग को कम करता है। इस खट्टी बेरी में कार्बोहाइड्रेट और वसा की मात्रा भी बहुत कम होती है।
आंवला की एक सर्विंग यानी (150 ग्राम) में 66 कैलोरी, 1 ग्राम प्रोटीन, 1 ग्राम से कम वसा और 15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होते हैं। इसके अलावा भोजन से पहले एक ग्लास आंवले का रस पीने से पेट भर जाता है जिससे कम भूख लगती हैं।
और पढ़े: शुगर के मरीज़ व्रत में क्या खाये?
मेमोरी और मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ाता है
आंवला में मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सिडेंट फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं जिससे याददाश्त व मेमोरी बढ़ती है। आंवला में विटामिन सी की उच्च मात्रा में पाया जाता है जो आपके शरीर को नॉरपेनेफ्रिन का उत्पादन करने में मदद करती है। यह एक न्यूरोट्रांसमीटर होता है जो मनोभ्रंश या dementia वाले लोगों में मस्तिष्क के कार्य में सुधार करता है।
किड्नी स्वास्थ्य में सुधार करता है
आंवला कई बी विटामिन, विशेष रूप से विटामिन-बी 6 से भरपूर होता है, जो कि गुर्दे की पथरी के रिस्क को कम करने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा, यह शरीर में COX-2 और iNOS के स्तर को भी कम कर सकता है, जो मुख्य रूप से किडनी की शिथिलता का कारण बनते हैं।
एंटी-बेक्टेरियल गुण
आंवला में त्रिफला होता है, एक अर्क जो बैक्टीरिया साल्मोनेला टाइफी को रोकता है। इसमें एंटीबेक्टेरियल गुण होते हैं जो कई तरह के संक्रमण को रोकता है। ज्यादातर एंटीबेक्टेरियल क्रीम में आंवला पाया जाता है।
स्टोर से खरीदे गए सप्लीमेंट्स की तुलना में आंवला में मौजूद विटामिन सी शरीर द्वारा अधिक आसानी से अवशोषित हो जाता है। इसलिए दो चम्मच आंवला चूर्ण को दो चम्मच शहद के साथ मिलाकर दिन में तीन से चार बार सेवन करने से सर्दी या खांसी होने पर तुरंत आराम मिलता है या बेहतर स्वास्थ्य के लिए रोजाना एक बार इसका सेवन करें।
और पढ़े: शुगर का आसान होम्योपैथिक इलाज
त्वचा के लिए उपयोगी
आंवला सबसे अच्छा एंटी-एजिंग फल है। आंवला में मौजूद विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट फाइन लाइंस, झुर्रियों को कम करते हैं और चमकदार त्वचा प्रदान करते हैं। रोज सुबह आंवले का रस या आंवला जूस शहद के साथ पीने से आप दाग-धब्बों से मुक्त, स्वस्थ और दमकती त्वचा पा सकते हैं।
बालों को खूबसूरत बनाता है
आंवला, करी पत्ते की तरह, बालों के लिए एक अच्छा टॉनिक है। इसमें बहुत सारे आवश्यक फैटी एसिड होते हैं जो बालों की जड़ों में जाकर ग्रेइंग या बालों के सफेद होने से रोकता है। यह रूसी या डैन्ड्रफ को रोकते हैं और बालों को मज़बूत करते हैं।
इस खट्टे फल में आयरन और कैरोटीन की मात्रा अधिक होती है, जिससे हेयर ग्रोथ अच्छे से होती है। आंवला एक प्राकृतिक कंडीशनर के रूप में भी काम करता है जिससे आपके बाल मुलायम होते हैं। हेयर पैक के लिए आप आंवला का तेल लगा सकते हैं या मेंहदी में आंवला पाउडर मिला सकते हैं।
गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को मेनेज करने में सहायक
आंवला क्रोमियम से भरपूर होता है जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है और इंसुलिन उत्पादन को बढ़ाने में भी मदद करता है। यह मधुमेह रोगियों या डाइबीटिक्स में शुगर लेवल्स के स्तर को कम करता है। रोज सुबह जल्दी आंवले का रस पीने से बढ़े हुए रक्तचाप के स्तर को कम करने में मदद मिलती है।
और पढ़े: मेटफोर्मिन के साथ किस प्रकार के भोजन को नहीं खाना चाहिए?
