आजकल, बहुत से लोग मूंगफली को या तो नमकीन और भुने हुए स्नैक्स के रूप में, पीनट बटर के रूप में, या कैंडी बार के रूप में खाते हैं। लेकिन क्या मूंगफली शुगर रोगियों के लिए अच्छी है? डायबिटीज़ में शुगर लेवल को नियंत्रित रखना बहुत ज़रूरी होता है। इसके लिए आपको अपनी डाइट पर ध्यान देने की ज़रूरत है। डायबिटीज़ में शुगर लेवल पर आपके खाने का बहुत प्रभाव पड़ता है इसलिए ध्यान रखें कि आप सही खाना खा रहे हो। कई लोगों का मानना है कि नट्स शुगर लेवल बढ़ा सकते हैं। इसलिए यह सवाल आम हो जाता है कि क्या मूंगफली को डायबिटीज़ में एक हेल्दी डाइट में शामिल किया जा सकता है? मूंगफली का जीआई स्कोर और ग्लाइसेमिक लोड कम होता है। इसके अलावा इसमें बहुत सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसलिए यह शुगर रोगियों के लिए स्वस्थ माना जा सकता है लेकिन साथ ही इसे खाने के कुछ रिस्क भी है। इसलिए मधुमेह रोगियों के मूंगफली के फ़ायदे व नुकसान के बारे में हम इस लेख में पढ़ेंगे। मूंगफली को खाने से पहले यह जानना ज़रूरी है कि वो आपके ब्लड शुगर पर कितना असर डालती है। साथ ही इस लेख में हम जानेंगे की टाइप -2 डायबिटीज़ पर मूंगफली का क्या असर होता है।
वैश्विक रूप से मधुमेह या डायबिटीज़ एक चिंता का विषय बन गया है। लाखों लोग खासकर युवा व बच्चे भी टाइप 2 डायबिटीज़ से प्रभावित हो रहे हैं। इनमें यह समस्या खासकर के ग़लत जीवन शैली या लाइफस्टाइल का परिणाम है। जंक फूड और एक्सर्साइज़ नहीं करना दो ऐसे प्रमुख कारण हैं जो इस बीमारी को युवाओं में बढ़ावा दे रहें हैं। इसलिए जीवन शैली में सुधार करके इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए सबसे ज़रूरी है अपनी डाइट पर ध्यान देना। आपका खाना आपके शुगर लेवल को प्रभावित करता है इसलिए एक डाइबीटिक फ़्रेंडली डाइट आपकी डायबिटीज़ को मेनेज कर सकती हैं। अगर नट्स की बात करें तो नट्स मधुमेह रोगियों के लिए पोषण का एक शानदार स्रोत हैं जिन्हें बिना किसी डर आप अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। पर ध्यान रहें, उसकी मात्रा आपकी आवश्यकता से ज़्यादा न हो।
मूंगफली के बारे में कुछ मुख्य बातें
मूँगफली में प्रभावी पौष्टिक गुण होते हैं जो टाइप 2 डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद होते हैं। मूँगफली और मूँगफली से बने उत्पादों के सेवन से निम्नलिखित फ़ायदे हो सकते हैं:
- वजन घटाने में मदद करना।
- रक्त शर्करा के स्तर (ब्लड शुगर लेवल) को नियंत्रित करना।
- हृदय संबंधी समस्याओं के जोखिम को कम करना।
- व्यक्तियों में मधुमेह विकसित होने से रोकना।
मूंगफली आपकी मन्चिंग का सबसे बेहतर विकल्प है। यह कई अन्य विकल्पों जैसे बिस्कुट, चिप्स, कुकीज आदि से ज्यादा सेहतमंद होता है। हालांकि डाइबीटिक लोगों के लिए एक स्वस्थ स्नैक ढूँढना बहुत मुश्किल हो जाता है जो उनके शुगर लेवल्स को प्रभावित नहीं करे। ऐसे में उनके लिए ये ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है कि वो सही खाना खा रहे हो।
मूंगफली को आप कई तरह से अपने नाश्ते में शामिल कर सकते हैं। विभिन्न शोध अध्ययनों में पाया गया कि मूंगफली में उच्च मात्रा में स्वस्थ वसा, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, प्रोटीन और खनिज होते हैं। इसके अलावा, यह डायबिटीज़ को नियंत्रित करने के साथ साथ, हृदय समस्याओं व हाई ब्लड प्रेशर के रिस्क को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करती है।
