शुगर की यूनानी दवाएं और इन्हें इस्तेमाल करने का सही तरीका!  

डायबिटीज या शुगर तेजी से फैल रही बीमारी है। इसे कंट्रोल रखना हर मरीज के लिए जरूरी है क्योंकि इसका कोई पर्मानेंट इलाज नहीं होता। शुगर को वैसे तो लाइफस्टाइल में सुधार करके, एक्सरसाइज और सही डाइट लेकर कंट्रोल किया जा सकता है। लेकिन कई बार शुगर कंट्रोल के लिए दवाएं लेनी पड़ती हैं। ऐसे में कुछ लोग प्राकृतिक दवाओं के इस्तेमाल की इच्छा रखते हैं। यूनानी दवाएं भी इसी तरह की प्राकृतिक दवा हैं। आज हम आपको बताएंगे यूनानी दवाएं शुगर को कैसे कंट्रोल करती हैं, इन्हें कैसे लेना चाहिए और क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।

यूनानी चिकित्सा या यूनानी दवा क्या है? – What is Unani or Yunani Dawa

यूनानी चिकित्सा, जिसे यूनानी दवा के नाम से भी जाना जाता है, एक पारंपरिक चिकित्सा पद्धति है जिसकी शुरुआत प्राचीन ग्रीस में हुई थी, लेकिन बाद में इसे फारसी और अरब डॉक्टरों ने अपनाया और विकसित किया। यह चिकित्सा प्राचीन यूनान के डॉक्टर हिप्पोक्रेट्स और प्रसिद्ध फारसी डॉक्टर इब्न सिना के सिद्धांतों पर आधारित है। इसमें शरीर में चार चीजों का संतुलन बनाए रखना ज़रूरी माना जाता है – कफ, खून, पीली पित्त, और काली पित्त। माना जाता है कि इनका संतुलन बना रहने से ही इंसान स्वस्थ रहता है।

यूनानी दवाइयां पेड़-पौधों, धातुओं, और जानवरों से बनी होती हैं।  “यूनानी” शब्द ग्रीक शब्द “आयनियन” से आया है, जो प्राचीन यूनान के शहर आयनिया को बताता है, जहां पहली बार चिकित्सा प्रणाली विकसित की गई थी। यूनानी चिकित्सा के कुछ मुख्य सिद्धांत हैं-

  • प्रकृति (Tabiyat): शरीर में खुद को ठीक करने की शक्ति होती है, लेकिन जब ये संतुलन बिगड़ता है तो बीमारी हो जाती है।
  • स्वभाव (Mizaj): हर व्यक्ति का स्वभाव अलग होता है, जिससे उन्हें कुछ बीमारियां ज़्यादा हो सकती हैं और कुछ कम।
  • दोष (Akhlat): चार चीजों के संतुलन (खून, कफ, पीली पित्त, काली पित्त) से शरीर स्वस्थ रहता है।
  • तत्व (Arkan): शरीर चार तत्वों से बना है – धरती, पानी, हवा, आग। इनका सही तालमेल स्वास्थ्य बनाए रखता है।

यूनानी चिकित्सा में बीमारी का पता लगाने और इलाज करने के लिए पूरे शरीर को ध्यान में रखा जाता है। सिर्फ शारीरिक लक्षण ही नहीं, बल्कि भावनात्मक, मानसिक और आध्यात्मिक पहलुओं को भी देखा जाता है। इलाज के तरीकों में शामिल हैं-

  • खाने-पीने से इलाज (Ilaj bil Ghiza): खाने में बदलाव और पोषण वाले खाने से खून, कफ, पित्त का संतुलन बनाए रखा जाता है।
  • दवाओं से इलाज (Ilaj bil Dawa): पौधों, खनिजों और जानवरों से बनी दवाइयां इस्तेमाल की जाती हैं।
  • अन्य तरीके (Ilaj bil Tadbeer): मालिश, कपिंग, व्यायाम और पानी से इलाज जैसे तरीकों से शरीर को साफ किया जाता है और बीमारी को ठीक किया जाता है।
  • ऑपरेशन (Ilaj bil Yad): ज़रूरत पड़ने पर ही ऑपरेशन किया जाता है।