दर्द-निवारक
गठिया से संबंधित जोड़ों का दर्द हो या मुंह के छालों में दर्द, आंवला अपने एंटीइनफ्लेमेट्री गुणों के कारण इस तरह के दर्द से राहत प्रदान कर सकता है।
आंवला का उपयोग घावों के इलाज के लिए एक एनाल्जेसिक के रूप में किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसके अर्क पोस्टऑपरेटिव और न्यूरोपैथिक दर्द को कम करने में उपयोगी होते हैं। अल्सर के लिए, आपको बस आंवले के रस को आधा कप पानी में घोलना है और इससे गरारे करना है।
और पढ़े: किस प्रकार के ड्राई फ्रूट्स का सेवन मधुमेह रोगियों के लिए सही रहेगा?
आंवला को अपने खाने में कैसे शामिल करें?
आंवला एक सुपरफ्रूट हैं जिसमें कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। यह आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ कई गंभीर शारीरिक समस्याओं से लड़ने में मदद करता है। यह डाईबिटीज़, ब्लड प्रेशर, हार्ट हेल्थ, स्किन और बालों के स्वास्थ्य को भी बढ़ाता है। इस विटामिन सी से भरपूर और शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट से युक्त फल को अपने खाने में कई रूपों में शामिल किया जा सकता है। कुछ तरीके निम्नलिखित है:
- ताजे आंवला फल का अचार भारतीय घर में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला आचार है। यह स्वाद देने के साथ ही बहुत से हेल्थ बेनेफिट देता है।
- आंवला मुरब्बा को अपनी रसोई में ज़रूर शामिल करें।
- आंवला बेरीज को चटनी और करी में प्रयोग करें।
- आंवला को सलाद में अन्य मीठे फलों के साथ मिलाएं।
- आंवले का जूस अपनी रोज़ की डाइट में शामिल करें।
- आंवला बेरी जैम या जेली बनाएं।
और पढ़े: मधुमेह रोगियों के लिए उत्तम फल?
आंवला के साइड-इफ़ेक्ट्स या दुष्प्रभाव
हालांकि आंवला कई गुणों से भरपूर है और कई हेल्थ बेनेफिट्स देता है लेकिन फ़िर भी इसके अधिक सेवन से कई प्रकार के साइड-इफ़ेक्ट्स हो सकते हैं। इनमें से कुछ हैं:
- डाईबिटीज़ के लिए एक दिन में 2 आंवला से ज़्यादा न लें क्योंकि यह विटामिन सी से भरपूर होता है और कब्ज की समस्या कर सकता है।
- डाईबिटीज़ की दवाओं के साथ आंवला के उपयोग को सीमित रखें वरना यह शुगर लेवल को कम कर सकता है।
- लो ब्लड प्रेशर या निम्न रक्तचाप वाले लोग इसका सेवन अत्यधिक न करें क्योंकि यह ब्लड प्रेशर को कम करने का काम करता है।
- लीवर से जुड़ी कोई बीमारी होने पर गिलोय या अदरक के साथ आंवला का सेवन करने से बचें।
- यह एसिडिटी को बढ़ाता है इसलिए इसका ज़्यादा उपयोग न करें।
- जिनकी लो शुगर होती है या hypoglycemia की शिकायत है उन्हें इस फल का कम उपयोग करना चाहिए।
- ज़्यादा आंवला dehydration भी कर सकता है।
- डीहाइड्रेशन की वजह से स्किन प्रॉब्लम, एजिंग व हेयर फल हो सकता है।
- गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान इसके सेवन से बचें।
और पढ़े: किन सब्जियों का सेवन डायबिटीज रोगियों को नहीं करना चाहिए?