मूंगफली का जीआई 14 है और मूंगफली का ग्लाइसेमिक लोड 1 है। यह उन्हें टाइप 2 डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए सबसे कम स्कोरिंग ग्लाइसेमिक इंडेक्स खाद्य पदार्थों में से एक बनाता है। इस प्रकार, मूंगफली शुगर रोगियों के लिए स्वस्थ स्नैक्स हैं। मधुमेह रोगियों को फाइबर खाने का सुझाव दिया जाता है, क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में सहायता करता है, लंबे समय तक पेट भरे हुए रखता है, और ग्लूकोज अवशोषण को भी कम करता है और मूंगफली उसका अच्छा स्त्रोत है।
अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन महिलाओं को लगभग 25 ग्राम और पुरुषों को 38 ग्राम मूंगफली रोज़ाना खाने की सलाह देता है। एडीए के एक सर्वे के अनुसार डाइबीटिक डाइट में हाई फाइबर खाना शामिल करने से, टाइप 2 डायबिटीज़ का खतरा 20 से 30% तक काफी कम हो गया।
दूसरी ओर, मूँगफली खाने के कुछ रिस्क भी होते हैं। यदि आप टाइप 2 मधुमेह के रोगी हैं, तो मूंगफली के सेवन के जोखिम और लाभों के बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को ज़रूर पढ़ें और जानें क्या मूंगफली शुगर लेवल्स को बढ़ाती है।
मूंगफली में मौजूदा पोषण तत्व
मूंगफली वास्तव में मेवे या ड्राई फ्रूट में शामिल नहीं की जाती बल्कि यह फलियाँ मटर या बीन्स की तरह ही होती हैं। तथ्य और अध्ययन बताते हैं कि किसी व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नट और फलियां दोनों अच्छे हैं।
मूंगफली कई पोषक तत्वों से भरपूर होती है, जिनमें शामिल हैं:
- फाइबर
- मिनरल
- स्वस्थ वसा
- एंटीऑक्सीडेंट
- वनस्पति प्रोटीन
यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (यूएसडीए) के अनुसार, एक औंस या 28 ग्राम कच्ची मूंगफली में निम्नलिखित पोषक तत्व मौजूद होते हैं:
मूंगफली में मौजूदा पोषण | ||||
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पोषक तत्व (28 ग्राम मूंगफली में ) | मात्रा | |||
कैलोरी | 161 | |||
प्रोटीन | 7.31 ग्राम | |||
असंतृप्त वसा | 6.93 ग्राम | |||
मोनोसैचुरेटेड फैट | 4.41 ग्राम | |||
संतृप्त वसा | 1.78 ग्राम | |||
कार्ब्स | 4.57 ग्राम (चीनी 1.34 ग्राम + फाइबर 2.4 ग्राम) | |||
पोटेशियम | 200 मिलीग्राम | |||
फास्फोरस | 107 मिलीग्राम | |||
मैग्नीशियम | 48 मिलीग्राम | |||
कैल्शियम | 26 मिलीग्राम | |||
सोडियम | 5 मिलीग्राम | |||
लोहा | 1.3 मिलीग्राम | |||
जिंक | 0.93 मिलीग्राम |
इसके अलावा, मूंगफली में विटामिन बी (नियासिन और फोलेट) और विटामिन ई मौजूद होते हैं।
पीनट बटर, मूंगफली का एक स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ है जो 2 प्रकार के असंतृप्त वसा से बना होता है:
मोनोअनसैचुरेटेड वसा: एडीए के अनुसार, मोनोअनसैचुरेटेड वसा कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। और जब एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर होता है, तो हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
बहुअसंतृप्त वसा: ये वसा शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में सहायता कर सकते हैं। इसके अलावा, पीनट बटर अपने आप में कोलेस्ट्रॉल से पूरी तरह मुक्त होता है।
ये सभी पोषक तत्व कुल मिलाकर हृदय और हृदय रोगों, सूजन या इंफलेमेशन, कोलेस्ट्रॉल के स्तर और उच्च रक्तचाप के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं। ये सभी मधुमेह या डायबिटीज़ के कारण हो सकते हैं।