यूनानी दवा का इस्तेमाल दुनिया के कई हिस्सों में होता है, खासकर दक्षिण एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में। जो लोग प्राकृतिक तरीके से स्वस्थ रहना चाहते हैं, उनके लिए ये लोकप्रिय है। इसके सिद्धांतों को दुनियाभर में कई स्वास्थ्य प्रणालियों में अपनाया जाता है।

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यूनानी तरीके से शुगर का इलाज

यूनानी तरीके से शुगर का इलाज

यूनानी दवाओं में डायबिटीज के इलाज की बात करें तो ये दवाएं शुगर कंट्रोल करने में मदद करती हैं। ये कैसे काम करती हैं, इसे समझते हैं-

ब्लड शुगर कंट्रोल: 

यूनानी दवाओं में प्राकृतिक तत्व होते हैं जो अपने हाइपोग्लाइसेमिक गुणों के लिए जाने जाते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, करेला (मोमोर्डिका चरंतिया), मेथी (ट्रिगोनेला फोएनुम-ग्रेकम) और दालचीनी (सिनामोमम वेरम) जैसी जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल आमतौर पर यूनानी फॉर्मूलेशन में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है।

इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार: 

माना जाता है कि कुछ यूनानी दवाएं इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाती हैं, जिससे शरीर ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए इंसुलिन का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग कर पाता है। जिम्नेमा सिल्वेस्ट्रे जैसे तत्व, जिन्हें यूनानी चिकित्सा में “गुरमार” के नाम से जाना जाता है, इंसुलिन क्रिया में सुधार करने और कोशिकाओं द्वारा ग्लूकोज के एबसोर्बशन को बढ़ावा देने के लिए माना जाता है।

पैंक्रियाज़ ठीक रखना: 

यूनानी फॉर्मूलेशन में ऐसी जड़ी-बूटियां और खनिज हो सकते हैं जो पैंक्रियाज़ के स्वास्थ्य को ठीक रखते हैं। चूंकि शुगर अक्सर पैंक्रियाज़ द्वारा इंसुलिन बनाने में कमी से जुड़ा होता है, यूनानी दवाएं सही इंसुलिन लेवल बनाए रखने के लिए पैंक्रियाज़ को संरक्षित और उत्तेजित करती हैं।

शुगर से संबंधित जटिलताओं से बचाना: 

यूनानी दवाएं शुगर से जुड़े लक्षणों और जटिलताओं को कम करने में भी मदद कर सकती हैं, जैसे डायबिटीज संबंधी न्यूरोपैथी (तंत्रिका क्षति), मधुमेह संबंधी नेफ्रोपैथी (गुर्दे की क्षति), और शुगर संबंधी रेटिनोपैथी (आंखों की क्षति)। इन जटिलताओं को कम करने के लिए अक्सर यूनानी फॉर्मूलेशन में एंटीऑक्सिडेंट और नेफ्रोप्रोटेक्टिव गुणों वाले तत्व शामिल होते हैं।

स्वास्थ्य सुधारना: 

यूनानी दवा सिर्फ बीमारी के लक्षणों को ही नहीं मिटाती बल्कि पूरे शरीर को स्वस्थ बनाती है। इससे डायबिटीज़ और उसकी जटिलताओं का खतरा कम होता है।

यूनानी दवाओं का इस्तेमाल हमेशा किसी योग्य यूनानी डॉक्टर की सलाह से ही करें। डायबिटीज़ के मरीज़ों को दवा, खानपान, व्यायाम और ब्लड शुगर चेक करना ज़रूरी है। यूनानी दवाएं इन चीज़ों के साथ सहायक के रूप में ली जा सकती हैं।