निष्कर्ष
आंवला या भारतीय आंवला एक ऐसा फल है जो विटामिन सी से भरपूर होता है और प्रतिरक्षा प्रणाली या इम्यूनिटी को बढ़ाता है। इस हल्के हरे फल का स्वाद बेहद खट्टा होता है और इसे आम तौर पर नमक और लाल मिर्च पाउडर के साथ कच्चा खाया जाता है। आंवला का उपयोग भारत में च्यवनप्राश जैसे प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले उत्पादों में एक सक्रिय घटक के रूप में किया जाता है क्योंकि यह एंटीऑक्सिडेंट से भरपुर होता है। आयुर्वेद में, इसका उपयोग बालों और त्वचा के स्वास्थ्य के साथ-साथ शरीर की समग्र प्रतिरक्षा में सुधार के लिए एक दवा के रूप में किया जाता है।
इम्युनिटी बढ़ाने के अलावा, आंवला उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने, संक्रमण का इलाज करने, रक्त शर्करा के स्तर को कम करने और समग्र हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने में भी मदद करता है।
आयुर्वेद ने प्राचीन काल से ही आंवले को इसके विभिन्न गुणों के लिए व्यापक महत्व दिया है। ताजा आंवला को अपने आहार में शामिल करना सभी लोगों के लिए और विशेष रूप से डाईबिटीज़ वाले लोगों के लिए फायदेमंद होता है। टाइप 1 और टाइप 2 डाईबिटीज़ वाले लोगों के लिए आंवला समान रूप से अच्छा काम करता है।
FAQs:
क्या आंवला खाने से आंखों का स्वास्थ्य अच्छा होता है?
आंवला में प्रचुर मात्रा में विटामिन ए होता है, जो आंखों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है। विटामिन ए आपकी नजर को अच्छा करता है व साथ ही बढ़ती उम्र के कारण होने वाली समस्या macular degeneration के रिस्क को कम करता है। साथ ही इसमें मौजूद विटामिन सी कई तरह के आँखों के संक्रमण व मोतियाबिंद को रोकने में मदद करता है।
प्रतिदिन कितना आंवला खाना चाहिए?
विशेषज्ञों के अनुसार, एक औसत वयस्क प्रतिदिन लगभग 75-90 मिलीग्राम आंवला खा सकता है। 100 ग्राम आंवले की एक सर्विंग में लगभग 300 मिलीग्राम विटामिन सी, फाइबर, कैल्शियम, आयरन और एंटीऑक्सिडेंट जैसे पॉलीफेनोल्स, एल्कलॉइड और फ्लेवोनोइड होते हैं।
आंवला किसे नहीं खाना चाहिए?
यदि आप स्तनपान करा रही हैं तो आंवला उपयोग से बचें। साथ ही एंटी-डाइबीटिक दवाओं के साथ आंवला का सेवन डॉक्टर से परामर्श के बाद करें क्योंकि यह ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकता है। आंवला ब्लड प्रेशर कम करता है इसलिए लो ब्लड प्रेशर वाले लोग इसका उपयोग सीमित मात्रा में करें। जिन्हें एसीडिटी की दिक्कत है वो भी इसका उपयोग न करें या सीमित करें क्योंकि यह एसीडिटी बढ़ाता है।
क्या रोज़ आंवला खा सकते हैं?
अपने दैनिक आहार में आंवला को शामिल करने से इम्यूनिटी बढ़ती है। इसके अलावा यह डाईबिटीज़, हार्ट हेल्थ, हाई ब्लड प्रेशर, बालों और त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करने में सहायक होता है। साथ ही यह एंटीबेक्टेरियल गुणों के लिए जाना जाता है जो आपको कई संक्रमणों, सर्दी-जुखाम, व फीवर से बचाता है। यह दर्दनिवारक भी होता है और वज़न कम करने में मदद करता है।
Disclaimer
This site provides educational content; however, it is not a substitute for professional medical guidance. Readers should consult their healthcare professional for personalised guidance. We work hard to provide accurate and helpful information. Your well-being is important to us, and we value your feedback. To learn more, visit our editorial policy page for details on our content guidelines and the content creation process.