मधुमेह रोगियों के लिए मूंगफली के फ़ायदे
क्या शुगर रोगियों के लिए मूंगफली नुकसानदायक है? मूंगफली के साथ-साथ पीनट बटर को मधुमेह आहार या डाइबीटिक डाइट में शामिल करना फायदेमंद साबित होता है, खासकर टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों के लिए। मूंगफली अन्य मेवों (ड्राई फ्रूट्स) की तुलना में सस्ती होती है, उदाहरण के लिए अखरोट व बादाम। इसलिए मूंगफली कम खर्चे में भी आपको भरपूर पोषण प्रदान करती है।
मूंगफली ब्लड ग्लूकोज़ को कंट्रोल करती है
अपने शुगर लेवल्स को नियंत्रित रखने के लिए एक शुगर रोगी को हमेशा अपने खाने के ग्लाइसेमिक इंडेक्स व लोड पर ध्यान देना चाहिए। ग्लाइसेमिक इंडेक्स इस बात पर निर्भर करता है कि शरीर कितनी तेजी से कार्ब्स को ग्लूकोज़ या ब्लड शुगर में बदलता है। मूँगफली का जीआई स्कोर 14 है, जो कम जीआई भोजन की रैंकिंग में आता है।
विभिन्न शोध अध्ययनों के अनुसार, मधुमेह रोगियों द्वारा सुबह मूंगफली या पीनट बटर का सेवन करने से पूरे दिन रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में काफी मदद मिलती है। इसके अलावा एक हाई जीआई खाने के साथ मूंगफली को शामिल करने पर इंसुलिन स्पाइक को कम करने में मदद मिलती है। डाइबीटिक लोगों के लिए मूंगफली के अच्छे होने का एक कारण यह भी है कि इसमें भारी मात्रा में मैग्नीशियम मौजूद होता है। मूँगफली की एक सर्विंग (लगभग 28 मूँगफली) में मैग्नीशियम की दैनिक ज़रूरत का 12% होता है। साथ ही, मैग्नीशियम एक बेहतरीन मिनरल है जो रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में सहायता करता है।
मूंगफली हृदय संबंधी समस्याओं के जोखिम को कम करती है
क्या मूंगफली ब्लड प्रेशर कम कर सकती है? अध्ययनों से पता चला है कि मूंगफली खाने से हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है, जो मधुमेह के साथ होने वाली एक आम जटिलता या स्वास्थ्य समस्या है। इस प्रकार, किसी भी आहार में नट्स शामिल करने से उच्च रक्तचाप के रोगियों को मदद मिलती है क्योंकि वे उच्च रक्तचाप को कम करने में बहुत अच्छा काम करते हैं। इसलिए मूंगफली ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए अच्छी होती है।
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मूंगफली वज़न नियंत्रण में सहायक है
मूंगफली में अच्छी मात्रा में फाइबर होता है जो एक व्यक्ति को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है जिससे उन्हें भूख कम लगती है। यह एक स्वस्थ वज़न बनाए रखने में मदद करता है और बेहतर रक्त शर्करा नियंत्रण की दिशा में काम करता है।
मूंगफली भी वसा और कैलोरी से भरपूर होती है, लेकिन अध्ययनों के अनुसार, मॉडरेशन में, वे वजन प्रबंधन या वैट मेनेजमेंट और बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) में सहायता कर सकती हैं। जिन मधुमेह रोगियों ने अपने भोजन में मूंगफली को शामिल किया था, उनमें पोषक तत्वों की संख्या में सुधार देखा गया था। इसके अलावा, इन लोगों ने बेहतर वैट कंट्रोल का अनुभव किया।
कुल मिलाकर मूंगफली मधुमेह या डायबिटीज़ के खतरे को कम करती है
माना जाता है कि मूंगफली या पीनट बटर का सेवन टाइप 2 डायबिटीज़ के विकास के रिस्क को कम करता है। मूंगफली में असंतृप्त वसा और अन्य पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं जो शरीर को इंसुलिन उत्पादन को नियंत्रित करने की क्षमता में सहायता करते हैं।
क्या मूँगफली खाना मधुमेह रोगियों के लिए जोखिम भरा है?