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डायबिटीज या शुगर की यूनानी दवाएं (Diabetes ki Unani Dawa)

डायबिटीज या शुगर की यूनानी दवाएं (Diabetes ki Unani Dawa)

यूनानी दवाइयां डायबिटीज़ को ठीक करने में कई तरह से मदद करती हैं। ये शरीर के संतुलन को ठीक करके पूरे शरीर को स्वस्थ बनाती हैं। हर व्यक्ति के लिए अलग दवाइयां हो सकती हैं, लेकिन कुछ आम दवाइयां हैं जो अक्सर इस्तेमाल होती हैं-

  1. करेला: करेला एक ऐसा औषधीय पौधा है जिसका इस्तेमाल यूनानी दवा में डायबिटीज़ के इलाज के लिए किया जाता है। इसमें ऐसे तत्व होते हैं जो इंसुलिन बनाने में मदद करते हैं, इंसुलिन को सही से इस्तेमाल करने में सुधार करते हैं, और आंतों में शुगर एबजॉर्ब्शन कम करते हैं, जिससे ब्लड शुगर का लेवल कंट्रोल रहता है।
  2. नीम: यूनानी दवा में नीम की पत्तियां और बीज डायबिटीज़ कम करने के लिए जाने जाते हैं। ये इंसुलिन बनाने में मदद करके, इंसुलिन का असर बढ़ाकर, और शरीर को शुगर इस्तेमाल करने में सुधार करके ब्लड शुगर का लेवल कम करते हैं।
  3. जामुन: जामुन में ऐसे तत्व होते हैं जो ब्लड शुगर कम करने में मदद करते हैं। ये पैंक्रियाज़ में इंसुलिन बनाने में मदद करते हैं और शरीर के शुगर इस्तेमाल करने में सुधार करते हैं।
  4. मेथी: मेथी के बीज ब्लड शुगर कम करने और इंसुलिन को सही से काम करने में मदद करते हैं। इनमें घुलनशील रेशा और ऐसे तत्व होते हैं जो कार्बोहाइड्रेट सोखने को धीमा करते हैं और शुगर को इस्तेमाल करने में सुधार करते हैं।
  5. गुरमार: गुरमार को हिंदी में “शुगर नाशक” कहा जाता है, ये डायबिटीज़ कम करने के लिए जाना जाता है। ये आंतों में शुगर सोखने को रोककर, इंसुलिन बनाने में मदद करने के साथ पैंक्रियाज़ को ठीक से काम करने में मदद करके ब्लड शुगर का स्तर कम करता है।
  6. दालचीनी: दालचीनी भी एक ऐसी जड़ी बूटी है जिसका इस्तेमाल यूनानी दवा में डायबिटीज़ के इलाज के लिए किया जाता है। इसमें ऐसे तत्व होते हैं जो इंसुलिन को सही से काम करने में सुधार करते हैं, सुबह के खाली पेट ब्लड शुगर को कम करते हैं, और खाना खाने के बाद अचानक बढ़ने वाले ब्लड शुगर को कम करते हैं।
  7. हल्दी: हल्दी में पाया जाने वाला कर्क्यूमिन सूजन कम करने और एंटीऑक्सिडेंट का काम करता है। ये डायबिटीज़ से होने वाली परेशानियों को कम कर सकता है। ये ब्लड शुगर कम करता है, इंसुलिन को सही से काम करने में सुधार करता है, और पैंक्रियाज़ की बीटा कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है।
  8. आंवला: आंवला में विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो पैंक्रियाज़ को ठीक से काम करने में मदद करते हैं, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं, और डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों में ब्लड शुगर का स्तर कम करते हैं।

इन यूनानी दवाओं को अकेले या दूसरी दवाओं के साथ, खाने में बदलाव करके, और जीवनशैली में बदलाव करके इस्तेमाल किया जा सकता है ताकि डायबिटीज़ और उसके कारण होने वाली परेशानियों को प्रभावी ढंग से कंट्रोल किया जा सके। हालाँकि, कोई भी हर्बल उपचार शुरू करने से पहले किसी एक्सपर्ट यूनानी डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।

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शुगर की यूनानी दवाएं लेते समय क्या सावधानियां बरतें?

