Last updated on मार्च 1st, 2023
यह माना जाता है कि डाईबिटीज़ में फल खाने से शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है और यह डाइबीटिक लोगों के लिए सही नहीं है। यह केवल एक मिथक है। हर फल शरीर में शुगर लेवल्स को नहीं बढ़ाता। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (एडीए) के अनुसार कई फल विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और प्लांट कम्पाउन्ड फायटोकेमिकल्स से भरपूर होते है जो शरीर में रक्त शर्करा को नियंत्रित रखते हैं। साथ ही यह डाईबिटीज़ से जुड़ी कई अन्य स्वास्थ्य जोखिमों को भी कम करते है। फायटोकेमिकल्स कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं जैसे हृदय रोग, कैंसर व स्ट्रोक के रिस्क को कम करते हैं जिन्हे डाईबिटीज़ से जुड़ा माना जाता है।
फल फाइबर से भरपूर होते हैं। फाइबर मधुमेह रोगियों में शरीर में ग्लूकोस के अवशोषण को धीमा करता है जिससे शरीर में शुगर धीरे-धीरे रिलीज़ होती है। साथ ही फाइबर आपको कम खाने में ही तृप्त कर देता है जिससे आपको बार-बार भूख नहीं लगती। कम खाने से आपका वज़न नियंत्रित रहता है जो शुगर कंट्रोल के लिए बेहद ज़रूरी है।
तो, क्या आप जानते हैं कि मधुमेह के लिए सबसे अच्छे फल कौन से हैं? जहां कुछ फल आपके मधुमेह के लिए अच्छे नहीं है, वहीं ऐसे कई फल है जो आपके HbA1C को नियंत्रित रखने के साथ-साथ शुगर लेवल को बढ़ने से रोकने में कारगर होते हैं। ऐसे कुछ फल हैं जामुन, खट्टे फल, खुबानी, और सेब आदि। यह फल आपके ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने के साथ-साथ इनफ्लेमेशन को कम करते है।
हालांकि फलों में कार्बोहाइड्रेट और फ्रुक्टोज नामक प्राकृतिक शर्करा का एक रूप होता है, जो आपके रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है। लेकिन फ़िर भी फलों में मौजूद पोषक तत्वों की वजह से इसे अपनी डाइट में शामिल करना बहुत ज़रूरी है।
बस ध्यान रखें की फलों को अपने लिए आवश्यक कार्बोहाइड्रेट की मात्रा, समय व लाइफस्टाइल के अनुसार अपने आहार या डाइट में शामिल करें। इसके लिए आप किसी डाइटीशियन या एक्सपर्ट की मदद ले सकते हैं।
शुगर मरीजों के लिए फलों के सेवन का तरीका – Best Ways to Consume Fruits in Diabetes:
फलों को कैसे, कितना और किस समय खाएं, ऐसी कई बातों को ध्यान में रख कर आप डाईबिटीज़ में भी फलों का आनंद ले सकते हैं। छोटे-छोटे कदम आपके ब्लड शुगर लेवल में बड़ा बदलाव ला सकते हैं इसलिए:
- आप कितने फल खा रहें हैं उस पर ध्यान दें। यदि आप इन्हें ड्राई फ्रूट के साथ खा रहें हो तो याद रखें दो बड़े चम्मच किशमिश में एक छोटे सेब के बराबर कार्ब्स होते हैं इसलिए फलों की मात्रा या उसके पोर्शन का ध्यान रखें।
- हमेशा ताजे या फ्रोज़न फल चुनें।
- प्रॉसेसस्ड फल जैसे सेब की चटनी, सिरप या जूस, डिब्बाबंद फल अक्सर अधिक कार्ब्स वाले होते हैं और आपके रक्त शर्करा को ताजे फलों की तुलना में अधिक बढ़ा सकते हैं।
- जब आप ड्राइड या प्रॉसेसस्ड फल खाते हैं, तो शुगर लेवल की जांच अवश्य करें कि इसमें अतिरिक्त चीनी तो नहीं।