टाइप 2 डायबिटीज़ मेनेजमेंट के अतिरिक्त मूंगफली खाने के कुछ रिस्क हो सकते हैं जिनके प्रति सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। इसलिए मूंगफली को अपनी डाइट में शामिल करते समय ऐसी कुछ निम्नलिखित बातों का ध्यान ज़रूर रखें।
हाइपरसेंसिटिव रिएक्शन: मूंगफली का बड़ा रिस्क यह है कि वे कुछ व्यक्तियों में गंभीर एलर्जी रिएक्शन ला सकते हैं। इसलिए इसके सेवन के साथ ही एलर्जी के संकेतों की पहचान करना और तत्काल चिकित्सा सहायता प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।
ओमेगा 6 फैटी एसिड: मूंगफली अन्य नट्स की तुलना में अधिक ओमेगा -6 फैटी एसिड से बनी होती है। और अत्यधिक मात्रा में ओमेगा -6 सूजन में वृद्धि कर सकता है, जो मधुमेह के लक्षण और मोटापे के जोखिम को बढ़ा सकता है। इस प्रकार, आहार में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 वसा के बीच एक अच्छा संतुलन बनाए रखना बेहद ज़रूरी है।
कैलोरी: मूंगफली टाइप 2 डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। साथ ही इसमें उच्च मात्रा में कैलोरी भी होती है। इस प्रकार, इनका सेवन संयम से किया जाना चाहिए। डेढ़ कप कच्ची मूंगफली में 400 से अधिक कैलोरी होती है। कैलोरी की खपत कम करने के लिए, मूंगफली को रिफाइंड अनाज उत्पादों में शामिल करने के बजाय खाने की कोशिश करें।
चीनी और नमक: मूंगफली के उत्पादों में अतिरिक्त नमक और चीनी शामिल होती है, जिसे किसी भी डायबिटिक व्यक्ति को सीमित मात्रा में लेने की सलाह दी जाती है। पीनट बटर में मुख्य रूप से अतिरिक्त वसा, तेल और चीनी होती है।
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मूंगफली का सेवन कैसे करें?
मूंगफली को बिना चीनी और नमक मिलाए, अपने शुद्धतम रूप में सेवन करना चाहिए। अध्ययनों में पाया गया है कि नाश्ते में पीनट बटर के सेवन से भूख कम होने के साथ उनके रक्त शर्करा के स्तर को पूरे दिन नियंत्रित रखा जा सकता है।
मूंगफली के अन्य विकल्प
यदि किसी व्यक्ति को मूँगफली से एलर्जी है तो वह समान लाभ के साथ अन्य विकल्प का उपयोग कर सकते हैं:
अन्य मेवे: बादाम या अखरोट सहित ट्री नट्स में मूंगफली के समान पोषक तत्व होते हैं। ये टाइप 2 डायबिटीज के प्रबंधन में भी फायदेमंद हैं।
बीज: बीज, उदाहरण के लिए, सूरजमुखी के बीज के मक्खन पर विचार किया जा सकता है क्योंकि वे प्रोटीन का एक बड़ा स्रोत हैं और इसमें मूंगफली के मक्खन या पीनट बटर की तुलना में दो गुना अधिक मैग्नीशियम होता है।
क्या पीनट बटर मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा है?
जो लोग अपने नाश्ते में पीनट बटर के शौकीन हैं, वह कोशिश करें की बिना नमक व चीनी का घर का बना पीनट बटर ही उपयोग में लें। इससे आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगेगी।
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पीनट बटर व डायबिटीज़ (मूंगफली का मक्खन और मधुमेह)
क्या पीनट बटर ब्लड शुगर लेवल्स को कम करता है?