शुगर में यूनानी दवाइयों के फायदे हो सकते हैं, लेकिन इनका सुरक्षित और प्रभावी इस्तेमाल करने के लिए कुछ सावधानियां बरतना और कुछ दिशानिर्देशों का पालन करना ज़रूरी है। यहां कुछ सावधानियां बताई गई हैं जिन्हें डायबिटीज़ के लिए यूनानी दवाइयां लेते समय ध्यान रखना चाहिए-

  1. डॉक्टर से सलाह ज़रूरी: डायबिटीज़ के लिए कोई भी यूनानी इलाज शुरू करने से पहले, किसी एक्सपर्ट यूनानी डॉक्टर से सलाह ज़रूरी है। वो आपके स्वास्थ्य, मेडिकल हिस्ट्री, और ज़रूरतों को समझकर आपके लिए सबसे उपयुक्त हर्बल दवाएं और उनकी खुराक बता सकते हैं।
  2. सही पता होना ज़रूरी: इलाज शुरू करने से पहले सुनिश्चित करें कि आपको वाकई में डायबिटीज़ है। बिना डॉक्टर की पुष्टि के इलाज करना खतरनाक हो सकता है। गलत दवाओं या खुद से दवाएं लेने से गलत इलाज हो सकता है और परेशानियां और बढ़ सकती हैं।
  3. दवाओं की क्वालिटी: हमेशा भरोसेमंद जगह से ही यूनानी दवाएँ लें। नकली या मिलावटी दवाओं से बचें, जिनमें हानिकारक तत्व हो सकते हैं।
  4. खुराक और तरीका: डॉक्टर या दवा के लेबल पर बताई गई खुराक और तरीके का ही पालन करें। ज़्यादा दवा लेने से नुकसान हो सकता है। बताई गई खुराक न मानने से गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
  5. शुगर लेवल चेक करें: डायबिटीज़ के लिए यूनानी दवाइयां लेते समय नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर लेवल की निगरानी करें। अपने लक्षणों में किसी भी बदलाव को ट्रैक करें और उनके बारे में अपने डॉक्टर को बताएं।
  6. दूसरी दवाओं से सावधानी: यूनानी हर्बल दवाओं और आप जो अन्य डायबिटीज़ की दवाइयां या अन्य दवाएं ले रहे हैं, उनके बीच संभावित इंटरैक्शन के बारे में जागरूक रहें। अपने डॉक्टर को उन सभी दवाओं, सप्लीमेंट्स और हर्बल उत्पादों के बारे में बताएं जो आप इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि साइड इफेक्ट्ससे बचा जा सके।
  7. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएँ: गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को खास सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि इन स्थितियों में यूनानी दवाओं के बारे में पूरी जानकारी नहीं हो सकती है। गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान कोई भी हर्बल इलाज शुरू करने से पहले डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें।
  8. एलर्जी का ध्यान रखें: दवा इस्तेमाल करते समय अगर आपको कुछ परेशानी हो, जैसे खुजली, सूजन या सांस लेने में तकलीफ, तो दवा लेना बंद कर दें और डॉक्टर से मिलें।
  9. धैर्य रखें: हर्बल इलाज को अपना असर दिखाने में समय लग सकता है, इसलिए अपने यूनानी इलाज के साथ धैर्य रखें और निरंतर रहें। बताए गए तरीकों का पालन करें और अपनी स्थिति में किसी भी चिंता या बदलाव के बारे में अपने डॉक्टर को बताएं।

इन सावधानियों को मानकर और सही डॉक्टर की देखरेख में, आप यूनानी दवाओं का इस्तेमाल करके अपने डायबिटीज़ को कंट्रोल कर सकते हैं और अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।