- फलों के रस को न पियें। इसमें अधिक कार्ब्स व कम फाइबर होता है जो शुगर स्पाइक कर देता है। फलों के रस से टाइप 2 डाईबिटीज़ से जुड़े रिस्क बढ़ जाते है।
- फलों को पूरे दिन के खाने में विभाजित करें। एक बार नाश्ते में और दूसरा दोपहर के भोजन में स्नैक्स की तरह लें।
शुगर पेशेंट्स के लिए बेस्ट फल – Best Fruits for Diabetes Patients
फाइबरयुक्त खाने से शरीर में ग्लूकोस के अवशोषण को धीमा किया जा सकता है। इससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहती है। कई फलों में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, खासकर जो फल छिलका या गूदा के साथ खाए जाते हैं। साथ ही ज़्यादा फाइबर व पानी से भरपूर फल आपकी भूख को जल्दी शांत करके आपके वज़न को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। मोटापे के कम होंए से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हाई कोलेस्ट्रॉल व हाई ब्लड प्रेशर को कम किया जा सकता है।
मधुमेह वाले व्यक्ति को कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) वाले फलों को खाना चाहिए जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल रहे।
जीआई 1 से 100 के पैमाने पर खाद्य पदार्थों की रेटिंग है। इसका हाई स्कोर इंगित करता है कि भोजन कितनी जल्दी रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है। उदाहरण के लिए, शरीर मध्यम या निम्न जीआई खाद्य पदार्थों की तुलना में उच्च जीआई खाद्य पदार्थों को तेजी से अवशोषित करता है जिससे शुगर लेवल बढ़ जाते हैं।
कम जीआई स्कोर वाले फल रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए बेहतर होते हैं।
आइए जानें मधुमेह या डाईबिटीज़ के लिए अच्छे फलों के बारे में:
1. बेरीज़ – Berries
ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, या किसी अन्य प्रकार के बेरी डाईबिटीज़ वाले लोगों के लिए सबसे बेहतर विकल्प है। अमेरिकन डाईबिटीज़ एसोसिएशन (एडीए) के अनुसार, जामुन एक मधुमेह सुपरफूड हैं क्योंकि यह एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर से भरपूर होते हैं। अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) के अनुसार, एक कप ताजा ब्लूबेरी में 84 कैलोरी और 21 ग्राम (जी) कार्बोहाइड्रेट होता हैं। फाइबर व एंटीऑक्सीडेंट्स आपके ब्लड शुगर लेवल को तो नियंत्री रखते ही हैं साथ ही कई गंभीर बीमारियों के रिस्क को भी कम करते हैं। नॉन-फैट दही के साथ इस स्वादिष्ट खाने को आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
बेरी की न्यूट्रिशनल वैल्यू (प्रति सरविंग):
बेरीज़ में मौजूद पोषण | ||||
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पोषक तत्त्व | मात्रा | |||
कैलोरी | 85 kcal | |||
फैट | 0.5 ग्राम (0 ग्राम संतृप्त) | |||
कार्ब्स | 21 ग्राम | |||
चीनी | 15 ग्राम | |||
सोडीयम | 1 मिलीग्राम | |||
फाइबर | 3.6 ग्राम | |||
प्रोटीन | 1.1 ग्राम | |||
ग्लिसेमिक इंडेक्स | 40 से कम (लो जीआई स्कोर) | |||
ग्लिसेमिक लोड | 3 |
2. चेरी – Cherry
चेरी में कई एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो इनफ्लेमेशन को कम करते हैं। यह एंटीऑक्सिडेंट हृदय रोग, कैंसर और अन्य बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकते है। यह कम जीआई फूड खाने के बाद भी शुगर लेवल्स को नहीं बढ़ाते।