पीनट बटर उच्च कार्ब या उच्च-जीएल खाद्य पदार्थों के साथ खाए जाने पर उन खाद्य पदार्थों के कारण होने वाले शुगर स्पाइक को कम करने में मदद करता है। हालांकि मूंगफली से बने सभी खाद्य पदार्थ डायबिटिक लोगों के लिए फ़ायदेमंद नहीं होते। पीनट कैंडी में अधिक चीनी होती है, जबकि पीनट बटर में अतिरिक्त नमक, चीनी और तेल शामिल हो सकते हैं जो शुगर लेवल्स को बढ़ा सकते हैं। अतिरिक्त वसा आमतौर पर संतृप्त वसा या ट्रांस वसा होते हैं, जो इंफलेमेशन बढ़ाने के साथ-साथ हृदय के लिए भी कम फायदेमंद होते हैं।
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सारांश
आजकल बहुत से लोग टाइप 2 डायबिटीज़ से पीड़ित हैं, जिसकी वजह से किडनी प्रॉब्लम, हृदय संबंधी बीमारियाँ या अंधापन जैसी जटिलताएं हो सकती हैं। इसलिए डाइबीटिक डाइट इस बीमारी के प्रबंधन और रोकथाम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कई रीसर्च के अनुसार मूंगफली और मूंगफली से बने उत्पादों को आहार में शामिल करने के कई लाभ होते है। मूंगफली का रक्त शर्करा के स्तर, हृदय स्वास्थ्य और स्वस्थ वजन को बनाए रखने पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए चिप्स जैसे अनहेल्दी खाने के बजाय मूंगफली को स्नैक्स के रूप में खाना एक स्वस्थ विकल्प है।
प्रत्येक दिन आहार में मुट्ठी भर मूंगफली शामिल की जा सकती है और यह भोजन के बीच रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखते हुए और सभी महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्राप्त करते हुए भूख को नियंत्रित करने का एक शानदार तरीका है। दूसरी ओर, मूंगफली में भी उच्च कैलोरी होती है, और कुछ ब्रांड में तेल और अतिरिक्त कार्ब शामिल हो सकते हैं। प्रसंस्कृत या processed मूंगफली में उच्च मात्रा में नमक, चीनी, वसा और अन्य कम्पाउन्ड शामिल हो सकते हैं। नतीजतन, लोगों को खाने से पहले किसी भी प्रीमेड मूंगफली स्नैक्स के पोषण संबंधी लेबल की जांच करनी चाहिए, और अपने आहार ट्रैकिंग में कार्ब्स और कैलोरी को शामिल करना चाहिए।
FAQs:
क्या मधुमेह रोगियों के लिए रोजाना नट्स खाना सुरक्षित है?
अध्ययन बताते हैं कि सप्ताह में पांच बार बादाम, या काजू जैसे मेवों का सेवन हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में काफी मदद करता है।
शुगर रोगी एक दिन में कितनी मूंगफली खा सकता है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि मधुमेह रोगी फाइबर युक्त आहार का सेवन करें, क्योंकि फाइबर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है, और लंबे समय तक भूख शांत रखता है। साथ ही, फाइबर ग्लूकोज के अवशोषण को कम करने में मदद करता है। एडीए का सुझाव है कि महिलाएं हर दिन लगभग 25 ग्राम और पुरुष 38 ग्राम मूंगफली का सेवन करें।
मुझे मूंगफली कब खानी चाहिए?
अक्सर मूंगफली को शाम के नाश्ते के रूप में लिया जाता है। साथ ही, इन्हें चाट, प्रोटीन बार या लड्डू में भी डाला जा सकता है। मूंगफली खाने का आदर्श समय सुबह, दिन या देर दोपहर हो सकता है।
अगर मैं बहुत अधिक मूंगफली खाऊं तो क्या होगा?
चूंकि मूंगफली कैलोरी से भरपूर होती है, संतुलित आहार के हिस्से के रूप में संयमित मात्रा में इनका सेवन करना बुद्धिमानी है। बहुत अधिक कैलोरी वज़न बढ़ने का कारण बन सकती है।
मधुमेह रोगी कितना पीनट बटर खा सकते हैं?
एक शोध के अनुसार सफेद ब्रेड और सेब के जूस के साथ 2 बड़े चम्मच पीनट बटर लिया जा सकता है। इससे उन लोगों की तुलना में ग्लूकोज स्पाइक्स में काफी गिरावट आई, जो केवल ब्रेड और जूस ले रहे थे।
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