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निष्कर्ष

यूनानी दवा का इस्तेमाल दुनियाभर में होता है। प्राकृतिक तरीके से स्वस्थ रहने की इच्छा वाले लोगों के लिए ये लोकप्रिय है। इसके सिद्धांतों को दुनियाभर में कई स्वास्थ्य प्रणालियों में अपनाया जाता है। यूनानी दवाओं को अकेले या दूसरी दवाओं के साथ लेने से डायबिटीज़ और उसके कारण होने वाली परेशानियों को प्रभावी ढंग से कंट्रोल किया जा सकता है। लेकिन जैसा हमने ऊपर बताया कि कोई भी हर्बल उपचार शुरू करने से पहले किसी एक्सपर्ट यूनानी डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है, नहीं तो इसके साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। हालांकि शुगर मरीजों के लिए लगातार अपनी सेहत पर ध्यान देना जरूरी है।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

यूनानी दवा क्या है?

यूनानी दवा एक पुराना इलाज का तरीका है, जो ग्रीस में शुरू हुआ और बाद में अरब और ईरानी डॉक्टरों ने इसे और बेहतर बनाया। ये शरीर में मौजूद चार तरल पदार्थों (खून, कफ, पीली पित्त, काली पित्त) के संतुलन पर ज़ोर देती है, जिससे बीमारियों से बचा जा सकता है।

यूनानी दवाएं डायबिटीज़ में कैसे काम करती है?

यूनानी दवाएं ब्लड में शुगर लेवल कम करने, इंसुलिन को सही से काम करने में मदद करने और शरीर के असंतुलन को दूर करने पर ध्यान देती हैं। इनमें आमतौर पर जड़ी-बूटियाँ, खाने में बदलाव और जीवनशैली में बदलाव शामिल होते हैं। सही डॉक्टर की देखरेख में यूनानी दवाएं डायबिटीज़ के लिए सुरक्षित और असरदार हो सकती हैं। लेकिन दवाओं की क्वालिटी का ध्यान रखें, डॉक्टर की बताई खुराक लें और शुगर लेवल चेक कराते रहें।

यूनानी दवाओं में कौन सी जड़ी-बूटियां इस्तेमाल होती हैं?

करेला, मेथी दाना, दालचीनी, आंवला, गुरमार और नीम जैसी जड़ी-बूटियाँ यूनानी में डायबिटीज़ के लिए इस्तेमाल होती हैं। यूनानी दवाएं डॉक्टर की दी हुई अन्य दवाओं के साथ ली जा सकती हैं, लेकिन उन्हें पूरी तरह से बदल नहीं सकतीं। डॉक्टर से सलाह लेकर ही इलाज करें। ये कभी भी दवाओं का विकल्प नहीं है।

क्या इनके कोई साइड इफेक्ट्स हैं?

यूनानी दवाओं के साइड इफेक्ट्स किसी को भी हो सकते हैं, खासकर अगर ज़्यादा मात्रा में या गलत तरीके से ली जाएं। पेट में गड़बड़ी, एलर्जी या दूसरी दवाओं से क्रिया जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इसलिए डॉक्टर से सलाह ज़रूरी है। वहीं हर व्यक्ति अलग होता है, इसलिए असर दिखने में भी समय लग सकता है। कुछ को जल्दी, तो कुछ को थोड़ा ज़्यादा समय लग सकता है। धैर्य रखें और डॉक्टर की सलाह मानें।

क्या ये डायबिटीज़ की परेशानियों को कम कर सकती हैं?

ब्लड शुगर कंट्रोल में रखने से दिल, किडनी और नसों की समस्याओं का खतरा कम हो सकता है। लेकिन नियमित जांच और डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है। इससे जुड़ी सावधानियों को मानकर और सही डॉक्टर की देखरेख में, आप यूनानी दवाओं का इस्तेमाल करके अपने डायबिटीज़ को कंट्रोल कर सकते हैं और अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।

Last Updated on by Dr. Damanjit Duggal 

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