चेरी की न्यूट्रिशनल वैल्यू (प्रति सरविंग):
चेरी में मौजूद पोषण | ||||
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पोषक तत्त्व | मात्रा | |||
कैलोरी | 77 kcal | |||
फैट | 0.5 ग्राम (0 ग्राम संतृप्त) | |||
कार्ब्स | 19 ग्राम | |||
चीनी | 13 ग्राम | |||
सोडीयम | 5 मिलीग्राम | |||
फाइबर | 2.5 ग्राम | |||
प्रोटीन | 1.6 ग्राम | |||
ग्लिसेमिक इंडेक्स | 20 से कम (लो जीआई स्कोर) | |||
ग्लिसेमिक लोड | 6 |
3. खुबानी – Apricot
खुबानी गर्मियों में आने वाला एक मीठा फल है और आपके मधुमेह डाइट प्लान के लिए एक बेहतर विकल्प है। यूएसडीए के अनुसार एक खुबानी में सिर्फ 17 कैलोरी और 4 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो ब्लड शुगर को नहीं बढ़ाता। इसमें भरपूर फाइबर होता है जो आपके पाचन तंत्र के साथ शुगर लेवल्स को कम रखने लिए भी अच्छा होता है।
खुबानी की न्यूट्रिशनल वैल्यू (प्रति सरविंग):
खुबानी में मौजूद पोषण | ||||
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पोषक तत्त्व | मात्रा | |||
कैलोरी | 79 kcal | |||
फैट | 0.6 ग्राम (0 ग्राम संतृप्त) | |||
कार्ब्स | 18 ग्राम | |||
चीनी | 15 ग्राम | |||
सोडीयम | 2 मिलीग्राम | |||
फाइबर | 3.3 ग्राम | |||
प्रोटीन | 2.3 ग्राम | |||
ग्लिसेमिक इंडेक्स | 32 | |||
ग्लिसेमिक लोड | 9 |
4. संतरे – Oranges
संतरा विटामिन सी का एक श्रेष्ठ स्त्रोत है जो आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करने के साथ शरीर से फ्री रेडिकल्स को खत्म कर के गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, स्ट्रोक व दिल की बीमारियों के जोखिम को कम करता है। इसमें फोलेट व पोटेशियम की अच्छी मात्रा ब्लड प्रेशर को नियमित रखती है जिससे टाइप 2 डाईबिटीज़ से जुड़े हृदय रोगों से बचा जा सकता है। न सिर्फ़ संतरे बल्कि अन्य खट्टे फल जैसे अंगूर आदि भी विटामिन सी का अच्छा स्त्रोत है।
संतरे की न्यूट्रिशनल वैल्यू (प्रति सरविंग):
संतरे में मौजूद पोषण | ||||
---|---|---|---|---|
पोषक तत्त्व | मात्रा | |||
कैलोरी | 45 kcal | |||
फैट | 0.1 ग्राम (0 ग्राम संतृप्त) | |||
कार्ब्स | 11 ग्राम | |||
चीनी | 09 ग्राम | |||
फाइबर | 2.3 ग्राम | |||
प्रोटीन | 0.9 ग्राम | |||
ग्लिसेमिक इंडेक्स | 40 | |||
ग्लिसेमिक लोड | 5 |
5. आड़ू – Peaches
रसीला व खुशबूदार आड़ू गर्मी का फल है जिसे डाइबीटिक डाइट प्लान में शामिल किया जा सकता है। इसमें पोषक तत्व जैसे विटामिन सी व पोटेशियम होते है। आड़ू पोटेशियम की दैनिक ज़रूरत का 6% कवर करता है जो पूर्ण स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। यह शुगर लेवल्स को नहीं बढ़ाता इसलिए इसे स्लाइस करके या छाछ, बर्फ व दालचीनी के साथ इसकी स्मूदी भी स्नैक्स की तरह ले सकते हैं।
आड़ू की न्यूट्रिशनल वैल्यू (प्रति सरविंग):
संतरे में मौजूद पोषण | ||||
---|---|---|---|---|
पोषक तत्त्व | मात्रा | |||
कैलोरी | 68 kcal | |||
फैट | 0.4 ग्राम (0 ग्राम संतृप्त) | |||
कार्ब्स | 17 ग्राम | |||
चीनी | 15 ग्राम | |||
फाइबर | 2.6 ग्राम | |||
प्रोटीन | 1.6 ग्राम | |||
ग्लिसेमिक इंडेक्स | 42 | |||
ग्लिसेमिक लोड | 5 |
6. सेब – Apples
रोज एक सेब आपको डॉक्टर से दूर रख सकता है और ये कहावत बिल्कुल सही भी है। सेब में केवल 95 कैलोरी व 25 ग्राम कर्ब होता है जो डाइबीटिक लोगों के लिए एक अच्छा स्नैक या फूड ऑप्शन है। इसे आप कभी भी कहीं भी अपने साथ ले जा सकते हैं चाहे यात्रा में या मार्केट। सेब को उसके छिलके के साथ खान ज़्यादा अच्छा होता है क्यूंकी उसमें अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। सेब में प्रचुर मात्रा में फाइबर भी होता है। यह आपके ब्लड शुगर को नॉर्मल रखता है।
सेब की न्यूट्रिशनल वैल्यू (प्रति सरविंग):
सेब में मौजूद पोषण | ||||
---|---|---|---|---|
पोषक तत्त्व | मात्रा | |||
कैलोरी | 95 kcal | |||
फैट | 0.3 ग्राम (0 ग्राम संतृप्त) | |||
कार्ब्स | 25 ग्राम | |||
चीनी | 19 ग्राम | |||
फाइबर | 4.4 ग्राम | |||
सोडियम | 2 मिलीग्राम | |||
प्रोटीन | 2.5 ग्राम | |||
ग्लिसेमिक इंडेक्स | 38 | |||
ग्लिसेमिक लोड | 5 |
7. नाशपाती – Pear
क्योंकि नाशपाती फाइबर का एक उत्कृष्ट स्रोत है इसलिए यह डाईबीटिक डाइट प्लान का एक सर्वोत्तम भाग बन सकती है। एक मध्यम आकार नाशपाती में लगभग 5.5 ग्राम फाइबर यानि रोज की ज़रूरत का 20% मिलता है। फाइबर शरीर में ग्लूकोस के अवशोषण को धीमा करता है जिससे रक्त प्रवाह में शुगर धीरे-धीरे पहुँचती है और शुगर लेवल कंट्रोल में रहते हैं। नाशपाती को कमरे के तापमान पर तब तक स्टोर करें जब तक कि वे पके और खाने के लिए बिल्कुल सही न हों फिर उन्हें रेफ्रिजरेटर में रखा जा सकता है।
नाशपाती की न्यूट्रिशनल वैल्यू (प्रति सरविंग):
नाशपाती में मौजूद पोषण | ||||
---|---|---|---|---|
पोषक तत्त्व | मात्रा | |||
कैलोरी | 102 kcal | |||
फैट | 0.2 ग्राम (0 ग्राम संतृप्त) | |||
कार्ब्स | 27 ग्राम | |||
चीनी | 17 ग्राम | |||
फाइबर | 6 ग्राम | |||
सोडियम | 2 मिलीग्राम | |||
प्रोटीन | 0.6 ग्राम | |||
ग्लिसेमिक इंडेक्स | 27 | |||
ग्लिसेमिक लोड | 4 |
8. कीवी – Kiwi
कीवी को आप न्यूट्रीएंट्स का पावरहाउज कह सकते हैं। यूएसडीए के अनुसार, एक कीवी में 215 मिलीग्राम पोटेशियम (डीवी का 5 प्रतिशत), 64 मिलीग्राम विटामिन सी (डीवी का 71 प्रतिशत) और 2 ग्राम फाइबर (डीवी का 8 प्रतिशत) होता है। इसमें अनुकूल मात्रा में कैलोरी व कार्ब होते हैं जो आपके मधुमेह डाइट के लिए एक स्मार्ट ऑप्शन है। कीवी पूरे साल मिलने वाला फल है। इसमें मौजूद फाइबर, विटामिन सी व पोटेशियम ब्लड शुगर नॉर्मल रखने के साथ इनफ्लेमेशन व गंभीर बीमारियों के रिस्क को कम करते है। इन बीमारियों को टाइप 2 डायबिटीज़ से जुड़े जोखिमों के रूप मे देखा जाता है जैसे हार्ट प्रॉब्लेम, हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक आदि। इसमें उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट्स कैंसर व अन्य कई गंभीर बीमारियों से भी बचाते है।
कीवी की न्यूट्रिशनल वैल्यू (प्रति सरविंग):
कीवी में मौजूद पोषण | ||||
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पोषक तत्त्व | मात्रा | |||
कैलोरी | 42 kcal | |||
फैट | 0.4 ग्राम (0 ग्राम संतृप्त) | |||
कार्ब्स | 10 ग्राम | |||
चीनी | 06 ग्राम | |||
फाइबर | 2.1 ग्राम | |||
सोडियम | 2 मिलीग्राम | |||
प्रोटीन | 0.8 ग्राम | |||
ग्लिसेमिक इंडेक्स | 50 | |||
ग्लिसेमिक लोड | 7.7 |
9. अंगूर या Grapes
अपने पोषण प्रोफ़ाइल के वजह से अंगूर फायदेमंद होते हैं। इनमें कॉपर या तांबा प्रचुर मात्रा में होता है जो ऊर्जा उत्पादन में मदद करता है। इसके अतिरिक्त इसमें विटामिन-के भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। यह रक्त के थक्के को बनने में मदद करता है यानि घावों को ठीक करने में मदद करता है। इसी के साथ यह हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने में भी सहायता करता है। अंगूर में फाइबर भी अच्छी खासी मात्रा में आता है और यह आसानी से शुगर लेवल्स को नहीं बढ़ाता।
इसे लो जीआई फूड में रखा जाता है और इसमें शुगर ना के बराबर होती है।
अंगूर की न्यूट्रिशनल वैल्यू (प्रति सरविंग):
अंगूर में मौजूद पोषण | ||||
---|---|---|---|---|
पोषक तत्त्व | मात्रा | |||
कैलोरी | 62 kcal | |||
फैट | 0.3 ग्राम (0 ग्राम संतृप्त) | |||
कार्ब्स | 16 ग्राम | |||
चीनी | 15 ग्राम | |||
फाइबर | 0.8 ग्राम | |||
सोडियम | 2 मिलीग्राम | |||
प्रोटीन | 0.6 ग्राम | |||
ग्लिसेमिक इंडेक्स | 53 | |||
ग्लिसेमिक लोड | 5 |
10. खट्टे फल – Citrus Fruits
खट्टे फल स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इनमें विटामिन सी व अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शुगर लेवल कम करने के साथ-साथ कई स्वास्थ्य परेशानियों को दूर करते हैं। यह इम्यूनिटी को भी बढ़ाते हैं। नींबू की एक स्लाइस खाने व पेय में मिलने से इसके गुणों के साथ एक अच्छा टैस्ट मिलता है।
निम्न जीआई फल (20-49) – Low GI Fruits
- सेब
- एवोकाडो
- ब्लैकबेरी
- चेरी
- चकोतरा
- आड़ू
- रहिला
- बेर
- स्ट्रॉबेरीज
मध्यम जीआई फल (50-69) – Medium GI Fruits
- अंजीर
- अंगूर
- कीवी फल
- आम
- संतरे
- किशमिश
- अधपके केले
डायबिटीज पेशेंट्स के लिए फल खाने का सही समय? – Best Time to Consume Fruits for a Diabetes Patients
पोषण विशेषज्ञ की मानें तो वे फल खाने के लिए दोपहर 1-4 बजे सबसे अच्छा समय मानते हैं, खासकर मधुमेह रोगियों के लिए। यह शरीर में शर्करा के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है, और इस समय के आसपास पाचन भी तेज होता है।
एक और बात यह है कि यदि मधुमेह रोगी दोपहर 1 बजे के आसपास फल खाते हैं, जो कि दोपहर के भोजन से लगभग पहले होता है, तो वे अधिक खाने से भी बच सकते हैं, जो आमतौर पर शर्करा के स्तर में वृद्धि के लिए जिम्मेदार होता है। इससे उनका वज़न भी नियंत्रित किया जा सकता है जो टाइप 2 डाईबिटीज़ के विकास का एक कारण है।
शुगर में किन फलों को खाने से बचे? – Which Fruits to Avoid in Diabetes
फल विटामिन, खनिज और फाइबर का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं, लेकिन कभी-कभी उनमें चीनी की मात्रा अधिक हो सकती है। मधुमेह वाले लोगों को अपने रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ने से रोकने के लिए फलों और उनमें मौजूद चीनी की मात्रा पर नजर रखनी चाहिए।
ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) बताता है कि कोई विशेष खाद्य पदार्थ खाने के बाद किसी व्यक्ति के रक्त शर्करा को कितना बढ़ा सकता है।
यदि किसी भोजन का जीआई स्कोर 70 से 100 के बीच है, तो उसमें चीनी की मात्रा अधिक होती है। हाई जीआई स्कोर वाले फल आपके शुगर लेवल को बढ़ाते है और डायबिटिक लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं। इस श्रेणी में शामिल कुछ फल जिनसे शुगर मरीजों को बचना चाहिए:
तरबूज – Watermelon
तरबूज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 70 और 100 के बीच उच्च होता है। इनमें चीनी बहुत अधिक होती है इसलिए मधुमेह या डाइबीटिक लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
किशमिश – Risins
मधुमेह के लोगों के लिए किशमिश फल का अच्छा विकल्प नहीं है। इनमें उच्च मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो मधुमेह वाले लोगों के लिए अच्छा नहीं है।
अनानास – Pineapple
अनानास मधुमेह वाले व्यक्ति के रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि कर सकता है, क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट ज़्यादा होता है। यह शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है इसलिए डाइबीटिक लोग इसे खाने से बचें।
अत्यधिक पके केले
अत्यधिक पके केले में शर्करा की मात्रा अधिक होती है और यह मधुमेह वाले व्यक्ति के रक्त शर्करा के स्तर में अचानक वृद्धि कर सकता है। इस फल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स स्कोर भी उच्च होता है इसलिए मधुमेह वाले लोगों को इससे बचना चाहिए।
इसके अलावा फलों का रस, पैक और प्रसंस्कृत (processed) फल, डिब्बाबंद व सूखे मेवे भी शुगर लेवल को बढ़ाते हैं। अमेरिकन डाईबिटीज़ एसोसिएशन (एडीए) सुझाव देता है कि हमेशा लेबल को जाँच कर व बिना चीनी वाले पैक फ्रूट्स लें। पैक या प्रोसेस फ्रूट की जगह फ्रोज़न फ्रूट खाए जा सकते हैं।
शुगर में खाये जाने वालो फलों की सूची – List of Fruits to Eat in Diabetes
- पपीता
- खीरा
- नींबू
- अमरूद
- एवोकाडो
- चकोतरा
- स्ट्रॉबेरीज
- ब्लैकबेरी
- कीवी
- टमाटर
- आड़ू
- खरबूजा
निष्कर्ष – Conclusion
फल, विशेष रूप से, आवश्यक पोषक तत्वों से भरे होते हैं जो आपके शरीर को सूजन से लड़ने से लेकर कैंसर जैसी अन्य पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने के लिए आवश्यक होते हैं। कई फल छिलके सहित खाए जाते हैं जिनमें फाइबर भरपूर मात्रा में होता है। फल पानी की कमी को भी पूरा करते हैं और व्यक्ति को हाईड्रेट रखते हैं। फलों में मौजूद पोषक तत्व शुगर लेवल को कम करने के साथ कई बीमारियों से शरीर को बचाते हैं। यह विटामिन, फाइबर, मिनरल, प्रोटीन, प्लांट कम्पाउन्ड व एंटीऑक्सीडेंट्स से भरे होते हैं। यह आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रूरी है। इसलिए डाइबीटिक लोग इनकी मात्रा व प्रॉपर्टीस को देख कर इन्हें अपने डाइट प्लान में शामिल करें। इसके लिए आप किसी एक्सपर्ट से मदद ले सकते हैं।
सामान्यता पूछे जाने वाले प्रश्न:
डायबिटीज में केला खा सकते हैं क्या?
केले मधुमेह वाले लोगों के लिए संतुलित डाइट का हिस्सा बन सकते है यदि उसे सुरक्षित तरीके से सही मात्रा व सही समय पर खाया जाए। केले में कम कैलोरी के साथ अच्छी मात्रा में संतृप्त वसा, सोडियम, फाइबर, व अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं।
केले पोटेशियम का एक प्रमुख स्रोत भी हैं जो रक्त में सोडियम के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार हरे या कच्चे केले पके केले की तुलना में रक्त शर्करा पर धीमा प्रभाव डालते हैं।
पके केले की तुलना में कच्चे केले में स्टार्च अधिक होता है। शरीर कम जटिल शर्करा के रूप में आसानी से स्टार्च को नहीं तोड़ सकता है। इससे रक्त शर्करा में धीरे धीरे शुगर रिलीज होती है व शुगर लेवल्स नियंत्रित रहते हैं। इसलिए कच्चे केले एक अच्छा विकल्प है।
शुगर के मरीज के लिए कौन सा भारतीय फल अच्छा है?
भारतीय आंवले या आंवला, विशेष रूप से, एंटीऑक्सिडेंट और पॉलीफेनोल्स से भरे होते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करने के लिए अच्छे होते हैं। इसलिए आंवला मधुमेह के लिए कई आयुर्वेदिक दवाओं में मिलाया जाने वाला एक प्रमुख तत्व है। इसे की घर के नुस्खों में भी शामिल किया जाता है।
कौन से फल में शुगर नहीं होती है?
ऐसे कई फल हैं जिनमें बहुत कम या बिल्कुल भी चीनी नहीं होती है। उन्हें मधुमेह के अनुकूल फल के रूप में जाना जाता है। ये फल हैं पपीता, खीरा, नींबू, अमरूद, एवोकैडो, ग्रेपफ्रूट, स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी, कीवी, टमाटर, आड़ू, खरबूजा आदि।
शुगर के मरीज कौन कौन से फल खा सकते हैं?
एक मधुमेह रोगी जामुन, चेरी, अंगूर, कीवी, सेब, एवोकैडो, खुबानी, संतरा, आड़ू, नाशपाती, पपीता आदि जैसे फल खा सकता है जो लो कार्ब और उच्च फाइबर वाले कम जीआई फल हैं। इनमें मौजूद फाइबर भोजन में से चीनी के अवशोषण को धीमा करता है जिससे रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है। कई फलों में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, खासकर उनके छिलके व गूदे में इसलिए ऐसे फलों को छिलके सहित खाना अच्छा रहता है। अधिक फाइबरयुक्त खाना खाने से पेट जल्दी भर जाता है और व्यक्ति को बार-बार भूख नहीं लगती।
फल और सब्जियों से भरपूर डाइट मोटापे, दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकती हैं। मोटापा टाइप 2 मधुमेह के खतरे को बढ़ाता है जिससे नियंत्रित करके इसे रोक या देर किया जा सकता है।
इसलिए फाइबर और पोषक तत्वों से भरे इन खाद्य पदार्थों को अपनी डायबिटिक डाइट प्लान में जरूर शामिल करें।
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